एक देश-एक चुनाव पर मोदी को मिला प्रशांत किशोर का साथ, लेकिन इस बात पर फंसाया पेंच
जनसुराज यात्रा के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने वन नेशन-वन इलेक्शन को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि अगर इसे सही इरादे से लागू किया जाता है तो यह देश के हित में होगा। प्रशांत किशोर ने कहा कि अगर सही तरीके से किया जाता है और 4-5 साल का एक ट्रांजिशन फेज होता है तो यह देश के हित में होगा।
मुजफ्फरपुर, एएनआई: देश में लोकसभा चुनाव का समय नजदीक आ रहा है। इस बीच जनसुराज यात्रा के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने वन नेशन-वन इलेक्शन को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि अगर इसे सही इरादे से लागू किया जाता है तो यह देश के हित में होगा।
प्रशांत किशोर ने कहा कि अगर सही तरीके से किया जाता है और 4-5 साल का एक ट्रांजिशन फेज होता है तो यह देश के हित में होगा। यह देश में पहले भी 17-18 साल के लिए प्रभाव में था।
लोगों को चुनाव में एक बार लेना होगा निर्णय: पीके
उन्होंने कहा कि दूसरा यह भी कि भारत जैसे एक बड़े देश में करीब 25 प्रतिशत आबादी हर साल वोट करती है। ऐसे में जो लोग सरकार चला रहे होते हैं, वो चुनावी चक्र में व्यस्त रहते हैं ।
अगर इसे कम करके एक से दो बार किया जाता है तो यह बेहतर होगा। इससे खर्च भी बचेगा और लोगों को भी एक बार ही निर्णय लेना होगा।
प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि अगर सरकार रातोंरात बदलाव करने की कोशिश करती है तो इससे समस्या होगी। शायद सराकार इस पर बिल भी ला रही है।
यदि सरकार के इरादे सही हैं तो इसे लागू होना चाहिए और यह देश के लिए भी अच्छा होगा, लेकिन यह केंद्र सरकार की मंशा पर निर्भर करता है कि वह इसे किस इरादे से ला रही है।
पूर्व राष्ट्रपति की अध्यक्षता में कमेटी गठित
बता दें कि केंद्र सरकार ने एक सितंबर को पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया है, जो एक देश- एक चुनाव की संभावना तलाश कर उस पर रिपोर्ट सौंपेगी, जिससे आम चुनाव और राज्यों के विधानसभा चुनाव साथ हो सकें।