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Muzaffarpur News : चश्मे की दुकान की आड़ में खून का सौदा, मासूमों के ब्‍लड डोनेशन से होती थी मोटी कमाई

Muzaffarpur News मुजफ्फरपुर में चश्‍मे की दुकान की आड़ में खून का अवैध धंधा करने वाले एक गिरोह का पुलिस ने भंडाफोड़ किया है। इनके द्वारा स्कूल व कॉलेज के लड़कों और स्मैकियों को पैसे का लालच देकर उनसे ब्‍लड डोनेशन कराया जाता था और फिर जरूरतमंदों को ऊंचे दाम पर बेचा जाता है। शहर के आधा दर्जन से अधिक बड़े अस्पतालों में भी ब्‍लड सप्‍लाई किया जाता था।

By Sanjiv Kumar Edited By: Arijita Sen Updated: Mon, 27 May 2024 07:55 AM (IST)
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मुजफ्फरपुर में चश्‍मे की दुकान की आड़ में खून का अवैध धंधा
जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। Muzaffarpur News : अहियापुर के एसकेएमसीएच ओपी की पुलिस ने खून के धंधे में शामिल युवती समेत दो लोगों काे पकड़ा है। पुलिस पूछताछ में यह जानकारी सामने आई है कि ये दोनों युवाओं को रक्तदान कराकर उसके कार्ड को खरीद लेते थे। उसके बाद जरूरतमंद से उसको बेचते थे।

अस्‍पताल के बाहर है चश्‍मे की दुकान

हिरासत में लिए गए लोगों में पक्की सराय का एक युवक शामिल है। उसका एसकेएमसीएच के दो नंबर गेट के सामने चश्मे की दुकान है। उसके साथ माड़ीपुर की रहने वाली एक युवती को भी पकड़ा गया है।

वह बखरी में रहती है। पुलिस की प्रारंभिक पूछताछ में दोनों ने शहर के आधा दर्जन से अधिक बड़े अस्पतालों के ब्लड बैंक का नाम बताया है, जिससे दोनों बीते चार सालों से खून की बिक्री कर रहे थे।

इसके अलावे दोनो के जब्त मोबाइल से भी पुलिस को 200 से अधिक संदिग्ध नंबर मिले हैं। इसकी सत्यापन कर पुलिस की एक टीम आगे की कारवाई में जुटी है। पुलिस का मानना है कि इस गिरोह में इन दोनों के अलावा अन्य लोग भी शामिल हैं, जिसके संबंध में जानकारी जुटाई जा रही है।

आशंका है कि इस काम में अस्पताल के कई कर्मी भी शामिल हैं, जिसके संबंध में साक्ष्य संकलन किया जा रहा है। इसके बाद पुलिस उस पर भी दबिश बनाकर कार्रवाई करेगी।

इस तरह से आया मामला

एसकेएमसीएच ओपी की पुलिस को लगातार गुप्त सूचना मिल रही थी की खून के धंधे में इलाके का एक गिरोह काफी सक्रिय है। गिरोह में शामिल युवती स्कूल व कॉलेज के लड़कों और स्मैकियों को पैसे का लालच देकर अपने साथ ले जाती थी।

फिर उसको दो-ढाई हजार रुपये देकर ब्लड डोनेशन कराती थी। उसका कार्ड लेकर जरूरमंद को 10 हजार रुपये में बेचती थी। नगर डीएसपी टू विनीता सिन्हा ने बताया कि खून के सौदे के मामले में दो लोगों को हिरासत में लिया गया है। इनसे पूछताछ कर आगे की कार्रवाई की जा रही है।

चार साल पहले भी आया था मामला

करीब चार साल पहले 24 अगस्त, 2020 को मिठनपुरा थाना क्षेत्र के मालीघाट चूनाभट्ठी मुहल्ले में खून के धंधे का मामला सामने आया था। वहां से पुलिस हिरासत में लिए गए सूरज कुमार ने जांच टीम को बताया कि वह इमलीचट्टी के एक ब्लड बैंक के लिए ब्लड कलेक्शन का काम करता है। पूछताछ के बाद मिठनपुरा थाने में सूरज समेत तीन लोगों पर प्राथमिकी दर्ज की गई थी।

पकड़े गए युवकों में एक मोहम्मद सद्दाम ने बताया था कि इस गिरोह का सरगना नवीन है, जो गरीब लोगों से एक हजार देकर रक्तदान कराता है। साथ ही मिठाई खिलाकर वहां से हटा देते थे। फिर जरूरतमंदों से मुंह मांगी कीमत लेकर खून बेचा जाता है।

जांच में ब्लड बैंक के मानक के हिसाब से कुछ भी नहीं मिला था। न रेफ्रिजरेटर और न ही अन्य उपकरण थे। वहां दो खून से भरे और 11 खाली पैकेट मिले। इसके साथ वहां सिरिंज व अन्य सामान मिला। इस घटना के बाद एक बार फिर अहियापुर पुलिस ने गिरफ्तारी की हैं।

अभी उनके पास पुलिस या किसी पब्लिक की ओर से कोई शिकायत नहीं की गई हैं। खून का सौदा करना अक्षम्य अपराध है। पुलिस को इस मामले में हर सहयोग किया जाएगा- सिविल सर्जन डा.अजय कुमार

एसकेएमसीएच ओपी की पुलिस ने खून की खरीद-बिक्री करने के आरोप में संदेह के तहत दो लोगों को हिरासत में लिया है। इन दोनों से पूछताछ कर सत्यापन के साथ आगे की कार्रवाई की जा रही है- राकेश कुमार, एसएसपी

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