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'सलमान खान के गाल मैंने किए लाल' का दावा करने वाले स्‍वामी ओम का ब‍िहार से गहरा नाता

स्वामी ओम उर्फ विनोद झा मधुबनी के मंगरौनी गांव के रहने वाले थे। गांव में आज भी उनका पैतृक घर मौजूद है। वे 13 साल पहले अपनी माता के निधन पर गांव आए थे। बचपन में ही गांव छोड़ दिल्ली को अपना ठिकाना बना लिया था।

By Murari KumarEdited By: Updated: Sun, 07 Feb 2021 03:01 PM (IST)
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बिग बॉस सीजन-10 के सेट पर सलमान खान के साथ स्वामी ओम उर्फ विनोद झा (फाइल फोटो)
मधुबनी [राजीव रंजन झा]। स्वामी ओम अब हमारे बीच नहीं रहे। वे जितने चर्चित रहे, उतने ही विवादों से भी घिरे रहे। टीवी पर प्रसारित होने वाले चर्चित रियलिटी शो बिग बॉस सीजन-10 में आने के बाद ये अचानक सुर्खियों में आए थे। शो के दौरान स्वामी ओम ने खूब सुर्खियां बटोरी, लेकिन एक अन्य कंटेस्टेंट पर यूरिन फेंकने के बाद इन्हें शो से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। उन्‍होंने ब‍िग बॉस-10 के प्रत‍िभागी के रूप में न्‍यू ईयर सेल‍िब्रेशन के दौरान बॉलीवुड के भाईजान सलमान खान को थप्‍पड़़ मारने का भी दावा क‍िया था। दुनिया स्वामी ओम को एक स्वयंभू बाबा के रूप मे जानती है, लेकिन शायद ही लोगों को पता हो कि वे मधुबनी जिला के रहने वाले थे। जिले के मंगरौनी गांव में आज भी स्वामी ओम का पैतृक घर मौजूद है। टीवी शो के दौरान अपने बयानों व सार्वजनिक जीवन में अपने व्यवहार को लेकर चर्चा में रहने वाले स्वामी ओम ने राजनीतिक जगत में भी अपनी पहचान बनाई थी। हमेशा विवादों में रहने वाले स्वामी ओम हवालात की हवा भी खा चुके थे। स्वामी ओम अब हमारे बीच नहीं रहे। उनके निधन के बाद एक बार फिर वे सुर्खियों में आ चुके हैं। 

  • बिग बॉस के घर में स्वामी ओम उर्फ विनोद झा (फाइल फोटो)
दिल्ली में ली अंतिम सांसें 

स्वामी ओम पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे। दो माह पूर्व वे कोरोना संक्रमण के शिकार भी हुए थे। जिसके बाद उन्हें दिल्ली के एम्स में भर्ती करवाया गया था। वहां से ठीक होने के बाद वह घर पर आ गए थे, लेकिन शारीरिक कमजोरी और कुछ बीमारियों की वजह से उन्हें पैरालिसिस अटैक हुआ और तीन फरवरी को उनका निधन हो गया। स्वामी ओम दिल्ली के अंकुर विहार रोहिणी इलाके में रहते थे। उनका अंतिम संस्कार निगम बोध घाट पर किया गया। 

अब कभी अपने गांव नहीं आएंगे स्वामी ओम 

स्वामी ओम का असली नाम विनोद झा है। गांव में लोग उन्हें इसी नाम से जानते हैं। जिले के मंगरौनी गांव में उनके हिस्से का मकान धराशायी होने की स्थिति में पहुंच गया है। इनके एक भाई बालबोध झा गांव में किराना दुकान करते हैं। एक भाई का निधन हो चुका है। अन्य तीन भाई दिल्ली में ही रह रहे हैं। मंगरौनी गांव निवासी किसान विद्यानंद झा के पुत्र विनोद झा उर्फ स्वामी ओम के निधन की खबर से इनके स्वजन समेत ग्रामीणों में मायूसी है। बचपन से ही गांव से दूर दिल्ली में रहने वाले विनोद झा वर्ष 1997 में पिता विद्यानंद झा और वर्ष 2008 में माता चंद्रिका देवी के निधन पर गांव पहुंचे थे।

  • Photo- मंगरौनी गांव स्थित स्वामी ओम उर्फ विनोद झा का पैतृक आवास
स्वामी ओम के शिष्यों में अनेकों राजनेता, नौकरशाहों व कलाकार 

स्वमी ओम कुंडली देखते थे। उनके शिष्यों में देश के अनेकों दिग्गज राजनेता, नौकरशाह व टीवी कलाकारों शामिल रहे हैं। कई कंपनियों से जुड़ाव रखने वाले विनोद झा की ऊंची पहुंच मानी जाती थी। बिग बॉस में इंट्री होने पर इनके पैतृक गांव में लोग काफी खुश थे। उस दौरान गांव में यह शो काफी चर्चित हुआ था। स्वामी ओम ने ज्योतिष शास्त्र की पढ़ाई पूरी करने के बाद एक तांत्रिक के रूप में अपना करियर प्रारंभ किया था। स्वामी ओम का विवाह जिले के रहिका गांव में हुआ था। एक पुत्र भी है जो दिल्ली में इंजीनियर है। 

 निधन से ग्रामीणों में शोक

स्वामी ओम के छोटे भाई बालबोध झा ने बताया कि बड़े भाई विनोद झा के निधन की खबर सोशल, इलेक्ट्रॉनिक व प्रिंट मीडिया से मिली है। उनके निधन का दुख है। वे भले ही वर्षों बाद गांव पहुंचते थे, मगर उनके जीवित होने से एक संतुष्टि मिलती थी। ग्रामीण पंडित ऋषिनाथ झा ने कहा कि एक तांत्रिक के रूप में जीवन की शुरूआत करने वाले विनोद झा सुर्खियों में रहते थे। वे अपने कार्यों से देश में अपनी अलग छवि बना चुके थे। उनके निधन से ग्रामीणों में शोक है। 

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