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अब बिहार में संपत्ति पर कब्जा करने वालों की खैर नहीं, ऑन द स्पॉट होगा एक्शन; CO और थानाध्यक्ष को मिल गया नया टास्क

झारखंड में जमीन विवाद के मामलों में त्वरित कार्रवाई के लिए राजस्व विभाग ने गृह विभाग को पत्र लिखा है। इसमें कहा गया है कि अनधिकृत कब्जे के मामलों में भारतीय न्याय संहिता की धारा 329 के तहत प्राथमिकी की जाएगी। बलपूर्वक अतिक्रमण या बेदखली के मामलों में थाना स्तर से अनुसंधान कर वास्तविक रैयत को फौरी राहत दी जाएगी।

By Prem Shankar Mishra Edited By: Mukul Kumar Updated: Sun, 17 Nov 2024 08:35 AM (IST)
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प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर
जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। अगर किसी वास्तविक रैयत की जमीन या संपत्ति पर कोई अनधिकृत रूप से कब्जा करता है तो इस मामले में अंचल और थाना स्तर से त्वरित कार्रवाई की जाएगी। इन मामलों में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 329 के तहत प्राथमिकी की जाएगी।

वहीं, बलपूर्वक अतिक्रमण या बेदखली के मामलों का थाना स्तर से अनुसंधान कर वास्तविक रैयत को फौरी राहत दी जाएगी। इस व्यवस्था को प्रभावी तरीके से लागू किया जाएगा। इसके लिए राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार ने गृह विभाग के प्रधान सचिव को पत्र लिखा है।

पदाधिकारियों को ये निर्देश देने का आग्रह

इसमें उन्होंने भूमि विवाद से संबंधित मामलों में विधि विरुद्ध कार्रवाई करने वालों के खिलाफ बीएनएस के प्रविधानों के अनुसार थाना स्तर पर प्रभावशाली कार्रवाई करने के लिए पदाधिकारियों को निर्देशित करने का आग्रह किया है।

गृह विभाग के प्रधान सचिव को लिखे पत्र में राजस्व विभाग के अपर मुख्य सचिव ने कहा कि थाना और अंचल स्तर पर जमीन विवाद के मामले के त्वरित समाधान के लिए साप्ताहिक बैठकें होती हैं, मगर कार्रवाई कारगर नहीं होती।

भूमि विवाद के मामलों को भी अन्य आपराधिक मामलों की तरह बीएनएस के प्रविधानों के अनुसार कार्रवाई की जानी है। बीएनएस की धारा 329 एवं भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 126 के तहत मामला दर्ज किया जाना चाहिए। इन धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की जा रही न प्रीवेंशन एक्शन हो रहा है।

ऐसे में किसी की संपत्ति पर कब्जा करने, धमकाने, अपमानित करने के मामले में धारा 329 के तहत तत्काल प्राथमिकी की जाए। वहीं लोक शांति भंग करने तथा अपराध रोकने से संबंधित कार्रवाई नहीं की जा रही है।

हथियार के बलपर कब्जा करने के मामले में भारतीय नागरिक संहिता की धारा 126 के तहत आरोपितों की अविलंब गिरफ्तारी हो। इन लोगों को जमानत पाने का भी अधिकार नहीं है। ये लोग जमानत पर बाहर आने के बाद फिर शांति भंग कर सकते हैं। ऐसे लोगों को तीन साल के लिए बांड भरने का आदेश दिया जा सकता है।

अपर मुख्य सचिव ने क्या कहा?

अपर मुख्य सचिव ने कहा कि बलशाली, दबंग एवं भू-माफिया लोग कमजोर एवं अप्रभावशाली व्यक्तियों की जमीन और संपत्ति पर बलपूर्वक कब्जा कर लेते हैं। इन मामलों में कमजोर पक्ष को सक्षम न्यायालय से स्वत्व सिद्ध करने की अपेक्षा होती है।

इन मामलों में यह होना चाहिए कि थाना में वाद दर्ज कर अतिक्रमण या बेदखली के तथ्य की जांच की जाए। मामला सही पाए जाने पर दोषी पक्ष पर कार्रवाई की जाए।

हथियार के बल पर जमीन पर कब्जा करने वालों पर भी बरती जाएगी सख्ती। अविलंब गिरफ्तारी के साथ तीन वर्षों तक के लिए बंधपत्र भरवाया जाएगा। इससे जमीन विवाद कम होने की संभावना होगी।

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