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Nepal Border Road Construction: नेपाल सीमा सड़क निर्माण 10 साल बाद भी नहीं पकड़ पाया रफ्तार, ये है सबसे बड़ी समस्या

Road In Bihar उत्तर बिहार के पश्चिम चंपारण पूर्वी चंपारण सीतामढ़ी और मधुबनी में करीब 315 किलोमीटर लंबी सीमा सड़क का निर्माण होना है। 2019 तक कार्य पूरा करने का लक्ष्य था फिलहाल 70 प्रतिशत काम ही पूरा हो पाया है। संबंधित अधिकारी भू-अर्जन में विलंब और अतिक्रमण को सबसे बड़ी बाधा बता रहे हैं। वर्ष 2013 में निर्माण शुरू हुआ था।

By Jagran News Edited By: Mukul Kumar Updated: Mon, 25 Mar 2024 12:58 PM (IST)
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प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर
जागरण टीम, मुजफ्फरपुर। भारत-नेपाल सीमा सड़क परियोजना को सीमावर्ती क्षेत्रों में आवागमन व्यवस्थित, सुरक्षा व्यवस्था को सशक्त व व्यापारिक रिश्ते मजबूत करने के उद्देश्य से 2010 में मंजूरी दी गई थी।

उत्तर बिहार के पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी और मधुबनी में करीब 315 किलोमीटर लंबी सीमा सड़क का निर्माण होना है। 2019 तक कार्य पूरा करने का लक्ष्य था, फिलहाल 70 प्रतिशत काम ही पूरा हो पाया है। संबंधित अधिकारी भू-अर्जन में विलंब और अतिक्रमण को सबसे बड़ी बाधा बता रहे हैं।

वर्ष 2013 में निर्माण शुरू हुआ था। पश्चिम चंपारण में 112 किलोमीटर में लगभग दो-तिहाई निर्माण पूरा हुआ है। कई स्थानों पर एक-एक, दो-दो किलोमीटर का निर्माण कार्य शेष है। यह सड़क जिले के बगहा के मदनपुर से आरंभ होकर, रामनगर, गौनाहा, मैनाटांड़ होते हुए सिकटा के कंगली में पूर्वी चंपारण जिले में प्रवेश करती है। इस पर करीब 448 करोड़ खर्च होने हैं।

पूर्वी चंपारण में 74 व सीतामढ़ी में 90 किमी लंबी

पूर्वी चंपारण में सीमा सड़क की लंबाई 74 किलोमीटर है। यह रक्सौल में प्रवेश करती हुई छौड़ादानो, आदापुर, घोड़ासहन, बनकटवा व ढाका प्रखंड होते हुए सीतामढ़ी के बैरगनिया तक जाती है। भू-अर्जन कार्य पूरा नहीं होने के कारण निर्माण अधूरा है।

करीब 20 किमी में निर्माण कार्य चल रहा है। सीतामढ़ी में सीमा सड़क सात प्रखंडों बैरगनिया, सुप्पी, मेजरगंज, सोनबरसा, परिहार, सुरसंड और चोरौत से होकर गुजरती है। यहां इसकी लंबाई 89.92 किलोमीटर है। 75 प्रतिशत निर्माण पूरा हुआ है।

सबसे बड़ी समस्या भूमि अधिग्रहण

अलग-अलग जगहों पर कहीं पांच तो कहीं आठ किलोमीटर का निर्माण शेष है। निर्माण के लिए तीन अरब छह करोड़ 84 लाख 38 हजार 525 रुपये मिले हैं। मधुबनी में सड़क की लंबाई 39.21 किमी है।

मधवापुर के परसा से नेपाल को जोड़ने वाली अखाड़ाघाट तक 10.61 किमी तथा लौकही प्रखंड के झहुरी चौक से महादेवमठ तक 20.60 किमी तक निर्माण कार्य पूरा हुआ है। अधिकारियों के अनुसार सीमा सड़क निर्माण में सबसे बड़ी समस्या भूमि अधिग्रहण बताई जा रही है। कुछ लोगों के पास भूमि से संबंधित कागजात नहीं थे।

जमाबंदी नहीं होने से मुआवजे में परेशानी आ रही थी। बीते साल विभाग ने कैंप लगाकर लोगों के नाम जमाबंदी कराई। उसके बाद अधिग्रहण कार्य शुरू हुआ। कुछ ऐसी भी भूमि थी, जिस पर अतिक्रमण था। मकान भी बने थे। उन्हें हटाने में भी विभाग को काफी समय लगा। विभाग कैंप लगाकर मामलों का निष्पादन कर रहा है।

भूमि अधिग्रहण और भू-अर्जन में विलंब के कारण सीमा सड़क निर्माण में देरी हुई। हाल के दिनों में निर्माण कार्य में काफी तेजी आई है। दिसंबर तक निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाएगा। -अंशुमन बर्धन, प्रोजेक्ट मैनेजर, सीमा सड़क निर्माण, पश्चिम चंपारण

सड़क के निर्माण से सीमावर्ती क्षेत्र के लोगों की आवाजाही आसान होगी। इसका लाभ भारत और नेपाल दोनों देशों के लोगों को मिलेगा। स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। -राणा ब्रजेश, सहायक अभियंता, पथ निर्माण विभाग, मधुबनी

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