सीतामढ़ी: उधार में बंट गए जीविका दीदियों के एक करोड़ दस लाख से अधिक के मास्क, फूटी कौड़ी नहीं मिली
सीतामढ़ी में 736 499 मास्क बनाकर जीविका दीदियों ने दिए नहीं मिल पाया फूटी कौड़ी। एक मास्क की कीमत 15 रुपये के हिसाब से 11046495 रुपये बकाया। जीविका दीदियों के मास्क मुखियों ने नहीं लेकर इधर-उधर से खरीदकर बांटने का दिया तर्क।
सीतामढ़ी [मुकेश कुमार 'अमन']। कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए मास्क है जरूरी और इसको दिन-रात एक कर बनाने और वितरण करने वाली जीविका दीदियों को अभी तक फूटी कौड़ी नहीं मिल पाया। उधार में ही उनके 1,10,46,495 रुपये के मास्क बंट गए। किन्हीं प्रखंडों से मास्क का पैसा अभी तक नहीं मिल पाया है। पिछले साल से अभी तक जीविका दीदियों ने 11,92,877 मास्क बनाए। इनमें से 15-15 रुपये की दर पर 7,36, 499 मास्क जीविका दीदियों ने बनाकर प्रखंडों को दिए। 4,55,578 मास्क जीविका दीदियों के पास पड़े हुए हैं उनका खरीदार नहीं मिल रहा है। डीपीएम जीविका का कहना है कि साढ़े चार लाख जीविका दीदियां हैं जिनमें से तकरीबन छह सौ मास्क बनाने का कार्य करती हैं। जीविका दीदियों के बनाए मास्क की तारीफ हर कोई करता है। डीएम अभिलाषा कुमारी शर्मा को जीविका दीदियों के मास्क बेहद भाते हैं और वह कई मौकों पर इसकी तारीफ भी कर चुकी हैं।
क्यों नहीं मिल रहे खरीदार, साढ़े चार लाख से अधिक मास्क स्टॉक में
जीविका दीदियों के मास्क जब इतने पसंद आते हैं तो उनके खरीदार क्यों नहीं मिलते, खरीदे गए मास्क का भुगतान क्यों नहीं होता इस सवाल पर डीपीएम जीविका ने सबकुछ बताया। उनका कहना है कि पिछले साल कोरोना काल में मुखियों के जरिये मास्क खरीदने व वितरण की जिम्मेदारी दी गई थी। लेकिन, उन लोगों ने कह दिया कि इधर-उधर से मास्क का इंतजाम कर बांट दिया गया। जीविका दीदियों के मास्क पड़े रह गए। उसके बाद पंचायत सचिवों को इस हिदायत के साथ मास्क बांटने की जिम्मेवारी सौंपी गई कि उसका वितरण कर पैसे का कलेक्शन करेंगे। सभी प्रखंडों के बीडीओ को इसकी देखरेख करनी थी। पता चला कि किसी प्रखंड से पैसा वसूल नहीं हो पाया। उधार में मास्क भी बंट गए। उधारी में मास्क बिक जाने से जीविका दीदियों का मन भारी हो गया। उनके पास मास्क का भारी स्टॉक जमा है मगर उसके उठाव व वितरण में न तो पंचायत सचिव दिलचस्पी ले रहे हैं न दीदियां ही अब आगे से यह काम करने को इच्छुक हैं।
इस संबंध में सीतामढ़ी के डीपीएम जीविका इंद्रशेखर इंदू ने कहा कि पंचायत सचिव मास्क का भुगतान नहीं करा पा रहे हैं। राज्य सरकार के द्वारा फंड भी दिया जा चुका है। पिछले साल के कोरोना काल से ही राशि का भुगतान बकाया है। पिछली बार मुखिया के स्तर पर मास्क वितरण करना था लेकिन, उन लोगों की मनमानी के कारण उनसे अधिकार छीनकर पंचायत सचिवों को वितरण का अधिकार दिया गया। बावजूद, जीविका दीदियों को उनके मास्क का भुगतान नहीं हो सका।
प्रखंड पंचायत प्रतिनिधियों द्वारा डिमांड कुल उत्पादित मास्क
बैरगनिया 128000 94000
बाजपट्टी 185000 40100
बथनाहा 52500 52500
बेलसंड 54000 47650
बोखड़ा 20500 20500
चोरौत 24300 24300
डुमरा 150000 141600
मेजरगंज 16000 83000
नानपुर 262800 72270
परिहार 150000 150240
परसौनी 125000 77000
पुपरी 89500 30300
रीगा 32000 35000
रुन्नीसैदपुर 540000 200000
सोनबरसा 27800 37800
सुप्पी 17600 23100
सुरसंड 296800 63517
कुल 2171800 1192877
प्रखंड पंचायत प्रतिनिधियों को दिए गए मास्क स्टॉक में बचे मास्क
बैरगनिया 59000 35000
बाजपट्टी 24100 16000
बथनाहा 52500 00
बेलसंड 47500 150
बोखड़ा 20500 00
चोरौत 24300 00
डुमरा 131600 10000
मेजरगंज 46000 37000
नानपुर 61270 11000
परिहार 108000 42240
परसौनी 12000 65000
पुपरी 29000 00
रीगा 18000 17000
रुन्नीसैदपुर 34529 165471
सोनबरसा 27800 10000
सुप्पी 17600 5500
सुरसंड 22800 41217
कुल 736499 455578