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Bihar Politics : केंद्र में मंत्री पद के लिए मुजफ्फरपुर का सूखा समाप्त, 15 साल बाद भी वैशाली की झोली खाली

PM Modi 3.0 Minister केंद्र में मंत्री पद के लिए मुजफ्फरपुर लोकसभा सीट का 26 साल का सूखा समाप्त हो गया है। परंतु वैशाली सीट को अभी भी इंतजार है। बता दें कि नालंदा से सांसद रहते हुए जार्ज फर्नांडीज 1998 से 2004 तक रक्षा मंत्री रहे थे। लगातार एनडीए के 3 सांसद रहने के बाद भी मंत्रिमंडल में वैशाली सीट अपनी जगह नहीं बन पाई है।

By Prem Shankar Mishra Edited By: Yogesh Sahu Updated: Mon, 10 Jun 2024 10:05 AM (IST)
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Bihar Politics: केंद्र में मंत्री पद के लिए मुजफ्फरपुर का सूखा समाप्त, 15 साल बाद भी वैशाली की झोली खाली
प्रेम शंकर मिश्रा, मुजफ्फरपुर। PM Modi Cabinet 3.0 : 26 साल के बाद मुजफ्फरपुर संसदीय सीट का सूखा समाप्त हुआ। यहां से सांसद बने डा. राज भूषण चौधरी को मोदी मंत्रिमंडल में जगह मिली है। रविवार को डा. चौधरी ने राज्यमंत्री के रूप में शपथ ली।

हालांकि, वैशाली 15 साल बाद भी मंत्री पद से खाली रह गई, जबकि यहां लगातार तीसरी बार एनडीए से सांसद हैं। विदित हो कि जार्ज फर्नांडीज 1977 में पहली बार जनता सरकार में मुजफ्फरपुर संसदीय सीट से जीतकर मंत्री बने थे और 1989 से 1991 तक मंत्री रहे।

इसके बाद वह नालंदा चले गए। वहां से वह 1998 से 2004 तक रक्षा मंत्री के रूप में रहे। इसके बाद 2004 के लोकसभा चुनाव में वह मुजफ्फरपुर लौटे। यहां से जीत मिली, मगर केंद्र में एनडीए की वापसी नहीं हुई। इसके अगले लोकसभा चुनाव में एनडीए सत्ता से बाहर रही।

इस कारण जदयू से सांसद निर्वाचित होने के बाद भी कैप्टन जय नारायण निषाद मंत्री पद नहीं पा सके। कैप्टन निषाद वाजपेयी मंत्रिमंडल में वर्ष 1996-98 में वन एवं पर्यावरण राज्य मंत्री रहे थे। इसके बाद से इस सीट से कोई मंत्री नहीं बन सका था।

भाग्यशाली रहे राज भूषण चौधरी

Bihar Politics : वर्ष 2014 से लगातार दो चुनावों में एनडीए सत्ता में आई। साथ ही दोनों बार भाजपा से अजय निषाद सांसद बने, मगर मंत्री पद नहीं पा सके। जबकि, दूसरी बार उन्होंने चार लाख से अधिक वोटों से जीत दर्ज की थी। इस मामले में डा. राज भूषण चौधरी भाग्यशाली रहे।

महज दो साल पहले वीआइपी से भाजपा में शामिल हुए। सीटिंग एमपी का टिकट काट पार्टी ने उम्मीदवार बनाया। चुनाव के दौरान उनपर बाहरी होने का बड़ा आरोप लगा। उन्होंने इन आरोपों को इस आधार पर नकारा कि वह यहां के मतदाता पहले ही बन चुके थे। यहां घर भी खरीदा।

मुजफ्फरपुर की जनता ने नरेन्द्र मोदी के नाम और स्वच्छ छवि के कारण उन्हें 2.34 लाख के बड़े अंतर से विजयी बनाया। यह बिहार में वोटों के अंतर की सबसे बड़ी जीत रही। भाग्यशाली रहे कि मंत्रिमंडल में जगह भी मिल गई।

वैशाली को दो बार ही प्रतिनिधित्व

वैशाली संसदीय सीट (Vaishali Lok Sabha Seat) से दो बार ही सांसदों को केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह मिली है। पहली बार वीपी सिंह सरकार में जनता दल की उषा सिन्हा 1989 में मंत्री बनीं। इसके बाद इस सीट को मंत्री पद के लिए लंबा इंतजार करना पड़ा।

यूपीए-एक की सरकार में राजद से सांसद डा. रघुवंश प्रसाद सिंह 2004 में मंत्री बने। 2009 में विजयी होने के बाद भी वह मंत्री नहीं बने। इसके बाद से यह सीट लोजपा के पास है। तीन बार इसी पार्टी के सांसद तो रहे, मगर केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली।

मुजफ्फरपुर संसदीय सीट से ये रहे मंत्री

  • जार्ज फर्नांडीज : 1977-1980, 1989-90 एवं 1998-2004 (नालंदा संसदीय सीट से)
  • एलपी शाही : 1984-1989
  • कैप्टन जय नारायण निषाद : 1996-1998

वैशाली संसदीय सीट से ये रहे मंत्री

  • उषा सिन्हा : 1989-1991
  • डा. रघुवंश प्रसाद सिंह : 2004-2009
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