राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के तबादले किसने रद करवाए...मंत्री रामसूरत राय का साफ-साफ जवाब आया, सीएम को लेकर कही यह बात
Bihar Politics राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में विगत 30 जून को हुए तबादले रद किए जाने से आहत मंत्री रामसूरत राय ने उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद को पूरे घटनाक्रम से कराया अवगत। बताया छवि को खराब करने की रची जा रही साजिश।
By Ajit KumarEdited By: Updated: Mon, 11 Jul 2022 01:45 PM (IST)
मुजफ्फरपुर, [अमरेंद्र तिवारी]। बिहार की राजनीति में अभी केवल राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में हुए तबादले को रद किए जाने की ही चर्चा हो रही है। सीएमओ की ओर से इस तरह का आदेश जारी होने के बाद मंत्री रामसूरत राय ने अपनी नाखुशी का इजहार किया था। भावावेश में जनता दरबार नहीं करने की बात भी कह दी थी। इस बीच दरभंगा जाने के क्रम में रविवार को उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने रामसूरत राय से उनके मुजफ्फरपुर स्थित आवास पर मुलाकात की। इस दौरान मंत्री ने अपना पक्ष रखा। इस पूरे प्रकरण के पीछे की लाबी के बारे में भी उन्होंने बताया। कहा जा रहा है कि डिप्टी सीएम ने भी उन्हें कुछ संदेश दिए।
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आइएएस लाबी के बीच सक्रिय हैं कुछ दलाल
बिहार की राजनीति में जारी घमासान के बीच उपमुख्यमंत्री तारिकशोर प्रसाद ने राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री रामसूरत राय के मुजफ्फरपुर स्थित आवास पर मुलाकात की है। तबादले रद किए जाने तथा उसके बाद लगाए जा रहे आरोपों से खिन्न चल रहे रामसूरत राय ने पूरे घटनाक्रम से उनको अवगत कराया। मंत्री ने बताया कि किस तरह से आइएएस लाबी के बीच कुछ दलाल सक्रिय हैं। इन लोगों ने ही न केवल तबादले रद कराए वरन इसको मीडिया में भ्रष्टाचार व जातिवाद से जोड़कर प्रचारित व प्रसारित किया। उन्होंने कहा कि यह एक उभरते हुए नेता की छवि को खराब करने की साजिश का हिस्सा है। कहा, किसी भी विधायक या जनप्रतिनिधि के कहने पर यह फैसला नहीं किया गया है। केवल दलालों का काम है।
सीएम एकबार मेरी बात भी सुन लेते रामसूरत राय ने सीएम नीतीश कुमार को लेकर भी अपनी बातें रखीं। उन्होंने कहा कि जिस तरह से अधिकारियों के स्तर पर बातचीत हुई, उसी तरह से सीएम एकबार मेरा पक्ष भी जान लेते। वे हमलोगों के अभिभावक हैं। जिस किसी अधिकारी के तबादले पर उनको अापत्ति थी, उसकी फाइल एक बार देख ली जाती। यदि वे संतुष्ट नहीं होते तो मैं उनका सभी आदेश मानने को तैयार था। उन्होंने दोहराया कि इस तरह के तबादलों में विधायक की बातों को सुनने की सलाह सीएम की ओर से आई थी। मैंने करीब 80 विधायकों की बातों का ख्याल रखा है। इसमें सत्तापक्ष के साथ-साथ विपक्षी दल के विधायकों का भी आग्रह शामिल है। जातिवाद को लेकर लग रहे आरोप के बारे में उन्होंने कहा कि मेरी जाति के अधिकारी को मैंने नियुक्त तो किया नहीं है। वे पहले से हैं और जहां भी रहेंगे, अधिकारी ही रहेंगे। यदि जातिवाद की बात सही होती मुजफ्फरपुर में केवल मेरी जाति के अधिकारी ही होते, लेकिन ऐसा तो नहीं है।
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