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Bihar Bijli: बिजली विभाग के ऐप और सिस्टम में तालमेल नहीं, उपभोक्ता परेशान; कब मिलेगा समाधान?

बिजली विभाग के ऐप और सिस्टम में तालमेल का अभाव उपभोक्ताओं के लिए परेशानी का सबब बन गया है। बिहार सुगम स्मार्ट मीटर ऐप में खपत कम दिख रही है जबकि विभाग के सिस्टम में अधिक। अधिक लोड का पैसा डिफरमेंट चार्ज के रूप में कट रहा है। उपभोक्ता परेशान हैं और विभागीय अधिकारी तीन महीने में भी ऐप में सुधार नहीं कर पा रहे हैं।

By Gopal Tiwari Edited By: Rajat Mourya Updated: Tue, 19 Nov 2024 02:24 PM (IST)
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बिजली विभाग के ऐप और सिस्टम में तालमेल नहीं, उपभोक्ता परेशान
जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। बिजली विभाग के ऐप और सिस्टम में तालमेल का अभाव होने से उपभोक्ताओं को परेशानियों से निजात नहीं मिल पा रही है। अधिक लोड का पैसा डिफरमेंट चार्ज के रूप में कट रहा है। उपभोक्ताओं की जेब ढीली हो रही है। बिहार सुगम स्मार्ट मीटर ऐप में खपत कम दिख रही तो विभाग के सिस्टम में अधिक। ​शिकायतों की लंबी कतार के बाद भी विभागीय अ​धिकारी तीन महीने में भी ऐप में सुधार नहीं कर पा रहे हैं।

रमना निवासी उपभोक्ता अमित कुमार ने बताया कि मोबाइल पर बिहार सुगम स्मार्ट मीटर ऐप में कभी खपत अधिक नहीं दिखती, फिर भी हर महीने डिफरमेंट चार्ज के नाम पर 500-600 तो कभी सौ-डेढ़ सौ रुपये काट लिए जाते हैं। ऐप में पांच केवी से अधिक कभी भी लोड नहीं दिखता, लेकिन विभाग के कंप्यूटर सिस्टम पर पौने छह केडब्लू लोड दिखता है। इससे उपभोक्ताओं में क्षोभ व्याप्त है।

बिजली विभाग के बिहार सुगम एप में खपत दिखा रहा कम, सिस्टम में अधिक। जागरण

इसके पहले भी अक्टूबर में इस तरह का गड़बड़झाला सामने आ चुका है। बिहार सुगम एप में दिखने वाली बिजली खपत और विभाग के सिस्टम पर डाटा में तालमेल नहीं रहने की शिकायत दर्जनों उपभोक्ताओं ने की थी। इधर फिर से शिकायत आने लगी है।

उपभोक्ताओं का कहना है कि गर्मी में लोड नहीं बढ़ा, जबकि उस समय एसी भी चल रहा था। अभी तो एसी भी बंद है। इसके बाद भी विभाग के सिस्टम में बढ़ा हुआ लोड आता है। मुजफ्फरपुर सर्किल के विद्युत अधीक्षण अभियंता पंकज राजेश ने इस तरह की शिकायत से इन्कार किया है।

आज रिचार्ज, 24 घंटे बाद ऐप में शो कर रहा पैसा:

इधर, फिर स्मार्ट मीटर रिचार्ज करने में उपभोक्ताओं को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। आज पैसा जमा करने पर 24 घंटे बाद ऐप में शो कर रहा है। इसके चलते भी उपभोक्ता परेशान हैं। ऐप से रिचार्ज करने पर पैसा कट जाता है, लेकिन ऐप खोलने पर अगले दिन वह पैसा अकाउंट में दिखता है।

मीटर में बैलेंट कम होने पर विभाग का मैसेज उपभोक्ताओं के मोबाइल पर तुरंत आ जाता है, लेकिन उपभोक्ता के द्वारा रिचार्ज करने पर अकाउंट में शीघ्र पैसा नहीं आता। यह अलग बात है कि उपभोक्ता के अकाउंट से उसी समय पैसे कट जाते हैं। कई बार तो उपभोक्ता लगातार रिचार्ज करते रहते हैं। इसके कारण उपभोक्ताओं का महीने के खर्च का बजट भी बिगड़ जाता है।

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