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Darbhanga News : दरभंगा जिले में नर्सिंग होम में ऑपरेशन बाद मरीज की मौत, बवाल

पुलिस छावनी में तब्दील रहा अल्लपट्टी चौक पोस्टमार्टम के बाद पुलिस ने स्वजनों को शव सौंपा जिलाधिकारी ने लिया पूरे मामले का संज्ञान सिविल सर्जन के नेतृत्व में दो सदस्यीय जांच टीम गठित जांच के बाद होगी कार्रवाई।

By DharmendraEdited By: Updated: Tue, 03 Nov 2020 07:16 AM (IST)
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निजी अस्पताल में युवक की मौत के बाद विलाप करते स्वजन।
दरभंगा, जेएनएन। बेंता ओपी क्षेत्र के अल्लपट्टी स्थित यूरो स्टोन रिसर्च सेंटर में ऑपरेशन के बाद एक मरीज की मौत होने पर से स्वजनों ने जमकर बवाल काटा। आक्रोशित लोग चिकित्सक की गिरफ्तारी और नर्सिंग होम को सील करने की मांग कर रहे थे। सूचना पर स्थानीय पुलिस पहुंची। लेकिन, लोगों की नाराजगी और आक्रोश देख पीछे हट गई। इसके बाद स्थिति को नियंत्रित करने के लिए कई थाने की पुलिस पहुंची। बताया जाता है कि केवटी थाना क्षेत्र के पिठ्ठो गांव निवासी युगलकिशोर यादव के पुत्र अवधेश कुमार यादव के पेट में पत्थर होने के कारण नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया था।

जहां ऑपरेशन के बाद मरीज की स्थिति खराब हो गई। इसके बावजूद, मरीज को न तो रेफर किया गया और न ही किसी बाहरी चिकित्सक को बुलाया गया। मरीज के स्वजनों को झूठी आश्वासन देते रहे। अचानक रविवार की रात अवधेश की हालत खराब हो गई। अस्पताल में चिकित्सक नहीं रहने के कारण मरीज मरीज के स्वजनों ने हो-हल्ला किया। इस बीच कई कर्मियों ने स्वजनों की जमकर पिटाई कर दी। इसी बीच मरीज की मौत हो गई। तब तक मरीज के कई स्वजन पहुंच चुके थे। जिसके बाद सभी चिकित्सक की लापरवाही मानकर हंगामा करने लगे। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सदर अनुमंडल पदाधिकारी राकेश कुमार गुप्ता, सदर एसडीपीओ अनोज कुमार, लहेरियासराय थानाध्यक्ष एचएन ङ्क्षसह सहित कई थाने की पुलिस मौके पर पहुंचकर आक्रोशितों को शांत करने की कोशिश की। लेकिन, कोई बात मानने को तैयार नहीं हो रहे थे। पूछताछ में पता चला कि चिकित्सक अस्पताल से बाहर हैं। अन्य एक चिकित्सक से एसडीपीओ ने पूछताछ की। इधर, मृतक के स्वजन 25 लाख रुपये मुआवजा की मांग पर अड़े थे। इसी बीच अस्पताल के एक कर्मी लेपटॉप पर कोविड 19 का फर्जी रिपोर्ट तैयार करने लगा। जिस पर एक स्वजन की नजर पड़ी और उसने अपने मोबाइल से तस्वीर लेकर एसडीपीओ को दिखाने पहुंच गए। इसके बाद फिर से लोग आक्रोशित हो गए। हालांकि, काफी मशक्कत बाद सभी को शांत किया गया। इसके बाद शव का पोस्टमार्टम कराया गया। मृतक अवधेश यादव बहेड़ी प्रखंड में आवास सहायक पद पर तैनात थे। वे अपने पीछे एक पुत्र छोड़ गए हैं।

इधर, बताया जा रहा है कि पूरे मामले पर डीएम डॉ. त्यागराजन एसएम ने संज्ञान लिया है। पूरे मामले की जांच के लिए उन्होंने सिविल सर्जन के नेतृत्व में दो सदस्यीय जांच टीम गठित की गई है। वहीं बेंता ओपी प्रभारी यशोदानंद पांडेय ने बताया कि पोस्टमार्टम के बाद स्वजनों को शव सौंप दिया गया है। लिखित आवेदन मिलने पर प्राथमिकी दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जाएगी। डॉ. मनोज कुमार ने बताया कि मरीज की मौत हृदय गति रूकने से हुई है। इसमें चिकित्सीय चूक का मामला नहीं है। मरीज के पिता ने भी लिखकर दिया है कि इसमें चिकित्सक की कोई गलती नहीं है। 

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