शहीद खुदीराम बोस केंद्रीय कारा में कैदी अशोक कुमार मिश्र के साथ 27 साल पहले मारपीट के मामले में पूर्व सांसद आनंद मोहन के विरुद्ध गवाह पेश करने का अभियोजन पक्ष अंतिम मौका भी चूक गया। शुक्रवार को अभियोजन पक्ष न्यायिक दंडाधिकारी (प्रथम श्रेणी) नंदनी के कोर्ट में गवाह पेश नहीं किया। इसके बाद कोर्ट ने गवाही की प्रक्रिया बंद कर दी है।
By Edited By: Prateek JainUpdated: Sat, 19 Aug 2023 12:26 AM (IST)
जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर: शहीद खुदीराम बोस केंद्रीय कारा में कैदी अशोक कुमार मिश्र के साथ 27 साल पहले मारपीट के मामले में पूर्व सांसद आनंद मोहन के विरुद्ध गवाह पेश करने का अभियोजन पक्ष अंतिम मौका भी चूक गया।
शुक्रवार को अभियोजन पक्ष न्यायिक दंडाधिकारी (प्रथम श्रेणी) नंदनी के कोर्ट में गवाह पेश नहीं किया। इसके बाद कोर्ट ने गवाही की प्रक्रिया बंद कर दी है। अगली तिथि को कोर्ट में आरोपित पूर्व सांसद का बयान दर्ज किया जाएगा।
9 जून को केस बंद करने की अपील की
इस मामले का विचारण न्यायिक दंडाधिकारी नंदिनी के कोर्ट में चल रहा है। पिछले 19 जून को
पूर्व सांसद आनंद मोहन कोर्ट में पेश हुए थे, तब उनकी ओर से कोर्ट में एक अर्जी दाखिल की गई थी। इसमें केस बंद करने की प्रार्थना की गई थी।
कोर्ट ने अभियोजन पक्ष को गवाह पेश करने के लिए शुक्रवार को अंतिम मौका दिया था। विदित हो कि समस्तीपुर जिले के ताजपुर निवासी अशोक कुमार मिश्र ने 10 अप्रैल, 1996 को मिठनपुरा थाने में प्राथमिकी कराई थी।
इसमें पूर्व सांसद आनंद मोहन, पूर्व विधायक मुन्ना शुक्ला, रामू ठाकुर, बबलू श्रीवास्तव व एक अज्ञात कैदी को आरोपित बनाया था। सभी आरोपित जेल में दबंगई करते हैं। उसने इसका विरोध किया तो उसके साथ मारपीट की गई।
दो आरोपियों की हो चुकी मौत
मामले की जांच के बाद पुलिस ने 11 अप्रैल, 1997 को सभी के विरुद्ध कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया। इसमें आरोपित रामू ठाकुर व बबलू श्रीवास्तव की मौत हो चुकी है।
वहीं, इससे पहले मामले के विचारण के बाद कोर्ट ने पूर्व विधायक मुन्ना शुक्ला को बरी कर दिया। फिलहाल इस मामले का न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी नंदनी के कोर्ट में विचारण चल रहा है और पूर्व सांसद इसका सामना कर रहे हैं।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।