अब ऑनलाइन जारी होगी Postmortem रिपोर्ट, नहीं कर पाएगा कोई भी छेड़छाड़; सीधे कोर्ट तक पहुंचेगी जांच की जानकारी
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में किसी तरह की गड़बड़ी व छेड़छाड़ न हो इसको लेकर अब सरकार एकीकृत सॉफ्टवेयर सिस्टम तैयार कर रही है। इसके तहत मेडिको लीगल एक्जामिनेशन एंड पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और इंटीग्रेटेड लेबोरेटरी रिपोर्टिंग सिस्टम नाम के सॉफ्टवेयर बनाए जा रहे हैं। इसके जरिए तैयार की जाने वाली रिपोर्ट में गड़बड़ी की गुंजाइश नहीं होगी। इसके अलावा रिपोर्ट पोर्टल से सीधे कोर्ट में पहुंचेगी।
जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। पोस्टमॉर्टम का डाटा अब ऑनलाइन साझा होगा। डाटा अपडेट करने के लिए मास्टर ट्रेनर के रूप में चार चिकित्सकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा।
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में अब छेड़छाड़ की कोई गुंजाइश नहीं रहेगी। पोर्टल से रिपोर्ट सीधे कोर्ट में जाएगी। अब तक कई मामलों में विलंब से रिपोर्ट मिलने के कारण पुलिस कार्रवाई में भी देर हो जाती थी।
रिपोर्ट पर नाम पता अस्पताल और मोबाइल नंबर होगा अंकित
सरकार की ओर से हाल ही में सप्ताह के सातों दिन और 24 घंटे पोस्टमॉर्टम की व्यवस्था का निर्देश दिया गया है, जबकि इससे पूर्व केवल दिन में ही शव का अंत्यपरीक्षण किया जाता था। इसी कड़ी में अब मैनुअल की बजाय कंप्यूटर की मदद से रिपोर्ट तैयार करने की पहल की जा रही है।अब रिपोर्ट पर चिकित्सक का नाम, पद, अस्पताल और मोबाइल नंबर भी अंकित रहेंगे। सिविल सर्जन डा.अजय कुमार ने बताया कि सरकार ने पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से यह निर्णय लिया है।रिपोर्ट ऑनलाइन होने पर इसमें छेड़छाड़ भी संभव नहीं होगा। उन्होंने प्रशिक्षण के लिए एसकेएमसीएच और सदर अस्पताल के अधीक्षक से दो दिनों के अंदर चिकित्सक को नामित करने को कहा है। प्रशिक्षण लेकर लौटने के बाद चिकित्सक सिस्टम को मजबूत करने में सहयोग करेंगे।
अभी तक स्वास्थ्य विभाग जारी करता है रिपोर्ट
जानकारी के अनुसार आने वाले दिनों में कंप्यूटराइज्ड पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में मौत के कारण और अन्य बातें स्पष्ट रहेंगी। अभी तक स्वास्थ्य विभाग हाथ से तैयार रिपोर्ट ही जारी करता है। इसके चलते उसे समझने में परेशानी होती है।कई मामलों में पुलिस और बीमा कंपनी की कार्रवाई भी अटक जाती है। जानकारी के अनुसार पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट की अभी तीन कापी बनती है। इसमें मूल कापी एसएसपी को जाती है।
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