'मुखिया जी बड़ा चोर हैं...', प्रशांत किशोर ने क्यों कह दी ऐसी बात, किसानों के मुद्दे पर भी दे डाली सलाह
बिहार की धरती से आने वाले चुनावी रणनीतिकार और जन सुराज के कर्ताधर्ता प्रशांत किशोर उर्फ पीके इन दिनों मुजफ्फरपुर जिले में पदयात्रा कर रहे हैं। जन सुराज पदयात्रा के माध्यम से वह लोगों को जागरूक कर रहे हैं। इसी क्रम में उन्होंने एक बार फिर भ्रष्टाचार और किसानों के मुद्दों पर अपनी बात कही है। उन्होंने लोगों से अपने वोट की ताकत को पहचानने की अपील की है।
By Yogesh SahuEdited By: Yogesh SahuUpdated: Sat, 23 Sep 2023 06:12 PM (IST)
जागरण डिजिटल डेस्क, मुजफ्फरपुर। बिहार में जन सुराज यात्रा के माध्यम से घूम-घूमकर लोगों को जागरूक कर रहे प्रशांत किशोर भी अब किसानों की बात करने लगे हैं। बिहार की नीतीश कुमार की सरकार पर हमला छोड़कर वह किसानों को अपने वोट की कीमत पहचानने और मुखिया चुनते समय सही फैसला लेने की सलाह दे रहे हैं।
चुनावी रणनीतिकार और जन सुराज के कर्ताधर्ता प्रशांत किशोर उर्फ पीके इन दिनों मुजफ्फरपुर जिले में हैं। वह अपनी जन सुराज पदयात्रा के माध्यम से लोगों को जगह-जगह जाकर जागरूक कर रहे हैं।
प्रशांत किशोर ने उठाया भ्रष्टाचार का मुद्दा
इसी क्रम में प्रशांत किशोर ने शनिवार को वीडियो पोस्ट में किसानों और आम लोगों से जुड़े मुद्दे को उठाया। पीके ने कहा कि जहां जाइए, जिस गांव में जाइए, लोग कहते हैं कि मुखिया जी बड़ा चोर हैं।ए भइया मुखिया जी काम ही नहीं कर रहे हैं। नाली-गली नहीं बनवा रहे हैं। राशन कार्ड के लिए दो हजार-ढाई हजार घूस मांग रहे हैं। इंदिरा आवास में 25 हजार घूस लग रही है।
इसके आगे प्रशांत किशोर ने कहा कि जरा याद कीजिए.. दो बरस पहले मुखिया का चुनाव था। मुखिया का चुनाव हुआ... पांच-पांच सौ रुपया लेकर लोगों ने वोट बेचा।
मुर्गा-भात खाकर वोट दिए आप। दो-दो पाउच पीकर वोट दिए आप। ऐसे में मुखिया चोर नहीं होगा तो क्या हरिश्चंद्र होगा? अब काहे के लिए गाना गा रहे हैं... अरे आपको तो सौदा करना भी नहीं आ रहा है।मुर्गा-भात खाकर वोट दे दिए। पांच सौ रुपये लेकर वोट दिए। वही मुखिया जब जीतकर आया है तो आपके हलक में उंगली डालकर पांच हजार रुपया निकाल रहा है।
जब आपको इसकी समझ नहीं है तो कोई भी आपको ठगेगा। यही बताने के लिए घूम रहे हैं। हाथ जोड़ रहे हैं। सबको निहौरा कर रहे हैं। एक बार जीवन में मेरी सलाह मानिए।यह भी पढ़ें : राशन कार्ड रद्द हो गया है... बिहार में जहां महात्मा गांधी ने उठाई थी आवाज; वहां लोग खाने को मोहताज
वोट अपने बच्चों के लिए दीजिए। वोट की कीमत पूरा-पूरा वसूलिए। आपके वोट की कीमत है आपके बच्चों का भविष्य... और ये सुधरेगा तब, जब उनके लिए पढ़ाई और रोजगार हो।
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