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सीतामढ़ी में दो वर्ष से ध्वस्त है सोरम नदी घाट पुल, बाढ़ व बरसात को लेकर इलाके के लोग चिंतित

Sitamarhi news प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत 2019 में हुआ था निर्माण। 2 करोड़ 7 लाख 66 हजार की लागत से बना था पुल। निर्माण के बाद पहली बाढ़ में ही ध्वस्त हो गया था पुल ।

By Ajit KumarEdited By: Updated: Thu, 12 May 2022 12:46 PM (IST)
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सीतामढ़ी में दो करोड़ लागत से बना पुल दो सालों से है ध्वस्त। Photo- Jagran
सीतामढ़ी, जासं। बथनाहा प्रखंड क्षेत्र के सहियारा पंचायत के कटही टोला के समीप सोरम नदी घाट पर ध्वस्त पुल का निर्माण दो वर्ष बाद भी नहीं हो सका है। जिस कारण इस क्षेत्र के लोगों को आवागमन में भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। इधर, लोग बाढ़ व बरसात का समय नजदीक आते देख आवागमन अवरूद्ध होने को लेकर चिंतित है। बताते चलें कि प्रखंड क्षेत्र के सहियारा पंचायत के कटही टोला के समीप से गुजरी सोरम नदी घाट पर दो वर्ष पूर्व लाखों रुपए की लागत से पुल का निर्माण कराया गया था । गुणवत्तापूर्ण निर्माण नहीं होने के कारण निर्माण के छह माह बाद पहली बाढ़ में ही यह पुल ध्वस्त हो गया था। जिसे निर्माण की गुणवत्ता की पोल खुल गई थी।

पहली बाढ़ में ही बीच से धंस गया पुल

वर्ष 2019 के जुलाई माह में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत 2 करोड़ 7 लाख 66 हजार की लागत से सहियारा बाजार चौक से कटही टोला से सटे उत्तर झंडा चौक के समीप मटियार कला गांव होते सिंघरहिया चौक स्थित एनएच 77 को जोड़ने वाली पहुंच पथ पर 2.808 किलोमीटर की सड़क व पुल का निर्माण कराया गया था। निर्माण के दौरान ही स्थानीय लोगों द्वारा पुल निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल खड़ा कर तत्कालीन कार्यपालक अभियंता परवेज़ आलम को हस्ताक्षरित आवेदन देकर शिकायत दर्ज कराई थी। बावजूद विभागीय स्तर पर पुल निर्माण की जांच नहीं की गई। जिस कारण पहली बाढ़ में ही पुल बीच में ही धंस गया।

भगवान की दुहाई देकर पुल पार करते हैं वाहन चालक

पुल के ध्वस्त होने की स्थिति इतनी भयावह है कि पैदल तो लोग किसी तरह पार कर जाते हैं। लेकिन दोपहिया वाहन को पार करने से पूर्व वाहन चालक भगवान की दुहाई देकर एवं लोगों के सहयोग से पार करने को विवश होते हैं। जबकि इस सड़क मार्ग से लक्ष्मीपुर, हनुमान नगर, मटियार, बदुरी, सोनबरसा थाना क्षेत्र के पिपरा, मड़पा, कचोर सहित दर्जनों गांवों के लोगों को सहियारा थाना अथवा जिला मुख्यालय जाने के लिए एक मात्र सुगम सड़क है। स्थानीय लोगों की मानें तो जीत के बाद क्षेत्रीय भ्रमण के दौरान विधायक अनिल राम को भी पुल की स्थिति से अवगत कराते हुए इसके जीर्णोद्धार की मांग की गई थी। बावजूद इसके निर्माण को लेकर कोई ठोस पहल नहीं किया जा सका है। इस पुल जीर्णोद्धार कब होगा यह कह पाना मुश्किल बना है। 

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