स्वास्थ्य विभाग में कॉन्ट्रैक्ट पर नौकरी कर रहे स्टाफों की मुश्किलें बढ़ने वाली है। उनकी नौकरी पर खतरा मंडरा रहा है। बता दें कि भाजपा अहियापुर मंडल के महामंत्री ने एजेंसी पर लूट-खसाेट का लगाया था। इसके बाद मामला प्रकाश में आया। अब डीडीसी ने एसकेएमसीएच अधीक्षक और सिविल सर्जन से जांच कर रिपोर्ट है। एजेंसी पर नौकरी के बदले 15 से 20 हजार रुपये वसूलने का आरोप है।
जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। जिले में स्वास्थ्य विभाग में अनुबंध पर कर्मचारियों की बहाली में लूट-खसोट की शिकायत के बाद इसकी जांच का आदेश दिया गया है। भाजपा अहियापुर मंडल के महामंत्री सुनील शाही की शिकायत के बाद डीडीसी आशुतोष द्विवेदी ने इसकी जांच का आदेश दिया है।
उन्होंने एसकेएमसीएच की अधीक्षक और सिविल सर्जन को इसकी जांच कर रिपोर्ट उपलब्ध कराने को कहा है।
डीएम से की गई शिकायत में कहा गया था कि जिले में स्वास्थ्य विभाग में कर्मियों की अनुबंध की बहाली का जिम्मा एक एजेंसी को दिया गया है।
सिक्यूरिटी गार्ड की बहाली के लिए 15 हजार रुपये मांगे जा रहे
एसकेएमसीएच, सदर अस्पताल एवं पीएचसी में इन कर्मियों को अनुबंध पर बहाल किया जाना है। एजेंसी की ओर से इस बहाली के लिए 15 से 50 हजार रुपये तक वसूल किए जा रहे हैं। कंप्यूटर ऑपरेटर के लिए सबसे अधिक वसूली की जा रही है। सिक्यूरिटी गार्ड की बहाली के लिए 15 हजार रुपये मांगे जा रहे हैं।
उनके आचरण की भी जांच नहीं की जा रही है। यह भी शिकायत की गई है कि 200 सिक्यूरिटी गार्ड की हाजिरी तो दिखाई जाती है, मगर 90 से 100 गार्ड ही उपलब्ध रहते हैं। इसी तरह ट्राली मैन की भी फर्जी तरह से हाजिरी बनाई जा रही है। उनके नाम की राशि अपने करीबियों के खाते में देकर निकाला जा रहा है।
गार्ड के लिए जो रकम सरकार की ओर से दी जाती है उसमें कटौती कर उसका भुगतान किया जा रहा है। मामले की जांच वरीय अधिकारी से कराने का आग्रह किया गया था। इसके बाद यह जांच का आदेश दिया गया।
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