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राधामोहन सिंह ने Lalu Yadav, रामविलास जैसे दिग्गजों को छोड़ा पीछे, भोला राउत के इस बड़े रिकॉर्ड की कर ली बराबरी

भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्वी चंपारण लोकसभा सीट से सातवीं बार जीत दर्ज करने वाले राधामोहन सिंह के नाम एक बड़े रिकॉर्ड की बराबरी कर ली है। राधामोहन सिंह ने बगहा लोकसभा सीट से सांसद रहे भोला राउत की बराबरी कर ली है। इसके साथ ही राधामोहन सिंह ने औरंगाबाद से छह बार सांसद रहे सत्यनारायण सिन्हा को भी पीछे छोड़ दिया है।

By Jagran News Edited By: Mohit Tripathi Updated: Sun, 09 Jun 2024 03:30 PM (IST)
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राधामोहन सिंह ने लालू यादव व रामविलास जैसे दिग्गजों को पीछे छोड़ा। (फाइल फोटो)
अजय पांडेय, मुजफ्फरपुर। पूर्वी चंपारण से सातवीं बार सांसद चुने गए भाजपा के राधामोहन सिंह ने बगहा (अब वाल्मीकिनगर) लोकसभा सीट से सांसद रहे भोला राउत की बराबरी कर ली है। वे परिसीमन से पहले 1989, 1996 और 1999 में भाजपा के टिकट पर सांसद चुने गए थे। 2008 के बाद 2009, 2014, 2019 और 2024 में भी जीत हासिल की।

भोला राउत बगहा लोकसभा सीट से 1952, 1957, 1962, 1967, 1971, 1980 और 1984 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के टिकट पर सांसद चुने गए थे। बीच में 1977 में जनता पार्टी के जगन्नाथ प्रसाद स्वतंत्र ने उन्हें शिकस्त दी थी।

औरंगाबाद से सत्यनारायण सिन्हा छह बार सांसद रहे थे। 1952 और 1957 में वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, 1971 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (ओ) तथा 1977, 1980 व 1984 में जनता पार्टी के टिकट पर सांसद चुने गए थे।

हालांकि, बिहार में सर्वाधिक नौ बार सांसद चुने जाने का रिकार्ड रामविलास पासवान के नाम पर है। सांसद के रूप में उनका सफर जनता पार्टी के टिकट पर 1977 में हाजीपुर से शुरू हुआ था। उसके बाद 1980 में भी इसी पार्टी से चुने गए। 1989, 1996 व 1998 में जनता दल व 1999 में जदयू के टिकट पर चुने गए थे।

इसके बाद स्वयं की लोक जनशक्ति पार्टी के टिकट पर 2004 और 2014 में जीत हासिल की थी। 1991 में जनता दल के टिकट पर समस्तीपुर की रोसड़ा सीट से जीते थे। वे दो बार राज्यसभा सदस्य भी रहे। उनके पास छह प्रधानमंत्रियों के साथ काम करने का भी रिकार्ड है।

5 बार सांसद चुने गए ये दिग्गज नेता

अब तक के चुनावी इतिहास में महेंद्र बैठा, भागवत झा आजाद, जार्ज फर्नांडीज और भोगेंद्र झा ने पांच-पांच बार संसद की राह तय की है। बगहा लोकसभा सीट से 1989 और 1991 में जनता दल के टिकट पर महेंद्र बैठा ने जीत हासिल की थी। इसके बाद 1996, 1998 और 1999 में उन्हें समता पार्टी के टिकट पर जीत मिली थी।

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के भोगेंद्र झा को जयनगर सीट से 1967 और 1971 में जीत मिली थी, इसके बाद जयनगर विलोपित होकर मधुबनी सीट बना। भोगेंद्र झा ने यहां से भी 1980, 1989 व 1991 में जीत हासिल की थी।

पांच बार सांसद चुने जानेवालों में जार्ज का भी नाम आता है। वे मुजफ्फरपुर सीट से 1977, 1980, 1989, 1991 और 2004 में जीते थे। 1977 व 1980 में जनता पार्टी 1989 व 1991 में जनता दल व 2004 में जनता दल (यूनाइटेड) से जीत मिली थी। भागलपुर सीट से भागवत झा आजाद कांग्रेस के टिकट पर पांच बार सांसद रहे थे। वे 1962, 1967, 1971, 1980 और 1984 में सांसद चुने गए थे।

चार बार सांसद रहे ये कद्दावर नेता

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव, डॉ. संजय जायसवाल, मो. शहाबुद्दीन, द्वारिकानाथ तिवारी, रमा देवी और अली अशरफ फातमी के नाम चार बार सांसद रहने का रिकार्ड है।

लालू प्रसाद यादव सारण से 1977 में जनता पार्टी, 1989 में जनता दल और 2004 व 2009 में राष्ट्रीय जनता दल के टिकट पर सांसद चुने गए थे।

पश्चिम चंपारण के नवनिर्वाचित भाजपा सांसद डॉ. संजय जायसवाल की यह लगातार चौथी जीत है। इससे पहले 2009, 2014 व 2019 में जीत हासिल कर चुके हैं।

चार बार जीतने वालों में मो. शहाबुद्दीन का भी नाम है। सिवान से 1996 में जनता दल के बाद 1998, 1999 व 2004 में राष्ट्रीय जनता दल के टिकट पर जीत दर्ज की थी।

दरभंगा सीट से अली अशरफ फातमी भी 1991 व 1996 में जनता दल और 1998 व 2004 में राष्ट्रीय जनता दल के टिकट पर संसद पहुंच चुके हैं।

उन्होंने इस बार राजद के टिकट पर मधुबनी से किस्मत आजमाई थी, लेकिन भाजपा के सिटिंग सांसद अशोक कुमार यादव के हाथों शिकस्त मिली।

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