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वर्षो से क्षतिग्रस्त पूर्वी चंपारण का स्क्रू पाइल पुल कभी भी हो सकता ध्वस्त, कई गांवों का मुख्यालय से टूट सकता संपर्क

पूर्वी चंपारण जिले के छौड़ादानो प्रखंड अंतर्गत गोला पकडिय़ा गांव के समीप स्थित तियर नदी पर बना स्क्रू पाइल पुल वर्ष 2017 से क्षतिग्रस्त है।

By Murari KumarEdited By: Updated: Wed, 09 Sep 2020 06:37 PM (IST)
वर्षो से क्षतिग्रस्त पूर्वी चंपारण का स्क्रू पाइल पुल कभी भी हो सकता ध्वस्त, कई गांवों का मुख्यालय से टूट सकता संपर्क
रक्सौल(पूचं), [अभिषेक तिवारी]। दर्जनों गांवों को प्रखंड, अनुमंडल तथा जिला मुख्यालय से जोडऩे वाला पूर्वी चंपारण जिले के छौड़ादानो प्रखंड अंतर्गत गोला पकडिय़ा गांव के समीप स्थित तियर नदी पर बना स्क्रू पाइल पुल वर्षो से क्षतिग्रस्त है। बावजूद इसके इस पल से होकर गुजरना लोगों की मजबूरी है। जान हथेली पर लेकर लोग इस पुल से गुजरते हैं। 

हरदम रहती हादसे की आशंका

ग्रामीण विकास विभाग ने पुल के दोनों छोर पर पुल क्षतिग्रस्त का बोर्ड लटकाकर अपनी जिम्मेदारी से मुक्ति पा ली है। इधर आलम यह है कि प्रतिदिन दर्जनों ट्रैक्टर ईंट लादकर इस हिलते-डोलते पुल से गुजरते हैं। हमेशा यह भय रहता है कि किसी भी क्षण पुल किसी भयंकर हादसे को अंजाम दे सकता है। ग्रामीण इस बात से भी आयांकित हैं कि इस पुल के पूरी तरह टूट जाने के बाद दर्जनों गांव का सड़क संपर्क प्रखंड, अनुमंडल एवं जिला मुख्यालय से भंग हो जाएगा।

2017 की बाढ़ में हुआ था क्षतिग्रस्त

इस पुल का निर्माण 2003-2004 में तत्कालीन राज्य सभा सांसद सुभाष यादव के ऐच्छिक कोष से इंजीनियर शशिभूषण सिंह ने कराया था। इसके बनने से बनकटवा, घोड़ासहन और चिरैया प्रखंड के दर्जनों गांवों का सड़क संपर्क प्रखंड मुख्यालय छौड़ादानो, अनुमंडल मुख्यालय रक्सौल और जिला मुख्यालय मोतिहारी से हो गया था। फिर वर्ष 2017 में आई प्रलयंकारी बाढ़ ने इस पुल को बीच में ही क्षतिग्रस्त कर दिया। 

निर्माण की बाट ही जोह रहे

स्थानीय विधायक डॉक्टर शमीम अहमद की पहल पर ग्रामीण विकास विभाग के कार्यपालक अभियंता के नेतृत्व में अभियंताओं की टीम ने स्थल निरीक्षण कर विभाग को प्रस्ताव भेजा था, जिसमें बताया था कि इस पुल के बगल में ही 90 मीटर आरसीसी नया पुल बनेगा। लेकिन तब से आज तक ग्रामीण पुल निर्माण की बाट ही जोह रहे हैं। न तो पुल के क्षतिग्रस्त भाग की मरम्मत ही हुई और न नया पुल ही बना। इधर लोगों का कहना है कि इस साल की बरसात और बाढ़ में इसकी स्थिति और भी जर्जर हो चुकी है।

विभाग को आरसीसी पुल का प्रस्ताव

ग्रामीण विकास विभाग के कनीय अभियंता राजेन्द्र प्रसाद ने बताया कि इस पुल के बगल में ही एक दूसरा 90 मीटर का आरसीसी पुल का प्रस्ताव विभाग को भेजा गया है। उसकी स्वीकृति मिलते ही कार्य प्रारंभ कर दिया जाएगा। वहीं विधायक डॉक्टर शमीम अहमद ने बताया कि वे लगातार इस दिशा में प्रयास करते रहे हैं। विधानसभा में शून्य काल के माध्यम से उन्होंने कई बार इस समस्या पर सरकार का ध्यान आकृष्ट करने का प्रयास किया है। उन्होंने बताया कि उन्होंने मुख्यमंत्री को भी वस्तुस्थिति की जानकारी दी है।

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