Muzaffarpur News: पेंडिंग जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र का काम 15 दिनों में होगा पूरा, विभाग को मिले नए कंप्यूटर ऑपरेटर
मुजफ्फरपुर में नगर निगम कार्यालय के जन्म-मृत्यु निबंधन विभाग को लंबित प्रमाणपत्र खत्म करने के लिए 15 दिनों का समय मिला है। नई बेवसाइट से जब से आवेदन की प्रक्रिया शुरू हुई थी सर्वर खराब होने से लॉग-इन नहीं हो पा रहा था। कभी ओटीपी ऑथेंटिकेशन नहीं हो पा रहा था। कभी लॉग-इन भी हो जाता लेकिन फॉर्म भरने के बीच में ही सर्वर डाउन हो जाता।
जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। नगर निगम कार्यालय के जन्म-मृत्यु निबंधन विभाग को लंबित प्रमाणपत्र खत्म करने के लिए 15 दिनों का समय मिला। इसके लिए विभाग को तीन अतिरिक्त कंप्यूटर ऑपरेटर भी मिले हैं।
नई बेवसाइट से जब से आवेदन की प्रक्रिया शुरू हुई थी सर्वर खराब होने से लॉग-इन नहीं हो पा रहा था। कभी ओटीपी ऑथेंटिकेशन नहीं हो पा रहा था। कभी लॉग-इन भी हो जाता, लेकिन फॉर्म भरने के बीच में ही सर्वर डाउन हो जाता।
पूरे दिन एक भी प्रमाणपत्र नहीं बनता था। हफ्तों काउंटर पर लिंक फेल का नोटिस लगा रहता था। जो भी आता था उसका आवेदन लेकर रख लिया जाता था। इससे आवेदन लंबित होते जा रहे थे।
पिछले दो-तीन दिन से बेवसाइट सही चलने से लंबित आवेदनों के निपटारा जल्द से जल्द हो इसके लिए मंगलवार से तीन अतिरिक्त कंप्यूटर ऑपरेटर भी इस विभाग को मिले हैं।
सात जून से अब तक कुल 800 आवोदन लंबित हैं। इसमें जन्म प्रमाणपत्र के 600 व मृत्यु प्रमाणपत्र के 200 आवोदन लंबित हैं। विदित हो सर्वर खराब होने से प्रमाणपत्र नहीं बनने के कारण कई लोगों को आधार कार्ड बनवाने, नामांकन कराने व पेंशन के लिए परेशानी हो रही थी।
डीएम व डीडीसी भी करेंगे आवास योजना का पर्यवेक्षण
प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के बढ़ते लंबित मामले को देखते हुए अब डीएम व डीडीसी को भी पर्यवेक्षण कर इसका तेजी से निष्पादन कराने की जिम्मेदारी दी गई है। राज्य के विभिन्न जिलों में आवास योजना के हजारों मामले लंबित हैं। प्रखंड स्तरीय पदाधिकारियों की ओर से इसे पूरा करने में शिथिलता बरती जा रही है।
इसे देखते हुए ग्रामीण विकास विभाग ने अहम निर्णय लिया है। प्रत्येक माह 10-10 अपूर्ण योजनाओं का पर्यवेक्षण करेंगे और देरी के कारणों की समीक्षा करेंगे। दोषी पदाधिकारी व कर्मियों के विरुद्ध कार्रवाई भी करेंगे। साथ ही अधूरे आवास तेजी से पूरा हो, इसके लिए जागरूकता अभियान और जनसंवाद अभियान भी क्षेत्र में चलाने के लिए संबंधितों को निर्देशित करेंगे, ताकि अधूरे आवास को शीघ्र पूरा कराया जा सके।
विदित हो कि जिले में करीब 1300 ऐसे लाभुक हैं, जिन्होंने तीनों किस्त की राशि लेकर आवास नहीं बनाया। इसके अलावा तीन हजार से अधिक ऐसे लाभुक हैं, जिनका आवास पूरा नहीं हुआ। साथ ही भुगतान करने की प्रक्रिया में भी देरी होने की बात सामने आई है। इन सभी बिंदुओं पर निरीक्षण करेंगे। प्रखंड स्तरीय पदाधिकारियों के कार्यकलाप का भी अवलोकन करेंगे कि वे कितनी गंभीरता के साथ निर्देशों का अनुपालन कर रहे हैं।
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