Bihar News: पुलिस के हत्थे चढ़ा 25 हजार का इनामी महाठग, ट्रेन में यात्रियों के साथ इस तरह देता था ठगी का अंजाम
पुलिस ने ट्रेन में यात्रियों के साथ ठगी करने वाले महाठग को गिरफ्तार किया है और इस पर पुलिस ने 25 हजार का इनाम रखा था। ये ठग यात्रियों से मेलजोल बढ़ाकर उनकी कमाई को लूट लेता था। ये घर लौटे फौजियों से भी दोस्ती कर उन्हें शिकार बनाता था। इस आरोपित के खिलाफ 35 मुकदमों दर्ज हैं। इसकी जानकारी डीसीपी पूर्वी श्रवण कुमार ने दी।
जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर/कानपुर। ट्रेन में यात्रियों से मेलजोल बढ़ाकर उनकी गाढ़ी कमाई लूट लेने वाला 25 हजार का इनामी महाठग हरबंशमोहाल पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपित विशेषकर छुट्टी पर घर लौटे फौजियों से मित्रता करके उन्हें शिकार बनाता था।
पुलिस को आरोपित के खिलाफ दर्ज 35 मुकदमों की जानकारी अब तक मिल चुकी है। अन्य मुकदमों के बारे में पुलिस ने जीआरपी से भी संपर्क किया है। हरबंशमोहाल थाने में आयोजित पत्रकार वार्ता में डीसीपी पूर्वी श्रवण कुमार ने महाठग के बारे में जानकारी साझा की।
उन्होंने बताया कि पुलिस ने मिर्जापुर के थाना पड़री के गांव भरपुरा निवासी सुनील दुबे उर्फ लल्ला को गिरफ्तार किया है।
पारू इलाके के सीआरपीएफ के एएसआइ को बनाया था निशाना
असल में ग्राम व पोस्ट फतेहाबाद, थाना पारू जिला मुजफ्फरपुर (बिहार) निवासी शैलेन्द्र पांडेय सीआरपीएफ में एएसआइ/जीडी के पद पर दिल्ली में तैनात हैं। 10 फरवरी 2024 को वह अवकाश पर नई दिल्ली से मुजफ्फरपुर को बिहार सम्पर्क क्रान्ति एक्सप्रेस से चले। शैलेंद्र जनरल डिब्बे में थे जहां उनकी मुलाकात एक व्यक्ति से हुई।
उसने खुद को सेना का जवान बताकर उन्हें अपनी बातों में फंसाया। उसने ट्रेन में भीड़ का हवाला दे कानपुर सेंट्रल पर उतरकर किसी होटल में फ्रेश होने के बाद उन्हें एसी ट्रेन से ले चलने की बात कही। उन्होंने विश्वास कर उसके साथ ट्रेन से उतरकर सुतरखाना स्थित होटल सनराइज में ठहर गए।
एटीएम से पैसा निकालने के दौरान उसने पासवर्ड देख उनका कार्ड भी बदल लिया। होटल में मेरे मोबाइल से दोनों सिम कार्ड भी निकाल लिए। इसके बाद दोनों होटल से निकले। रास्ते में उक्त व्यक्ति लापता हो गया। शक होने पर उन्होंने अपना सामान खंगाला तो मोबाइल टूटा और एटीएम बदला हुआ मिला।
पहले भी हुई है ऐसी ही घटना
घर पहुंचकर जब उन्होंने पासबुक से बैलेंस देखा तो ढाई लाख रुपये निकाले जा चुके थे। ऐसी ही एक और घटना कलक्टरगंज में भी सामने आई थी, जिसमें सेना के एक जवान को लूटा गया था।
इंस्पेक्टर हरबंशमेाहाल विक्रम सिंह ने बताया कि इस प्रकरण में पुलिस ने आपरेशन त्रिनेत्र के तहत होटल सनराइज के आसपास लगे कैमरों की मदद से आरोपित की पहचान की। यह भी सामने आया कि कलक्टरगंज और हरबंशमोहाल दोनों घटनाओं में सुनील दुबे शामिल है।
मगर, आरोपित सुनील बेहद चालाक है और उसने पकड़ना बेहद मुश्किल था। करीब पांच माह तक पीछा करने के बाद पुलिस ने आखिरकार उसे सिद्धेश्वर मंदिर से मुरे कंपनी पुल की तरफ जाने वाले रास्ते पर गिरफ्तार कर लिया।
सच्चाई जानकार दंग रह गई पुलिस
पुलिस को आरोपित सुनील के पास से तमंचा, कारतूस, छह विभिन्न नाम पतों के आधार कार्ड, प्रेस आइडी कार्ड, चार एटीएम, चार सिम और एक मोटर साइकिल मिली है। पूछताछ में उसकी सच्चाई जानकार पुलिस दंग रह गई।
उसने बताया कि कितनी घटनाएं की इसका अंदाजा उसे भी नहीं है। यह दर्जनों में हैं। हाल फिलहाल उसने बिहार क्षेत्र में ट्रेनों में सफर के दौरान करीब एक दर्जन घटनाएं की हैं। अखिरी बार उसे वर्ष 2020 में दिल्ली के निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन से जीआरपी ने पकड़ा था।
जेल से वह दिसंबर 2023 में छूटा और दोबारा से टप्पेबाजी शुरू कर दी। उप्र, बिहार, दिल्ली, राजस्थान, मप्र, बंगाल, महाराष्ट्र, पंजाब, गुजरात, उत्तराखंड, असम, झारखंड, छत्तीसगढ़ और हरियाणा में उसने 200 से ज्यादा वारदात की हैं।
पुलिस ने 50 हजार किमी किया पीछा
इंस्पेक्टर हरबंशमेाहाल विक्रम सिंह ने बताया कि चौकी प्रभारी सुतरखाना आदित्य कुमार बाजपेयी के नेतृत्व में पुलिस टीम ने करीब 50 हजार किमी तक सुनील का पीछा किया। हर बार वह गच्चा दे गया। हर दो दिन में वह सिम और मोबाइल बदल देता था।
मोबाइल का उपयोग कम ही करता था। ट्रेन में लोकेशन मिलती तो कुछ देर बाद सड़क मार्ग की लोकेशन होती। कई बार वो हवाई जहाज पर बैठकर फुर्र हो गया। पुलिस के मुताबिक सुनील पड़री थाना का हिस्ट्रीशीटर भी है।
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