मुजफ्फरपुर में मोतियाबिंद ऑपरेशन में बड़ा फर्जीवाड़ा, सरकार के साथ मरीजों से वसूले पैसे; मामले की जांच जारी
मुजफ्फरपुर में तीन निजी अस्पतालों की ओर से किए गए मोतियाबिंद ऑपरेशन में फर्जीवाड़ा की बात सामने आई है। इसके बाद मामले की जांच के लिए मंगलवार को राज्य मुख्यालय की तीन सदस्यीय टीम पहुंची। जांच टीम में निदेशक प्रमुख निहारिका शरण के साथ अपर निदेशक डॉ. रत्ना शरण और डॉ.अशोक कुमार शामिल रहे। टीम ने एसीएमओ (अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी) कार्यालय से कागजात लिए।
By Jagran NewsEdited By: Jagran News NetworkUpdated: Wed, 23 Aug 2023 02:56 PM (IST)
अमरेन्द्र तिवारी, मुजफ्फरपुर: मुजफ्फरपुर में तीन निजी अस्पतालों की ओर से किए गए मोतियाबिंद ऑपरेशन में फर्जीवाड़ा की बात सामने आई है। इसके बाद मामले की जांच के लिए मंगलवार को राज्य मुख्यालय की तीन सदस्यीय टीम पहुंची।
जांच टीम में निदेशक प्रमुख निहारिका शरण के साथ अपर निदेशक डॉ. रत्ना शरण और डॉ.अशोक कुमार शामिल रहे। टीम ने एसीएमओ (अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी) कार्यालय से कागजात लिए। बताया जा रहा कि मोतियाबिंद ऑपरेशन के लिए सरकार से अनुदान के अलावा पीड़ितों से भी राशि ली गई।
इसके अलावा निदेशक प्रमुख सदर अस्पताल भी पहुंचीं। यहां आइओटी यानी ऑपरेशन थियेटर के बारे में जानकारी ली। अधीक्षक डॉ. बीएस झा को टास्क दिया गया है कि जितनी जल्दी हो सके ऑपरेशन थियेटर को चालू कराएं। टीम ने एसीएमओ डॉ. एसपी सिंह से जिला अंधापन निवारण के बारे में जानकारी ली।
बताया जा रहा है कि इस मामले को लेकर संतोष कुमार ने जिलाधिकारी से लेकर लोकायुक्त तक शिकायत की थी। इसके बाद राज्य मुख्यालय की टीम जांच के लिए पहुंची थी। टीम एक निजी अस्पताल में भी जाकर वहां के मरीजों के बारे में जानकारी ली। उसके बाद मधौल पहुंकर आशा देवी तथा आधा दर्जन मरीज से बातचीत कर पटना लौट गई।
इस शिकायत पर पहुंची थी जांच टीम
संतोष कुमार ने लोकायुक्त के यहां शिकायत की थी। उन्होंने कहा कि जिले में मोतियाबिंद ऑपरेशन में फर्जीवाड़ा किया गया है। मोतियाबिंद ऑपरेशन के नाम पर आधार कार्ड के साथ दो हजार की राशि ली गई है। उसके साथ उसी आदमी के नाम पर दो हजार ऊपर से वसूल लिया गया। जिला अंधापन निवारण समिति के कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से यह सब खेल चल रहा है।जांच रिपोर्ट के आधार पर होगी कार्रवाई
अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. एसपी सिंह ने कहा, "राज्य मुख्यालय से निदेशक प्रमुख के नेतृत्व में टीम आई थी। अंधापन निवारण की योजना पर बातचीत हुई है। टीम ने क्या जांच की यह जानकारी नहीं मिली है।"
डॉ. एसपी सिंह ने कहा, "अंधापन निवारण समिति की ओर से जो भुगतान किया जाता है। वह कागजात टीम को दिया गया है। जांच रिपोर्ट के आधार पर जो आदेश मुख्यालय से आएगा। उसका पालन किया जाएगा।"
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