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Bihar News: नगालैंड का गैरेज संचालक अहमद अंसारी बिहार में करता है एके-47 की सप्लाई, छापेमारी में जुटी पुलिस

नगालैंड से एके-47 के अलग-अलग पार्ट्स को बिहार लाकर असेंबल करके बेचा जाता था। नागालैंड के दीमापुर का गैरेज संचालक गोपालगंज के अहमद अंसारी को एके-47 उपलब्ध कराता था। गैरेज की आड़ में वह हथियारों के सौदे की डील करता था। वह बिहार के तस्करों को हथियार उपलब्ध कराता है। विकास कुमार और उसका भाई सत्यम करियर का काम करता था।

By Arun Kumar Jha Edited By: Mohit Tripathi Updated: Thu, 09 May 2024 04:20 PM (IST)
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मुजफ्फरपु में एके-47 के साथ गिरफ्तार तस्कर। (जागरण फोटो)
जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। नगालैंड के दीमापुर से अलग-अलग पार्ट्स लाकर एके-47 असेंबल करके बिहार में बेचा जाता है। दीमापुर में गैरेज संचालक गोपालगंज का अहमद अंसारी एके-47 उपलब्ध कराता है। गैरेज की आड़ में वह हथियार की सौदे की बड़ी डील करता है। वह बिहार के तस्करों को हथियार उपलब्ध कराता है।

विकास कुमार व उसका भाई सत्यम करियर का काम करता था। फकुली थाना क्षेत्र के मनकौली गांव का देवमुनी इस एके-47 का रिसीवर था। एके-47 अधिकतर खरीदाराें में गैंगस्टरों व शराब के धंधेबाज होते थे।

असम के डिब्रुगढ़ से नई दिल्ली तक चलने वाली राजधानी एक्सप्रेस से ट्रेन से विकास व सत्यम मुजफ्फरपुर स्टेशन पर एके-47 का पार्ट्स लाया था।

दोनों ने एके-47 उपलब्ध कराने व उसे खरीदने वाले के बैकवर्ड व फारवर्ड लिंक पुलिस को बताया है। इसके बाद एसटीएफ की विशेष टीम ने गोपालगंज से लेकर दीमापुर तक अहमद अंसारी के ठिकाने पर छापेमारी की, लेकिन वह फरार मिला।

अन्य राज्यों में इस सिंडिकेट से लिंक मिलने पर एसटीएफ की एक टीम को झारखंड भेजा गया है। कुछ संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।

वरीय पुलिस अधीक्षक राकेश कुमार ने बताया कि हथियार तस्करों के बैकवर्ड व फारवर्ड लिंक मिले हैं। इससे काफी इनपुट मिला है। इस पर काम किया जा रहा है। बहुत जल्द इसके अच्छे परिणाम आएंगे।

इस मामले में सदर थाना के पुलिस अवर निरीक्षक रंजीत कुमार ने फकुली थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई है। तीनों गिरफ्तार आरोपितों को काेर्ट में पेश किया गया। जहां से न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।

पढ़ाई बीच में छोड़कर शराब व हथियार के धंधे में उतरा विकास

आरोपित विकास ने पुलिस के समक्ष अपनी स्वीकारोक्ति बयान में कहा है कि स्नातक प्रथम वर्ष में ही वह पढ़ाई छोड़ दिया। इसके बाद वह अवैध हथियार के धंधे में उतर आया। इसमें अधिक कमाई से लालच बढ़ता गया।

इसके बाद नगालैंड जाकर हथियार के बड़े धंधेबाज अहमद अंसारी से मिला। लगभग छह माह पहले गोबरसही में देवमुनी मिला। उसने बड़ा हथियार खरीदने की इच्छा जताई।

इस संबंध में अहमद अंसारी से बातचीत की। तीन माह पहले उसने एके-47 एसाल्ट रायफल का का अलग-अलग पार्ट्स दिया। उसे असेंबल कर देवमुनी राय उर्फ अनीश के हाथों सात लाख रुपया में बेचा। उसने पूरा पैसा नहीं दिया था इसलिए एके-47 का बट व लेंस नहीं दिया।

मंगलवार की रात लगभग दो से तीन बजे के बीच उसी एके-47 के बट व लेंस के साथ पुलिस ने रेलवे स्टेशन पर उतरा था। स्टेशन से बाहर निकलते ही एसटीएफ ने उसे व उसके ममेरे भाई सत्यम के साथ गिरफ्तार किया।

अनुमान है कि ये दोनों लगभग पांच साल से इस धंधे से जुड़े थे। इस गिरोह का कनेक्शन अन्य राज्यों के हथियार तस्करों के सिंडिकेट से है। अब तक ये दोनों एक दर्जर्न से अधिक एके-47 दीमापुर से लाकर बेच चुका है।

शराब धंधे में वर्चस्व और चाचा से दुश्मनी के बाद खरीदा एके-47

देवमुनी ने पुलिस को बताया कि उसका शराब का धंधा था। इसमें प्रंतिद्वंद्वी गिरोह से लगातार चुनौती मिल रही थी। प्रतिद्वंद्वी गिराेह रास्ते से ही उसकी शराब की खेप को हाईजैक कर लेता था। प्रतिद्वंद्वी गिराेह से निबटने व इस धंधे में वर्चस्व को लेकर एके-47 जैसे हथियार की जरूरत महसूस हो रही थी।

इसके अलावा उसके चाचा चंदेश्वर राय से दुश्मनी चल रही थी। चाचा के साथ विवाद में कई बार गोलीबारी हो चुकी थी। चाचा व उनके समर्थकों को डराने के लिए भी एके-47 खरीदना जरूरी हो गया था।

छह माह पहले गोबरसही में विकास से संपर्क होने पर उसी से एके-47 खरीदने की डील की थी। विकास ने उसे जो एके-47 बेचा वह उच्च गुणवत्ता वाला है।

महिला मित्र और ममेरे भाई के साथ मिलकर लाता था हथियार

विकास व उसका ममेरा भाई सत्यम हथियार के खरीद-बिक्री से लेकर उसे नगालैंड से लाने तक काफी सर्तकता बरतता था।

किसी को शक नहीं हो इसके लिए विकास हथियार लाने के लिए एक महिला मित्र के साथ ट्रेन से नगालैंड आता-जाता था।

कभी-कभी वह चार चक्का गाड़ी से भी वहां जाता था। वहां से एके-47 का अलग-अलग पार्ट्स लाता था। मुजफ्फरपुर लाकर विकास व सत्यम उसे असेंबल कर बेच देता था।

तीन-चार महीने से पीछे पड़ी थी एसटीएफ

वरीय पुलिस अधीक्षक ने बताया कि लगभग तीन-चार महीने पहले नगालैंड से एके-47 हथियार लाकर बिक्री किए जाने का इनपुट मिला था।

इसका सत्यापन किए जाने के बाद एसटीएफ हथियार के तस्करों के पीछे लगी थी। ये तस्कर बार-बार चकमा दे रहे थे। लगातार मिल रही इनपुट के आधार पर आखिर एसटीएफ को यह सफलता मिली है।

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