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Muzaffarpur News: मुजफ्फरपुर ट्रैफिक थाने का दारोगा लाइन हाजिर, चार जवानों को भी गश्त से हटाया

Muzaffarpur News मुजफ्फरपुर में यातायात थाने के दारोगा सदरे आलम को लाइन हाजिर कर दिया गया है और चार जवानों को गश्ती दल से हटा दिया गया है因为 वे बिना वरीय अधिकारी की जानकारी के हाइवे पर वाहन जांच कर रहे थे और बाइक सवार से रुपये लेने का आरोप है। यह दारोगा पहले भी विजिलेंस के हत्थे चढ़ चुका है।

By Sanjiv Kumar Edited By: Sanjeev Kumar Updated: Tue, 19 Nov 2024 03:26 PM (IST)
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मुजफ्फरपुर में दारोगा को किया गया लाइन हाजिर (जागरण)
जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। Muzaffarpur News: शहर से हटकर हाइवे पर वाहन जांच करने के मामले में यातायात थाने के दारोगा सदरे आलम को लाइन हाजिर कर दिया गया है। वहीं उनके साथ गश्त में तैनात चार जवानों को गश्ती दल से हटा दिया गया है। इस कार्रवाई के बाद ट्रैफिक थाने के जवानों में हड़कंप मच गया है।

जानकारी के मुताबिक रविवार को यातायात थाने के दारोगा सदरे आलम बिना वरीय अधिकारी को जानकारी दिए रूट से हटकर दिघरा के समीप हाइवे पर वाहन जांच कर रहे थे। इस दौरान बाइक सवार को रोककर कागजात सही होने के बाद भी जुर्माने का डर दिखाकर परेशान किया जा रहा था। आमलोगों का आरोप है कि इस दौरान बाइक सवार से रुपया भी लिया गया।

कागजात सही फिर भी रुपये लेने का आरोप

स्थानीय सरपंच चंदन कुमार ने आमलोगों से मिली जानकारी के बाद जब हाईवे किनारे दिघरा में पहुंचे। तब वहां पर मौजूद बाइक सवार ने उनसे वाहन जांच के दौरान कागजात सही होने के बाद भी रुपये लेने की शिकायत की। इसके बाद सरपंच ने इसकी शिकायत सिटी एसपी से की थी।

सिटी एसपी विक्रम सिहाग ने शिकायत को गंभीरता से लेते हुए ट्रैफिक डीएसपी से पूरे मामले में रिपोर्ट मांगी थी। जांच के बाद ट्रैफिक डीएसपी ने रिपोर्ट सौंप दिया। ट्रैफिक डीएसपी नीलाभ कृष्ण ने बताया कि बिना वरीय अधिकारी के संज्ञान में दिए रूट से हटकर गश्ती करने के मामले में कार्रवाई की गई है। दारोगा को लाइन हाजिर कर दिया गया है। वहीं जवानों को गश्ती से हटा दिया गया है।

विजिलेंस के हत्थे भी चढ़ चुका है दारोगा सदरे आलम

दारोगा सदरे आलम करीब तीन वर्ष पूर्व जब अहियापुर थाने में तैनात था तो एक केस में रिश्वत लेते हुए विजिलेंस के हत्थे चढ़ चुका है। एक केस में नाम हटाने को लेकर 10 हजार रुपये का रिश्वत लेते हुए विजिलेंस की टीम ने पकड़ा था। जेल से बाहर निकलने के बाद सदरे आलम को ट्रैफिक थाने में तैनात किया गया था, लेकिन वह अपनी आदत से वह बाज नहीं आया।

दारोगा का काम क्या होता है?

  • कानून और व्यवस्था बनाए रखना: दरोगा की जिम्मेदारी होती है कि वह अपने क्षेत्र में कानून और व्यवस्था को बनाए रखे और अपराध को रोके। 
  • जांच और मामला दर्ज करना: दरोगा को अपराध की जांच करने और मामला दर्ज करने की शक्ति होती है।
  • गिरफ्तारी करना: दरोगा को अपराधी को गिरफ्तार करने की शक्ति होती है।
  • न्यायालय में पेशी: दरोगा को न्यायालय में पेशी करनी होती है और मामले की जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होती है।
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