Muzaffarpur News: 500 रेल यात्रियों के प्रतिदिन लिए जा रहे सैंपल, रिपोर्ट मिलती सात दिनों बाद
मुजफ्फरपुर रेलवे स्टेशन पर यात्रियों से लिए जा रहे कोरोना जांच के नमूने की रिपोर्ट सात से आठ दिनों में आ रही है। तबतक रेलयात्री अपने गंतव्य तक पहुंचकर परिवार और अन्य लोगों से घुलमिल चुके होते हैं। रिपोर्ट में देरी के कारण परेशानी।
मुजफ्फरपुर, जागरण संवाददाता। रेलवे स्टेशन पर यात्रियों से लिए जा रहे कोरोना जांच के नमूने की रिपोर्ट सात से आठ दिनों में आ रही है। तबतक रेलयात्री अपने गंतव्य तक पहुंचकर परिवार और अन्य लोगों से घुलमिल चुके होते हैं। इतनी देर से रिपोर्ट आने पर संक्रमण को क्या कोई रोक पाएगा। कई लोग इस पर सवाल खड़े कर रहे हैं। जंक्शन के तीन मुख्य द्वार पर प्रतिदिन करीब 500 रेल यात्रियों का सैंपल इक_ा किया जाता है। बटलर और मेन गेट से दो-दो सौ तथा पूछताछ के समीप 100 सैंपल प्रतिदिन लिए जा रहे। वैष्णो देवी, कुंभ या अन्य धार्मिक स्थलों पर जाने के लिए उनको 24 या 72 घंटे की कोरोना रिपोर्ट चाहिए। लेकिन रिपोर्ट में काफी देरी के कारण श्रद्धालुओं को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
रेल यात्री मृणाल मिश्रा, कौशल कुमार ने बताया कि उनका जांच रिपोर्ट सात दिनों में मोबाइल में मैसेज आया। मैसेज को एप के माध्यम से डाउनलोड करके देखा जाता है। लेकिन हर लोगों को इस एप के बारे में जानकारी नही रहती। ऐसे में अगर यात्री पॉजिटिव होता है तो वह और कितने लोगों के बीच संक्रमण फैला चुका होगा।
बैकलॉग में पड़ी हजारों यात्रियों की जांच
प्रतिदिन करीब 500 रेलयात्रियों के सैंपल तो लिए जा रहे, लेकिन उसकी रिपोर्ट बैकलॉग होती जा रही। ऐसे करीब छह हजार रेल यात्री होंगे जिनका बैकलॉग चल रहा।
पुलिस का नहीं मिल रहा सहयोग
स्टेशन के सभी निकास द्वार पर टीटीई और पुलिस का पहरा लगा है। फिर भी यात्री रेल यात्रा बाइपास ट्रेन पकडऩे के लिए निकल जा रहे हैं। वहीं पुलिस, टीटीई द्वारा सहयोग नहीं मिलने से बिना जांच के ही कई रेल यात्री टे्रन पकडऩे के लिए निकल जा रहे। शुरू में सख्ती थी तो पुलिस वाले सहयोग कर रहे थे। इधर मामला ढीला-ढाला चल रहा। स्वास्थ्य कर्मियों की संख्या भी कम हो गई है। इसलिए रेल पुलिस भी हाथ बंटाने के बजाए दूसरे कार्य में लगी रहती है।