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नीतीश के सबसे करीबी मधुबनी के संजय झा बिहार कैबिनेट में तीसरी बार बने मंत्री

Bihar Politics तीसरी बार मंत्रिमंडल में किया गया शामिल। झंझारपुर के अररिया गांव के रहने वाले हैं संजय झा। दिल्ली में रहने वाले मैथिलों के बीच मजबूत पकड़ के कारण दिल्ली चुनाव में पार्टी के लिए सक्रिय भूमिका में रहे। राजनीतिक जीवन की शुरूआत भाजपा से की।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Updated: Tue, 16 Aug 2022 02:58 PM (IST)
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आगामी चुनावों में जदयू को संजय झा के कारण ब्राह्मण वोट बैंक में मिल सकता है लाभ। फाइल फोटो
मधुबनी, जासं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेहद करीबी माने जाने वाले संजय कुमार झा को तीसरी बार मंत्री बनने का मौका मिला है। इससे पूर्व वे नीतीश सरकार में दो बार जल संसाधन मंत्री रह चुके हैं। पिछली सरकार में सूचना एवं जनसंपर्क विभाग भी इन्हीं के जिम्मे था। विधानसभा चुनाव 2020 से कुछ ही दिनों पहले हुए बिहार विधान परिषद के उप चुनाव में इन्हें सदन भेजा गया था और सरकार बनते ही मंत्री बनाया गया था।

भाजपा के साथ गठबंधन टूटने एवं महागठबंधन के साथ सरकार बनने के बाद इन्हें तीसरी बार मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है। बता दें कि पिछले लोकसभा चुनाव में नीतीश कुमार ने दरभंगा सीट से संजय झा को टिकट देने का सोचा था, लेकिन ऐसा नहीं हो सका था। चुनाव के ठीक बाद विधान परिषद की सीट खाली होते ही पहले इन्हें एमएलसी बनाया गया और फिर मंत्री।

दिल्ली के मैथिलों के बीच मजबूत पकड़

संजय झा को मिथिलांचल में जदयू का बड़ा चेहरा माना जाता है। मूलरूप से मधुबनी जिला के झंझारपुर के अररिया गांव के रहने वाले संजय झा ने साल 2014 में दरभंगा से लोकसभा का चुनाव भी लड़ा था, लेकिन उन्हें पराजय का सामना करना पड़ा था। दिल्ली में रहने वाले मैथिलों के बीच संजय झा की मजबूत पकड़ मानी जाती है। यही कारण रहा कि वे दिल्ली चुनाव में पार्टी के लिए सक्रिय भूमिका में रहे थे।

अरुण जेटली के भी रहें करीबी

संजय झा मिथिला में जदयू का ब्राह्मण चेहरा हैं। इन्हें मंत्री बनाए जाने से आने वाले विधानसभा व लोकसभा चुनाव में जदयू को ब्राह्मणों के बीच पैठ बनाने में मदद मिल सकती है। संजय झा ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरूआत भाजपा से की थी। वे अरुण जेटली के करीबी माने जाते थे। भाजपा व जदयू के बीच इन्होंने सेतु का काम भी किया था। पहली बार 2005 में राज्यपाल के द्वारा एमएलसी बने थे। बिहार राज्य योजना परिषद के सदस्य भी रह चुके हैं।

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