Bihar College Fees: सभी कॉलेजों में लागू होगी समान फीस व्यवस्था, राजभवन ने दिया डायरेक्ट ऑर्डर
उच्च शिक्षा में नामांकन के लिए अब सभी वर्ग की छात्राओं और एससी-एसटी के छात्रों को निर्धारित सभी शुल्क देना होगा। यूजी से लेकर पीजी में होने वाले दाखिलों का पूरा रिकार्ड राज्य सरकार को भेजा जाएगा। सरकार के स्तर से राशि विश्वविद्यालय को मिलते ही नामांकन समेत अन्य मद में लिए गए पैसे संबंधित छात्र-छात्राओं के खाते में वापस कर दिए जाएंगे।
जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में अब एक ही कोर्स के लिए दो कॉलेजों में अलग-अलग शुल्क नहीं देना होगा। अंगीभूत से लेकर संबद्ध सभी प्रकार के कॉलेजों में स्नातक समेत अन्य कोर्स के लिए एकसमान फीस व्यवस्था लागू की जाएगी। किसी भी परिस्थिति में राजभवन की ओर से निर्धारित शुल्क से अधिक नहीं लिया जाएगा।
अगर विश्वविद्यालय को इसकी शिकायत मिलती है तो संबंधित कॉलेज पर कार्रवाई होगी। बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में यूजी से लेकर पीजी की पढ़ाई के लिए फीस की एकरूपता स्थापित की जाएगी। स्नातक ही नहीं, बल्कि पीजी की पढ़ाई के लिए भी कालेजों और विभागों को राजभवन की ओर से निर्धारित शुल्क ही लेना है।
मंगलवार को कुलपति प्रो. डीसी राय की अध्यक्षता में आयोजित नामांकन समिति की बैठक में यह फैसला लिया गया है। बैठक में डीएसडब्ल्यू प्रो. अभय कुमार सिंह, साइंस के डीन डा. शिवानंद, मानविकी के डीन प्रो. सतीश कुमार राय, सोशल साइंस की डीन प्रो. संगीता रानी, कामर्म के डीन प्रो. प्रेमानंद, आरबीबीएम कालेज की प्राचार्या डॉ. ममता रानी समेत अन्य कॉलेजों के प्राचार्य और पीजी विभागों के अध्यक्ष शामिल हुए। साथ ही विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में रजिस्ट्रार प्रो. संजय कुमार, प्राक्टर प्रो. बीएस राय, परीक्षा नियंत्रक डा. टीके डे मौजूद रहे।
सभी वर्ग की छात्राओं और एससी-एसटी के छात्रों को देनी होगी फीस
उच्च शिक्षा में नामांकन के लिए अब सभी वर्ग की छात्राओं और एससी-एसटी के छात्रों को निर्धारित सभी शुल्क देना होगा। यूजी से लेकर पीजी में होने वाले दाखिलों का पूरा रिकार्ड राज्य सरकार को भेजा जाएगा।सरकार के स्तर से राशि विश्वविद्यालय को मिलते ही नामांकन समेत अन्य मद में लिए गए पैसे संबंधित छात्र-छात्राओं के खाते में वापस कर दिए जाएंगे। महिला कालेजों में स्नातक और पीजी में नामांकन को लेकर होने वाली परेशानी के मद्देनजर विश्वविद्यालय के स्तर से यह फैसला लिया गया है। ऐसे में अब सभी वर्ग की छात्राओं को स्नातक और पीजी में नामांकन शुल्क देना होगा।
दूसरी ओर पिछले दिनों हुए नामांकन में जिन कालेजों और पीजी विभागों ने संबंधित छात्र-छात्राओं से शुल्क नहीं लिए हैं, उनका रिकार्ड सरकार को नहीं भेजा जाएगा। दूसरी ओर छात्राओं और एससी-एसटी कैटेगरी के छात्रों के नामांकन के लिए फीस संबंधी मामले पर पिछले वर्ष सरकार से मंतव्य मांगा गया था, लेकिन अब तक स्थिति स्पष्ट नहीं की गई है।ये भी पढ़ें- Bihar Sanskrit School: अभिलेख नहीं उपलब्ध कराने पर 1659 संस्कृत स्कूलों पर होगी कार्रवाई, शिक्षा विभाग ने दिया आदेश
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