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जंजीरों से बंधी इस मासूम की जिंदगी, वजह जानकर रो देंगे आप

मुजफ्फरपुर में सात साल के एक बच्चे को मां-बाप जंजीरों से बांधकर रखने को मजबूर हैं। वह मानसिक रोगी है आैर उसके इलाज के लिए मां-बाप के पास पैसे नहीं हैं।

By Amit AlokEdited By: Updated: Sun, 18 Dec 2016 10:41 PM (IST)
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मुजफ्फरपुर [जेएनएन]। सात साल का मासूम मंतोष रोज अपने ही माता-पिता की बर्बरता झेलता है। वे उसे कभी टेलीफोन के पोल, तो कभी चापाकल से बांधकर रखते हैं। ऐसा इसलिए, क्योंकि मानसिक रूप से दिव्यांग इस बच्चे का इलाज कराने के लिए मां-बाप के पास पैसे नहीं हैं। यह वाकया मीनापुर प्रखंड के मझौलिया गांव में सामने आया है।

मंतोष की मां बिजली देवी उर्फ इंदिरा कहती हैं कि उनका बेटा जन्म से मंदबुद्धि है। वह बोल नहीं पाता। पिछले करीब चार साल से अजीब हरकत करने लगा, तब समझ में आया कि वह मानसिक रूप से दिव्यांग है। उसे कई डॉक्टरों से दिखाया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।

बिजली बताती है कि उनके पति नागेश्वर महतो मजदूरी कर घर चलाते हैं। किसी तरह घर पेट पाल लेते हैं। ऐसे में बेटे का महंगा इलाज चाहकर भी नहीं करा पा रहे। सरकारी सहायता के लिए कोशि की, लेकिन वह नहीं मिल रही।

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बिजली देवी भावुक हो कहती हैं कि खुला छोडऩे मंतोष इधर-उधर भागता है। चलती गाड़ी को पकडऩे के लिए दौड़ता है। कीड़े-मकोड़े, यहां तक कि सांप को भी पकड़कर मुंह तक ले जाता है। आजिज हो उसे बांधना पड़ता है। दिन में घर के सामने पोल से बांध देते हैं और रात में घर में बांधकर साथ सुलाते हैं।

इस बाबत पूछने पर मीनापुर के बीडीओ संजय कुमार कहते हैं कि मामला उनके संज्ञान में नहीं था। जानकारी मिलने के बाद अब जिला समाज कल्याण विभाग से बच्चे के इलाज की समुचित व्यवस्था की जाएगी।

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