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Bihar Bhumi: अंचलाधिकारियों का गड़बड़झाला जान रह जाएंगे सन्न! खारिज-दाखिल के आवेदन के नाम पर कर रहे थे 'खेला'

Bihar Land Survey 2024 मुजफ्फरपुर जिले के दो अंचलाधिकारी दाखिल-खारिज के अस्वीकृत आवेदनों को स्वीकृत करने के मामले में फंस गए हैं। पारू और मुरौल के अंचलाधिकारियों ने सैकड़ों आवेदनों को पहले अस्वीकार किया और फिर नियमों के विरुद्ध जाकर उन्हें स्वीकृत कर दिया। विभागीय जांच में यह गड़बड़ी पकड़ी गई है और दोनों अंचलाधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा गया है।

By Prem Shankar Mishra Edited By: Mohit Tripathi Updated: Tue, 10 Sep 2024 02:55 PM (IST)
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दाखिल-खारिज में गड़बड़ी, मुजफ्फरपुर के दो अंचलाधिकारी फंसे।

प्रेम शंकर मिश्रा,  मुजफ्फरपुर। Bihar Land Mutation सरकार के नियम के विरुद्ध जाकर दाखिल-खारिज के मामले निष्पादित करने के मामले में मुजफ्फरपुर जिले के दो अंचलाधिकारी फंस गए हैं।

पारू और मुरौल के अंचलाधिकारी ने सैकड़ों की संख्या में दाखिल-खारिज के आवेदनों को अस्वीकृत कर दिया। बाद में इन्हीं आवेदनों की नियम के विरुद्ध जाकर सुनवाई करते हुए स्वीकृत कर दिया।

विभाग की जांच में इस गड़बड़ी के पकड़े जाने पर दोनों अंचलाधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा गया है।  विदित हो कि राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने जमीन के दाखिल-खारिज समेत अन्य मामलों के आवेदन के निष्पादन के लिए नियम तय किए हैं।

क्या हैं खारिज-दाखिल के नियम

नियम के अनुसार, किसी आवेदन को अस्वीकृत करने वाले पदाधिकारी आगे उसकी सुनवाई नहीं करेंगे। इसके लिए उनसे उच्च पदाधिकारी के कोर्ट में सुनवाई होगी।  इसके बावजूद उक्त दोनों अंचलाधिकारियों ने इस तरह के आवेदन को स्वीकृत कर दिया।

विभाग के विशेष कार्य पदाधिकारी ने पारू के अंचलाधिकारी मुकेश कुमार को भेजे गए पत्र में लिखा कि औरंगाबाद के गोह अंचल में कार्यरत रहने के दौरान ऑनलाइन आए दाखिल-खारिज के 159 आवेदनों को पहले अस्वीकृत किया गया। इसके बाद इन आवेदनों को स्वीकृत भी कर लिया गया।

जबकि, इस तरह के आवेदन को अपीलीय प्राधिकार डीसीएलआर के न्यायालय में अपील करने के लिए आवेदकों को कहा जाना चाहिए था। यह कृत्य बिहार भूमि दाखिल खारिज अधिनियमों के प्रविधानों के प्रतिकूल है।

15 दिन के अंदर देना होगा स्पष्टीकरण 

विशेष कार्य पदाधिकारी ने 15 दिनों में इस मामले में स्पष्टीकरण देने को कहा है। जवाब नहीं मिलने पर कार्रवाई शुरू करने की चेतावनी दी गई है।

मुरौल अंचलाधिकारी प्रियंका भी सवालों के घेरे में  

इसी तरह का मामला मुरौल की अंचलाधिकारी प्रियंका कुमारी के औरंगाबाद जिले के देव अंचल में पदस्थापना के दौरान पकड़ में आया।  उन्होंने 47 दाखिल-खारिज के अस्वीकृत आवेदनों को बाद में स्वीकृत कर दिया।

जांच के बाद मामला पकड़ में आने के बाद विभाग ने इसे भी गंभीरता से लिया। प्रियंका कुमारी से भी 15 दिनों में स्पष्टीकरण देने को कहा गया है।

कई अंचलों में चल रहे इस तरह के खेल

सरकार की ओर से अधिनियम बनाने के बाद दाखिल-खारिज के अस्वीकृत आवेदनों को स्वीकृत करने का खेल कई अंचलों में चल रहा है।

जांच में यह बात सामने आ रही है कि ऑनलाइन आए आवेदनों को किसी कारण से अस्वीकृत कर दिया जाता है। यही आवेदन को अंग्रेजी के बदले हिन्दी में लेकर स्वीकृत कर दिया जाता है।

कई आवेदनों में आवेदक बदल दिए जाते हैं। इसके आधार पर उसे स्वीकृत कर दिया जाता है। जबकि, केवाला या जमीन का खाता और खेसरा वही रहता है।

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