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Sach K Sathi Seniors : मुजफ्फरपुर में सच के साथी-सीनियर्स के तहत हुआ फैक्‍ट चेकिंग पर सेमिनार

Sach K Sathi Seniors Bihar News बिहार के मुजफ्फरपुर में जागरण न्‍यू मीडिया की फैक्‍ट चेकिंग वेबसाइट विश्वास न्‍यूज की टीम बुधवार को सच के साथी सीनियर्स को सचेत करने पहुंची थी। यहां शहर के मिठनपुरा स्थित द पार्क होटल में कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इस दौरान टीम ने कार्यक्रम में आए वरिष्ठ नागरिकों को फैक्ट चेकिंग को लेकर प्रशिक्षित किया।

By Jagran NewsEdited By: Yogesh SahuUpdated: Wed, 20 Dec 2023 07:06 PM (IST)
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Sach K Sathi Seniors : मुजफ्फरपुर में सच के साथी-सीनियर्स के तहत हुआ फैक्‍ट चेकिंग पर सेमिनार

जागरण टीम, मुजफ्फरपुर। जागरण न्‍यू मीडिया की फैक्‍ट चेकिंग वेबसाइट विश्वास न्‍यूज की टीम बुधवार को 'सच के साथी सीनियर्स' को सचेत करने मुजफ्फरपुर पहुंची। शहर के मिठनपुरा स्थित द पार्क होटल में आयोजित इस आयोजन में विशेष रूप से वरिष्‍ठ नागरिकों को फैक्‍ट चेकिंग का प्रशिक्षण दिया गया। मुजफ्फरपुर में कार्यक्रम के अलावा गया और भागलपुर के प्रतिभागियों के लिए भी बुधवार को वेबिनार का आयोजन किया गया।

प्रतिभागियों से रूबरू होते हुए जागरण न्‍यूज मीडिया के एसोसिएट एडिटर विवेक तिवारी ने सच के साथी अभियान के बारे में विस्‍तार से बताया।

उन्‍होंने प्रतिभागियों को सचेत करते हुए बताया कि देश में इनदिनों डिजिटल धोखाधड़ी काफी बढ़ गई है। इससे लोगों को काफी आर्थिक नुकसान हो रहा है।

ऐसे में अलर्ट रह के खुद को और अपनों को बचाया जा सकता है। उन्‍होंने बताया कि सोशल मीडिया से लेकर मोबाइल तक पर रोजाना सैकड़ों की तादाद में मैसेज आते हैं।

यदि इन्‍हें बिना सोचे-समझे आगे बढ़ा दिया जाए तो समाज को भारी नुकसान हो सकता है। इसलिए हर मैसेज को फॉरवर्ड करने से पहले चेक कर लेना बेहद जरूरी है ।

गूगल ओपन सर्च, गूगल लेंस, गूगल रिवर्स इमेज जैसे टूल के बारे में जानकारी देते हुए विश्‍वास न्‍यूज की डिप्‍टी एडिटर एवं एवं फैक्ट चेकर पल्‍लवी मिश्रा ने बताया कि इंटरनेट पर कई टूल्‍स मौजूद हैं, जिनकी मदद से आसानी से फर्जी तस्‍वीरों, वीडियो और संदेश की जांच की जा सकती है।

यदि किसी भी वायरल मैसेज पर शंका हो तो उसे जरूर जांचना चाहिए। यदि आप खुद नहीं चेक कर सकते हैं तो उस विषय के जानकार की मदद लेनी चाहिए।

जागरण न्‍यू मीडिया के एसोसिएट एडिटर विवेक तिवारी ने फर्जी और भ्रामक मैसेज के अलावा मिस इन्‍फॉर्मेशन और डिस इन्‍फॉर्मेशन के अंतर को विस्‍तार से बताया।

उन्‍होंने प्रतिभागियों को फैक्ट चेकिंग के गुर से रूबरू कराते हुए कहा कि वर्तमान समय में फर्जी और भ्रामक सूचनाएं एक बड़े संकट के रूप में सामने आ रही हैं।

इस अभियान का उद्देश्य डिजिटल मिस-इन्फॉर्मेशन के युग में वरिष्ठ नागरिकों को जरूरी प्रशिक्षण के साथ जागरूक करना है।

डीपफेक वीडियो को ऐसे पहचानें

पल्‍लवी मिश्रा ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि आने वाले वक्‍त में डीपफेक वीडियो और फोटो का इस्‍तेमाल लोगों को नुकसान पहुंचाने के लिए हो सकता है।

इसलिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का इस्‍तेमाल जिम्‍मेदारी और समझदारी के संग करने की आवश्‍यकता है।

थोड़ी-सी समझदारी और ऑनलाइन टूल्‍स के माध्‍यम से डीपफेक वीडियो और तस्‍वीरों को पहचाना जा सकता है। उन्‍होंने कुछ तस्‍वीरों के जरिए समझाया कि आई मूवमेंट , रंग, लाइटिंग और सब्‍जेक्‍ट के भाव से डीप फेक को पकड़ा जा सकता है।

मतदान जरूर करें

कार्यक्रम में लोगों से अपील की गई कि हर चुनाव में मतदान जरूर करें। चुनाव के वक्‍त कई प्रकार की झूठी और भ्रामक सूचनाएं और पोस्‍ट वायरल होती हैं।

इनके बारे में जानकारी जुटाकर मतदान के संबंध में निर्णय लें। चुनाव के वक्‍त किसी भी प्रकार का मैसेज फॉरवर्ड करने से पहले सतर्क रहने की आवश्‍यकता है।

अभियान के बारे में

'सच के साथी सीनियर्स' भारत में तेजी से बढ़ रही फेक और भ्रामक सूचनाओं के मुद्दे को उठाने वाला मीडिया साक्षरता अभियान है।

कार्यक्रम का उद्देश्य 15 राज्यों के 50 शहरों में सेमिनार और वेबिनार की श्रृंखला के माध्यम से स्रोतों का विश्लेषण करने, विश्वसनीय और अविश्वसनीय जानकारी के बीच अंतर करते हुए वरिष्ठ नागरिकों को तार्किक निर्णय लेने में मदद करना है।

गूगल न्यूज इनिशिएटिव (जीएनआई) की सहायता से संचालित हो रहे इस कार्यक्रम का अकादमिक भागीदार माइका (मुद्रा इंस्टीट्यूट ऑफ कम्युनिकेशंस, अहमदाबाद) है।

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