Bollywood glamor in Nepal: 'माधुरी दीक्षित' बनने सात नेपाली लड़कियां घर से भागीं, रास्ते में ही हुआ कुछ ऐसा कि...
Bollywood glamor in Nepal नेपाल की सात लड़कियां घर से भागकर भारत की सीमा में घुस गईं। बस से सीतामढ़ी पहुंचीं। जहां से रक्सौल होते हुए वह मुंबई जाना चाह रही थीं। रेल पुलिस जब उन्हें थाने ले गईं तो सभी ने कहा फिल्मों में काम करने जा रही थीं।
By Ajit KumarEdited By: Updated: Sat, 03 Apr 2021 09:44 AM (IST)
सीतामढ़ी, जासं। Bollywood glamor in Nepal: बॉलीवुड का ग्लैमर हर किसी को लुभाता है। ऐसे में यदि नेपाली लड़कियां इसके आकर्षण में पड़ गईं तो यह सहज ही लगता है। लेकिन, जिस तरह से एक ही गांव से 12 से 20 वर्ष की आयु की लड़कियां गायब होती हैं। उससे इस बात को लेकर संदेह होता है कि वे सच में फिल्मों में काम करने का सपना ही पूरा करने के लिए मुंबई जा रही थीं या कोई बरगला कर उन्हें वहो ले जा रहा था।
दरअसल, नेपाल के जलेश्वर जिले के सीतापुर थाना अंतर्गत एक गांव की सात लड़कियां मवेशियों के लिए चारा काटती हैं। आर्थिक रूप से पिछड़ा इलाका होने के कारण यहां शिक्षा नहीं के बराबर है। ये लड़कियां घर वालों को चारा लाने के लिए जाने की बात कहकर अपने-अपने घरों से भाग जाती हैं। खेत जाने की जगह वे भारत-नेपाल सीमा पार करती हैं और भिट्ठामोड़ पहुंच जाती हैं। वहां से बस में सवार होकर सीतामढ़ी रेलवे स्टेशन पहुंचती हैं। यहां से उन्हें दरभंगा-रक्सौल पैसेंजर से रक्सौल जाना था। लेकिन, ट्रेन छूट गईं।
एक साथ सात लड़कियां प्रतीक्षालय में बैठी थीं। बिना अभिभावक के। जब उनपर रेल पुलिस की नजर पड़ी तो वे सातों को लेकर थाना आई। वहां उनसे पूछताछ की गई तो पता चला कि माधुरी दीक्षित जैसा बनने के लिए मुंबई जा रही थीं। सभी ने एक ही बात बताई। यहां तक तो सब ठीक रहा। लेकिन जब उनसे सीतापुर से भारत-नेपाल सीमा पार करने और वहां से यहां तक आने के बारे में पूछा गया तो सही से नहीं बता सकीं। यहां से मुंबई के जाने के मार्ग के बारे में जानकारी पूछी गई तो वह भी नहीं बता सकीं। इससे संदेह उत्पन्न होने लगा। हालांकि पुलिस को उनके साथ कोई नहीं मिला। उन्होंने न ही किसी के बारे में बताया, जिससे यह कहा जा सके कि देह व्यापार के किसी गिरोह के सदस्य इन्हें झांसा देकर ले जा रहे थे।
बहरहाल, पुलिस ने सभी लड़कियों के स्वजनों को इसकी सूचना दी। इस बीच उनके बयान को कलमबद्ध करने के बाद चाइल्ड लाइन को सौंप दिया गया। अंतरराष्ट्रीय मामला होने के कारण जरूरी औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद सभी को उनके अभिभावकों को सौंप दिया गया है। इस तरह माधुरी दीक्षित जैसा बनने का उनका सपना अधूरा रहा गया।
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