समस्तीपुर में रीढ़ की हड्डी के साथ-साथ लिगामेंट की सफल सर्जरी, आधा दर्जन मरीजों को मिली नई जिंदगी
प्रसिद्ध हड्डी एवं नस रोग सर्जन डॉ. डीके शर्मा ने बताया कि सभी मरीजों की स्थिति अब पहले से काफी बेहतर है। विभूतिपुर प्रखंड के कॉपन गांव निवासी इंदू देवी दो महीने पहले गड्ढे में गिर गई थी। इसके बाद वह बेगूसराय दरभंगा सहित अन्य जगह पर इलाज कराने गई।
समस्तीपुर, जासं। शहर के मोहनपुर स्थित माता चंद्रकला हॉस्पिटल ट्रामा एवं डेंटल सेंटर में एक बार फिर आधा दर्जनों मरीजों का सफलतापूर्वक जटिल ऑपरेशन कराया गया। इसमें चार मरीजों की रीढ़ की हड्डी की सर्जरी कर नई जिंदगी दी गई। इसके अलावा दो मरीज के घुटने के लिगामेंट का सफल ऑपरेशन हुआ। प्रसिद्ध हड्डी एवं नस रोग सर्जन डॉ. डीके शर्मा ने बताया कि सभी मरीजों की स्थिति अब पहले से काफी बेहतर है।
विभूतिपुर प्रखंड के कॉपन गांव निवासी इंदू देवी दो महीने पहले गड्ढे में गिर गई थी। इसके बाद वह बेगूसराय, दरभंगा सहित अन्य जगह पर इलाज कराने गई। लेकिन कहीं पर बेहतर इलाज नहीं होने के बाद माता चंद्रकला हॉस्पिटल पहुंची। ताजपुर प्रखंड के रघुनाथपुर गांव निवासी रमेश प्रसाद सिंह को भी कमर में लंबे समय से दर्द हो रहा था। मरीज के कमर में चोट लगने से रीढ़ की हड्डी टूट गई थी। कमर का नस भी दब गया था। परिजनों ने एक सप्ताह पूर्व डॉ. डीके शर्मा के अस्पताल में भर्ती कराया।
डॉक्टर ने मरीज को पूरी तरह से बेड रेस्ट की सलाह देते हुए इलाज शुरू किया। फिर एमआरआइ जांच कराने की सलाह दी। मरीज का स्पाइन सर्जन डॉ. महेश कुमार की देखरेख में हड्डी एवं नस रोग सर्जन डॉ. डीके शर्मा ने ऑपरेशन किया। डॉ. शर्मा ने बताया कि मरीज के कमर का नस दब गया था। इससे स्पाइनल कॉर्ड पर प्रेशर बढ़ने के कारण मरीज कमर के नीचे का भाग सुन्न हो गया था। रीढ़ की हड्डी में कम से कम चीरा लगाकर नई टेक्नोलॉजी के द्वारा ऑपरेशन कर रीड में रॉड डालकर हड्डी को जोड़ा गया। अब मरीज पहले से काफी बेहतर स्थिति में है। मरीज ने बताया कि डॉ. डीके शर्मा ने ऑपरेशन कर मुझे एक नई जिंदगी जीने का एहसास हुआ है।दो मरीज के लिगामेंट का हुआ सफल ऑपरेशन
माता चंद्रकला हॉस्पिटल में एंटीरियर क्रिसुएट लिगामेंट का सफल ऑपरेशन किया गया। प्रसिद्ध हड्डी एवं नस रोग सर्जन डा. डीके शर्मा ने बताया कि जिला के उजियारपुर थाना क्षेत्र के सातनपुर गांव निवासी शिव कुमार को सड़क दुर्घटना में घुटने में चोट लगी थी। चोट अधिक होने से उनका लिगामेंट क्षतिग्रस्त हो गया था और वह चलने-फिरने में लाचार थे। कई स्थानों पर उपचार कराने के बाद संस्थान में आए। इसके अलावा मुसरीघरारी निवासी जितेंद्र कुमार का भी घुटने में चोट लगने से इलाज कराने पहुंचे थे। उक्त दोनों मरीज का ऑपरेशन करके नया लिगामेंट बनाया गया। बताया गया कि एसीएल रीएडजस्टमेंट सर्जरी द्वारा शरीर के दूसरे हिस्से से नया लिगामेंट बनाकर इस ऑपरेशन को पूरा किया गया।