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ब‍िहार में सीनियर छात्र पढ़ा रहे पाठ, शिवहर में सामने आया अजीबो-गरीब मामला

Sheohar news दो साल से शिक्षक की तैनाती की मांग कर रहे एचएम भी हो गए रिटायर। इकलौते शिक्षक के जिम्मे स्कूल की जिम्मेदारी। मामला मध्य विद्यालय हिरौता गोट का। डेस्क-बेंच का भी अभाव शिक्षकों की कमी से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराना मुश्किल।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Updated: Thu, 04 Aug 2022 04:07 PM (IST)
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शिवहर में शिक्षक के अभाव में बच्चों को पढ़ाते सीनियर छात्र। फोटो- जागरण
शिवहर, जासं। शिवहर की शिक्षा व्यवस्था बदहाली की शिकार है। शिक्षक और संसाधनों का अभाव बच्चों की शिक्षा की राह में बाधा बनी हुई है। कई स्कूल एक-एक शिक्षक के सहारे चल रहे है। एक शिक्षक के जिम्मे-पांच से आठ कक्षाओं के संचालन का जिम्मा है। सभी बच्चों को पढ़ाने की राह आसान भी नहीं है। वजह दो घंटे का वक्त बच्चों के हाजिरी बनाने में ही लग जा रहा है। ऐसे में जिले के दर्जनभर स्कूलों में सीनियर छात्र शिक्षक की भूमिका का निर्वहन कर रहे है। सीनियर छात्र पहली से तीसरी कक्षा तक के बच्चों को पढ़ा रहे है।

शनिवार के बाद रह गए एक शिक्षक

जिले के तरियानी प्रखंड के हिरौता में कुछ ऐसा ही मामला सामने आया है। तरियानी प्रखंड के राजकीय मध्य विद्यालय हिरौता गोट में 400 बच्चों का नामांकन है। रोजाना 275 के आसपास बच्चों की उपस्थिति भी रहती है। स्कूल में पहली से आठवीं तक की कक्षाएं संचालित होती है। अब तक दो शिक्षकों के जिम्मे सभी आठ कक्षाओं के बच्चों को पढ़ाने की जिम्मेदारी थी। शनिवार के बाद यहां एक शिक्षक ही रह गए है। शिक्षकों की कमी की वजह से स्कूल के छठी, सातवीं और आठवीं कक्षा के छात्र पहली, दूसरी और तीसरी कक्षा के बच्चों को पढ़ा रहे है।

दो साल से शिक्षक की मांग करते एचएम हो गए रिटायर

शिक्षकों की कमी से उत्पन्न परेशानी को लेकर एचएम दो साल से अधिकारियों को गुहार लगाते-लगाते थक गए। शिक्षक की तैनाती हुई नहीं और शनिवार को एचएम भी सेवानिवृत हो गए। प्रधानाध्यापक अभय कुमार चौधरी ने बताया है कि विद्यालय के शिक्षकों की कमी और संसाधनों के अभाव से उत्पन्न समस्या को लेकर जिला शिक्षा पदाधिकारी, प्रखंड विकास पदाधिकारी व प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को दो साल से आवेदन देकर थक चुके है। जैसे-तैसे तरह विद्यालय को चलाते रहे हैं। अब सेवानिवृत भी हो गए।

एचएम की सेवानिवृति के बाद पूरे स्कूल की जिम्मेदारी शिक्षक शशिकांत सिंह के जिम्मे रह गई है। उन्होंने बताया कि, स्कूल में डेस्क-बेंच का भी अभाव है। शिक्षकों की कमी की वजह से बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराना आसान नहीं है। जबकि, मुखिया पंकज कुमार ने भी डीएम व डीईओ से विद्यालय में पर्याप्त संख्या में शिक्षकों की तैनाती की मांग की है।

कई साल से शिक्षकों की कमी

मध्य विद्यालय हिरौता गोट में कई सालों से शिक्षक की कमी है। दो साल से स्कूल दो शिक्षकों के सहारे चल रहा है। कहने के लिए इस स्कूल में पढ़ाने के लिए प्रधानाध्यापक समेत चार शिक्षक की तैनाती की गई थी। बाद में एक शिक्षक का अन्यत्र प्रतिनियोजन कर दिया गया। जबकि, एक शिक्षिका अवकाश पर चल रही है। इनमें प्रधानाध्यापक भी 30 जुलाई सेवानिवृत हो गए है। बच्चों को पढ़ा रहे दीपक ने बताया कि, शिक्षकों की कमी के चलते वह अपने सहपाठियों के साथ पहली से तीसरी कक्षा तक के बच्चों को हिंदी और गणित पढ़ा रहे है।

जिला शिक्षा पदाधिकारी डॉ. ओम प्रकाश मामला संज्ञान में आया है। शिक्षकों की कमी से मध्य विद्यालय हिरौता गोट में सीनियर बच्चे छोटे बच्चों को पढ़ा रहे है। स्कूल में शीघ्र ही पर्याप्त संख्या में शिक्षकों की तैनाती की जाएगी।

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