बेरोजगारी से 10 करोड़ के कारोबार का सफर, चनपटिया स्टार्टअप जोन ने केवल 18 महीने में कर दिखाया
Start-up Success Story बिहार के बेतिया में चनपटिया स्टार्टअप जोन लिख रहा विकास की गाथा आपदा को अवसर में बदलने के लिए 28 जून 2020 को स्टार्टअप जोन की रखी गई थी नींव एक वर्ष में 10.45 करोड़ का हुआ कारोबार लाकडाउन में लौटे लोगों को मिला रोजगार
By Shubh Narayan PathakEdited By: Updated: Sat, 08 Jan 2022 12:55 PM (IST)
बेतिया (पश्चिम चंपारण), जागरण संवाददाता। बिहार के पश्चिम चंपारण जिले के लिए 28 जून, 2020 ऐतिहासिक दिन है। तब पूरा देश कोरोना महामारी की त्रासदी से छटपटा रहा था। लाखों लोग बेरोजगारी की आहट से डरे थे। तब सकारात्मक सोच और मजबूत इरादे के साथ जिलाधिकारी कुंदन कुमार ने आपदा को अवसर में बदलने की लौ चनपटिया स्टार्टअप जोन के रूप में जलाई थी। महज 18 माह में देश ही नहीं विदेश में भी यह पहल अपनी विकास गाथा के लिए चर्चित हो गई है। एक वर्ष में इस स्टार्टअप जोन ने 10.45 करोड़ का कारोबार किया है। करीब 600 श्रमिकों की आजीविका इस पर निर्भर है। यहां अधिकतर गारमेंट्स से जुड़े उद्योग हैं। 30 दिसंबर, 2020 को मुख्यमंत्री यहां का दौरा भी कर चुके हैं।
फोटो परिचय - स्टार्टअप जोन में कपड़े की सिलाई करते कारीगर। फाइल फोटो
लाकडाउन में घर लौटे कामगार बदल रहे किस्मतकोरोना के चलते वर्ष 2020 में लाकडाउन लगा तो हजारों कामगार दिल्ली, मुंबई, हरियाणा, गुजरात और पंजाब से घर लौटे। इन हुनरमंद कामगारों में से कई अपने हौसले, मेहनत और सरकारी मदद से उद्यमी बन गए। वे चनपटिया स्टार्टअप जोन में ट्रैक सूट, शर्ट, जींस, साड़ी, लहंगा, जैकेट, चुनरी, टी-शर्ट, शाल, जूता व सैनिटरी पैड आदि का निर्माण कर रहे हैं।
फोटो परिचय - स्टार्टअप जोन में बांस से बनने वाले कप-प्लेट, गिलास की प्रदर्शनी लगाए उद्यमी। फाइल फोटो पुणे, दिल्ली, गोरखपुर और नेपाल तक जाते उत्पादप्रदेश के विभिन्न जिलों के अलावा पुणे, दिल्ली, गोरखपुर और नेपाल तक उत्पाद भेजे जा रहे हैं। करीब 15 एकड़ भूमि में कृषि बाजार समिति की जमीन पर बने इस स्टार्टअप जोन में 55 यूनिटें काम कर कर रही हैं। प्रतिदिन दो लाख रुपये का कारोबार हो रहा है। स्टार्टअप जोन से जिला प्रशासन को प्रतिमाह 92 हजार रुपये किराये के रूप में मिल रहे हैं। अधिकांश उद्यमियों ने जीएसटी का निबंधन करा लिया है। सरकार को इस मद में करीब 15 लाख रुपये मिले हैं।
फोटो परिचय - स्टार्टअप जोन का निरीक्षण करते सीएम। फाइल फोटो93 और नए उद्यमियों ने दिया आवेदननए उद्यम स्थापित करने के लिए 93 अन्य उद्यमियों ने स्थान आवंटन के लिए आवेदन दिया है। उद्यमियों ने लगभग 3.80 करोड़ की लागत से आधुनिक मशीनें खरीदी हैं। इन मशीनों की खरीद में 65.40 लाख टैक्स का भुगतान भी किया गया है। हालांकि, स्टार्टअप जोन के उद्यमियों को प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना के माध्यम से 5.29 करोड़ रुपये लोन के रूप में दिया गया है। डीएम इसे देश-विदेश में प्रोडक्शन हब के रूप में और विख्यात करने की कोशिश में लगे हैं।
फोटो परिचय - साड़ी पर काशीदाकारी करती महिला से बात करते सीएम। फाइल फोटो
जिला प्रशासन के सहयोग से मिला मुकाम उद्यमी शोएब ताहिर ने बताया कि जिला प्रशासन का सहयोग नहीं मिलता तो आज यह मुकाम हासिल नहीं होता। इतने छोटे स्थल पर इतने बड़े पैमाने पर 10 करोड़ से ज्यादा का टर्नओवर करना बहुत बड़ी बात है। श्रमिक अब मालिक बन गए हैं। सूरत की एक कपड़ा मिल में नौकरी करने वाली अर्चना कुशवाहा लाकडाउन में यहां लौटीं। अभी वे यहां साड़ी व लहंगा बनाने की फैक्ट्री की मालिक हैं। कई लोगों को उन्होंने रोजगार दिया है। वह काम जानती थीं, इसलिए इसे चलाने में कोई मुश्किल नहीं आई। उनके गुणवत्तापूर्ण उत्पाद की प्रशंसा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी कर चुके हैं। अर्चना का कहना है कि हमारे प्रोडक्ट बड़ी ही आसानी से बिक रहे हैं। इसकी डिमांड दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है।
फोटो परिचय - चनपटिया स्टार्टअप जोन में कपड़े का निर्माण करते कारीगर। फाइल फोटोडेढ़ करोड़ रुपए के मास्क बेच चुके हैं मृत्युंजयउद्यमी मृत्युंजय कुमार शर्मा ने बताया कि बीते कुछ महीनों में मास्क बनाकर डेढ़ करोड़ रुपये की बिक्री कर चुका हूं। इससे कई लोगों को रोजगार मिला है। उद्यमी नंदकिशोर कुशवाहा ने बताया कि हर महीने एक हजार साड़ी का निर्माण किया जा रहा है। सभी की बिक्री आसानी से अररिया एवं वैशाली में हो रही है। उद्यमी नवीन राज ने बताया कि वे अभी स्टोल, शर्ट आदि का निर्माण कर रहे हैं। जो व्यापारी पहले खरीदारी करने के लिए लुधियाना, सूरत, दिल्ली आदि जगहों पर जाते थे, अब वे उनसे ले रहे हैं।
सकारात्मक सोच और नई ऊर्जा से मिली सफलता
पश्चिम चंपारण के डीएम कुंदन कुमार कहते हैं कि सकारात्मक सोच और नई ऊर्जा के साथ चनपटिया स्टार्टअप जोन की शुरुआत की गई थी। निश्चित रूप से यह सफलता की ओर अग्रसर है। आनेवाले समय में यह रोजगार सृजन का बड़ा प्लेटफार्म बनेगा। जिला प्रशासन की ओर से उद्यमियों को हर संभव सहयोग किया जा रहा है।
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