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पोस्टमार्टम से बच रही बिहार पुलिस, गर्दन फंसने के डर से कानून ताख पर; क्या 1973 की धारा 174 से अंजान हैं कर्मी?

Muzaffarpur News हादसे में भी मौत होने पर शव का पोस्टमार्टम होना चाहिए। इससे मौत की असल वजह पता चलती है। पता चलता है कि कहीं किसी व्यक्ति की मौत संदिग्ध परिस्थितियों में तो नहीं हुई। हालांकि पुलिस पोस्टमार्टम नहीं करा रही है। पुलिस तो बिना पोस्टमार्टम कराए शवों को ऐसे ही स्वजन को सौंप रही है। इससे मौत के कारण का सही पता नहीं चल पा रहा है।

By Gopal TiwariEdited By: Aysha SheikhUpdated: Sun, 08 Oct 2023 12:10 PM (IST)
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पोस्टमार्टम से बच रही बिहार पुलिस, गर्दन फंसने के डर से कानून ताख पर
जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। संदिग्ध परिस्थिति ही नहीं हादसे में भी मौत की स्थिति में शव का पोस्टमार्टम कराया जाना चाहिए। आपराधिक प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा 174 पुलिस को ऐसे मामलों में जांच करने और रिपोर्ट करने का अधिकार देती है।

इस धारा का उद्देश्य यह पता लगाना है कि क्या किसी व्यक्ति की मौत संदिग्ध परिस्थितियों में हुई है? यदि हां तो मृत्यु का कारण क्या है? सुप्रीम कोर्ट की इस व्यवस्था के इतर जिले की पुलिस संदिग्ध मामले में मिले शव का पोस्टमार्टम करने से कतरा रही है।

बिना पोस्टमार्टम स्वजन को सौंपा शव

शुक्रवार की सुबह माड़ीपुर ओवरब्रिज के नीचे किशोरी रागिनी कुमारी का शव मिला था। शव को बरामद करने के बाद भी पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए नहीं भेजा। काजी मोहम्मदपुर थाने की पुलिस ने किशोरी का शव उसके स्वजन बिना पोस्टमार्टम कराए सौंप दिया।

यहां तक कि मामले में यूडी केस भी दर्ज नहीं किया गया। अब पुलिस की इस कार्य व्यवस्था से रागिनी की मौत के कारण का पता नहीं चल सकेगा। यहां सवाल भी उठ रहा कि पुलिस क्या मौत जैसे गंभीर मामले में स्वजन या अन्य किसी व्यक्ति की बातों पर निर्णय लेगी?

2 घंटे तक रेल लाइन किनारे पड़ा रहा शव

अब शुक्रवार को ही मिस्काट में ट्रैक किनारे मिले छोटी कल्याणी के युवक बंटी के क्षत-विक्षत शव की बात है। बंटी का शव 12 घंटे तक रेल लाइन किनारे पड़ा रहा। रेल कर्मियों द्वारा जीआरपी को सूचना दी गई। इसके बाद भी शव नहीं उठा।

जीआरपी थानाध्यक्ष प्रवीण कुमार का कहना है कि आउटर सिग्नल के बाहर होने को लेकर मिठनपुरा थाने की पुलिस को इसकी सूचना दे दी गई है। जीआरपी और स्थानीय मिठनपुरा थाने के सीमा विवाद में इतनी देर तक शव पड़ा रहा। सूचना मिलने के साथ कार्रवाई शुरू होती तो कुछ जानकारी मिल सकती थी।

‘संदिग्ध परिस्थति में मौत के मामले के शवों का पोस्टमार्टम कराना जरूरी है। अगर ऐसा नहीं हो रहा है तो कार्रवाई की जाएगी। माड़ीपुर पुल के समीप मिला किशोरी का शव पुलिस के कब्जे से कैसे चला गया, यह मेरे संज्ञान में नहीं है। इसकी जांच कराई जाएगी। मिस्काट के पास युवक के मिले शव की पहचान हो गई है। इस मामले में छानबीन चल रही है।’ - राकेश कुमार, एसएसपी, मुजफ्फरपुर

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