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पीएम मोदी के मन की बात में तारीफ बटोर चुके बिहार के इस प्रोफेसर की फिर हो रही प्रशंसा, सब कर रहे- Thumbs-Up

बिहार के दरभंगा स्थित ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर रसायन विज्ञान विभागाध्यक्ष अब वर्गों में विद्यार्थियों की उपस्थिति बढ़ाने की दिशा में काम कर रहे हैं। इसके लिए वे एक नया तरीका अपना रहे हैं। इसकी चर्चा सभी कर रहे।

By Ajit KumarEdited By: Updated: Wed, 27 Jul 2022 06:56 AM (IST)
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इसके बाद वर्ग में विद्यार्थियों की संख्या बढ़़ गई है। फाइल फोटो
दरभंगा, जासं। ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर रसायन विज्ञान विभागाध्यक्ष प्रो. प्रेम मोहन मिश्रा ने अभिभावकों से वर्ग में छात्र-छात्राओं की कम उपस्थिति की शिकायत की है। उन्होंने पत्र लिख कहा है कि पढ़ाई में आपके बच्चे की अभिरुचि नहीं है, इसलिए उसका नाम काटा जा रहा है। पत्र इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसके बाद वर्ग में विद्यार्थियों की संख्या बढ़़ गई है।

  • - शिक्षक ने कहा-आपका बच्चा वर्ग में नहीं आता, नाम काट दूं क्या, बढऩे लगी संख्या
  • - ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर रसायन विज्ञान विभागाध्यक्ष अभिभावकों को पत्र लिख दे रहे उपस्थिति की जानकारी
  • - इंटरनेट मीडिया पर पत्र हो रहा वायरल, वर्ग में छात्र-छात्राओं की उपस्थिति बढ़ी, फोन के जरिए भी अभिभावकों को कर रहे जागरूक
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उपस्थिति में 10 से 20 प्रतिशत बढ़ोतरी

शिक्षक ने पत्र में लिखा है- प्रिय महोदय/महोदया आपका पुत्र/पुत्री रसायन विज्ञान एमएससी प्रथम सेमेस्टर सत्र 2021-23 में वर्ग से लगातार अनुपस्थित है। इससे प्रतीत होता है, उसकी एमएससी की पढ़ाई में अभिरुचि नहीं है। अत: उसका नामांकन रद किया जा रहा है। अभिभावकों के नाम उक्त पत्र डाक से भेजा गया है। इसका फायदा भी देखने को मिल रहा है। एमएससी प्रथम सेमेस्टर सत्र 2021-23 में 95 छात्र-छात्राएं नामांकित हैं। शिक्षक की इस पहल के बाद वर्तमान में छात्रों की उपस्थिति में 10 से 20 प्रतिशत बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

एक बार भी क्‍लास नहीं आए

बता दें कि प्रथम सेमेस्टर में नामांकित 20 छात्र-छात्राएं ऐसे हैं, जो अब तक वर्ग में एक बार भी उपस्थित नहीं हुए। यही हाल तृतीय सेमेस्टर में देखा जा रहा है। इसमें 75 छात्र-छात्राओं में 35 ऐसे छात्र-छात्राएं हैं, जो अब तक वर्ग में एक बार भी उपस्थित नहीं हुए हैं। ऐसे छात्र-छात्राओं की उपस्थिति को लेकर शिक्षक ने सख्ती दिखाई है। अब इन्हें वर्ग में नियमित उपस्थिति दर्ज करानी ही होगी।

बच्चों को आगे बढ़ाना लक्ष्य

प्रो. प्रेम मोहन मिश्रा बताते हैं, वर्ग में छात्र-छात्राओं की कम उपस्थिति को लेकर पिछले कई वर्षों से काम कर रहा हूं। इस कड़ी में शिक्षक-अभिभावक संवाद, अभिभावकों से मोबाइल पर बात और अब पत्र लिख रहा हूं। इसका फायदा भी मिलना शुरू हो गया है। वर्ग में छात्र-छात्राओं की उपस्थिति बढ़ रही है। वह फोन करके भी अभिभावकों को अपने बच्चों को वर्ग में भेजने के लिए जागरूक कर रहे हैं।

पीएम मोदी भी कर चुके शिक्षक की तारीफ

प्रोफेसर प्रेम मोहन मिश्रा की तारीफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मन की बात कार्यक्रम में की थी। उस वक्त शिक्षक ने कोरोना के खौफ की वजह से बंद हो चुके कालेज के छात्रों के लिए इंटरनेट मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर पढ़ाना शुरू किया था। तब उनकी वर्चुअल क्लास में देशभर के करीब 1500 छात्र-छात्राएं शामिल हो रहे थे। इन्हें 2016 का मैथिली भाषा में बाल साहित्य के लिए साहित्य अकादमी का पुरस्कार भी मिल चुका है। प्रोफेसर प्रेम मोहन मिश्रा का कहना है कि बच्चों में जीवन जीने के सलीके में बहुत बदलाव आ गया है। आज का नागरिक अपना जीवन अपने अंदाज में व्यतीत करना चाहता है। किसी का हस्तक्षेप करना उसे बिल्कुल पसंद नहीं है।

दायित्वों के प्रति जागरुकता

इस जीवन जीने की कला में वह अपनी जिम्मेदारियों से बचने का भी प्रयास कर रहा है। इसका प्रतिकूल प्रभाव परिवार और समाज पर पड़ रहा है। विशेषकर अभिभावकों ओर शिक्षकों का मार्गदर्शन बच्चों के जीवन जीने की शैली को बहुत हद तक प्रभावित करता है। हमें उनकी भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचाते हुए परिवार, समाज और राष्ट्र के प्रति उनके दायित्वों के प्रति भी जागरूक करना होगा। ऐसा नहीं करते हैं तो युवा पीढ़ी अपने जीवन और उनके दायित्वों के बारे में जिम्मेदार नहीं हो पाएंगे। 

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