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Muzaffarpur News: नई तकनीक से काजीइंडा-महुआ मार्ग में पुल की मरम्मत शुरू, काम पूरा करने का समय-सीमा भी तय

मुजफ्फरपुर में काजीइंडा-महुआ मार्ग पर सोनवर्षा पुल की मरम्मत कार्बन फाइबर तकनीक से की जा रही है। यह पहली बार है जब इस तकनीक का उपयोग जिले में किया जा रहा है। मरम्मत का काम मार्च तक पूरा करने का लक्ष्य है जिसके लिए 2.13 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। रात में भी काम किया जा रहा है ताकि दिन में ट्रैफिक के कारण परेशानी न हो।

By babul deep Edited By: Mukul Kumar Updated: Fri, 01 Nov 2024 08:11 AM (IST)
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प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर
जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। जिले में पहली बार कार्बन फाइबर तकनीक से काजीइंडा-महुआ मार्ग में सोनवर्षा पुल की मरम्मत का काम शुरू हो गया। इसे मार्च तक पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

पथ निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता गणेशजी ने बताया कि ट्रैफिक को ध्यान में रखते हुए मरम्मत का काम किया जा रहा है। रात में भी काम किया जा रहा है।

करीब 2.13 करोड़ रुपये से 70 मीटर लंबे पुल की मरम्मत की जा रही है। निर्माण स्थल की घेराबंदी कर दी गई है, ताकि किसी प्रकार का हादसा नहीं हो। दिन में अधिक ट्रैफिक होने के कारण काम करने में परेशानी होती है। इसलिए रात में भी शिड्यूल किया जा रहा है, ताकि निर्धारित समय तक काम पूरा हो सके।

मिलेगी अधिक मजबूती

कार्यपालक अभियंता ने बताया कि कार्बन फाइबर तकनीक एक प्रकार की परत है। इससे न सिर्फ पुल की लाइफ बढ़ेगी बल्कि अन्य पुलों की तुलना में अधिक मजबूत होगा। राज्य में विक्रमशीला पुल की मरम्मत में पहली बार इसका इस्तेमाल हुआ था। इसके बाद अन्य जगहों पर इस तकनीक का उपयोग किया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि पुल में सभी जगहों पर लगे बैरिंग और एक्सपेंशन ज्वाइंट को बदला जाएगा। इसके अलावा जहां अधिक क्षतिग्रस्त है, वहां पर इंपाक्सी (इसका इस्तेमाल मजबूती और सतह बनाने के लिए किया जाता है) इंजेक्ट किया जाएगा। इससे अधिक मजबूती होगी।

विदित हो कि मुजफ्फरपुर और इसके आसपास के क्षेत्र से महुआ-हाजीपुर और पटना जाने के लिए यह प्रमुख मार्ग है। वर्तमान में सड़क टू लेन है, लेकिन प्रतिदिन हजारों की संख्या में बड़ी और भारी गाड़ियां इस ओर से गुजरती हैं।

शिवहर-सीतामढ़ी रेलमार्ग के लिए भूमि अधिग्रहण में भूमि की प्रकृति पर सवाल

उधर, शिवहर -सीतामढ़ी रेल लाइन के लिए भूमि के सर्वे में कई अनियमितताएं सामने आई हैं। भूमि आवासीय और सर्वेक्षण में बना दिया गया है तालाब की जमीन। खेत की जमीन को बता दिया गया है तालाब।

इतना ही नहीं व्यावसायिक जमीन को खेती वाली व आवासीय बनाए जाने का मामला सामने आने के बाद देकुली धर्मपुर के किसानों का गुस्सा भड़क उठा है। ग्रामीण एक ओर जहां आंदोलन के मूड में हैं, वहीं दूसरी ओर मंगलवार को जिलाधिकारी से मिलकर आवेदन सौंपा है।

जिसमें नए सिरे से सर्वे करा की प्रकृति तय करने की मांग की है। ग्रामीणों ने जिलाधिकारी को सौंपे आवेदन में पूरे मामले की जानकारी दी है। साथ ही निबंधन कार्यालय द्वारा जारी खेसरा वर्गीकरण पंजी की छाया प्रति साक्ष्य के तौर पर सौंपी है।

ग्रामीणों ने जिलाधिकारी से अपने स्तर से देकुली धर्मपुर मौजा का स्थल जांच कराने व वास्तविक भूमि की प्रकृति तय करने की मांग की है। जिलाधिकारी से मिलने पहुंचे भाजपा नेता संजीव पांडेय ने बताया कि सर्वे में गड़बड़ी की वजह से यह स्थिति उत्पन्न हुई है।

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