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Muzaffarpur News: डाक विभाग में एक और फर्जीवाड़ा, डाककर्मी ले रहे फर्जी शैक्षणिक भत्ता; जांच हुई शुरू

Bihar News डाक विभाग में फर्जीवाड़ा घोटाला व गबन का दौर रुकने का नाम नहीं ले रहा है। विभाग के वरीय अधिकारी समय से कार्रवाई नहीं कर रहे इसके कारण नए-नए घपला-घोटाले सामने आ रहे हैं। दो लाख से 20 लाख रुपये बनाने फर्जी खाता खोल सरकारी खजाने में सेंधमारी करने के ताजा मामला प्रधान डाकघर में आने के बाद एक और बड़े घपले का मामला सामने आया है।

By Gopal TiwariEdited By: Prateek JainUpdated: Mon, 04 Dec 2023 09:32 PM (IST)
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Muzaffarpur News: डाक विभाग में एक और फर्जीवाड़ा, डाककर्मी ले रहे फर्जी शैक्षणिक भत्ता; जांच हुई शुरू
जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। डाक विभाग में फर्जीवाड़ा, घोटाला व गबन का दौर रुकने का नाम नहीं ले रहा है। विभाग के वरीय अधिकारी समय से कार्रवाई नहीं कर रहे, इसके कारण नए-नए घपला-घोटाले सामने आ रहे हैं।

दो लाख से 20 लाख रुपये बनाने, फर्जी खाता खोल सरकारी खजाने में सेंधमारी करने के ताजा मामला प्रधान डाकघर में आने के बाद एक और बड़े घपले का मामला सामने आया है। एक डाककर्मी द्वारा फर्जी दस्तावेज के आधार पर बच्चे के नाम वर्षों से शैक्षणिक भत्ता प्राप्त कर विभाग को चूना लगा रहा है।

नियम के अनुसार, दो जीवित संतानों को ही 28 हजार रुपये शैक्षणिक सालाना भत्ता मिलता है। जुड़वा होने की स्थिति में तीन संतान के लिए यह लागू होगा। सामान्य स्तर पर दो बच्चों को ही भत्ता मिलता है। माना जा रहा है कि इस तरह के फर्जीवाड़ा का बड़ी संख्या में मामला हो सकता है।

कर्मी ने पहली बेटी का जन्‍म छुपाया

इस मामले में बिहार सिविल सोसाइटी के अध्यक्ष आचार्य चंद्र किशोर पाराशर ने पोस्ट मास्टर जनरल उत्तरी क्षेत्र को पत्र देकर इस तरह के कई घपले होने का दावा किया है।

उन्होंने एक डाक सहायक के तीन बच्चे होने के बाद एक प्रथम बेटी को छिपाकर दो बेटे का शैक्षिणक भत्ता प्राप्त करने का घपले की आशंका जताते हुए जांच की मांग की है।

उन्होंने पोस्ट मास्टर जनरल परिमल कुमार सिन्हा को कुछ दिनों पहले पत्र भेजा है। इसकी प्रतिलिपि प्रधानमंत्री, संचार मंत्री, चीफ पोस्टमास्टर जनरल सहित पटना से लेकर दिल्ली तक के कई बड़े डाक अधिकारियों को पत्र भेजकर जांच कराने की मांग की, उसके बाद पीएमजी के आदेश पर जांच शुरू हो गई है।

दूसरे बच्‍चों के जुड़वा होने पर तीनों के लिए भत्‍ता मिलने का है न‍ियम

डिप्टी सुपरइटेंडेंट संतोष कुमार झा द्वारा जांच शुरू कर दी गई है। इस मामले को लेकर पीएमजी परिमल कुमार सिन्हा का पक्ष लेने के लिए कॉल किया गया, लेकिन उन्होंने काल रिसीव नहीं किया।

सोसाइटी के अध्यक्ष द्वारा दिए गए पत्र में कहा गया है कि सरकारी कर्मियों को प्रथम दो जीवित संतान को 12वीं कक्षा तक शिक्षण भत्ता दिए जाने का प्राविधान हैं। दूसरे बच्चे के जुड़वा होने की स्थिति में इस तीनों बच्चों को देने का प्रावि‍धान हैं, परंतु प्रधान डाकघर मुजफ्फरपुर में कार्यरत कर्मी द्वारा विभाग को गलत सूचना दी गई।

तीन संतान में से प्रथम एवं द्वितीय संतान की जगह पर द्वितीय एवं तृतीय संतान का शिक्षण भत्ता वर्षों से प्राप्त कर रहे हैं। तृतीय संतान वेद प्रकाश के जन्म तिथि में भी छेड़छाड़ कर दो वर्ष कम कर अधिक समय तक शैक्षणिक ले रहे हैं। सोसाइटी के अध्यक्ष ने राशि की वसूली करते हुए दोषी कर्मी पर विभागीय कार्रवाई के साथ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की है।

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