स्वर्णा बनीं दरभंगा के गौड़ाबौराम की पहली महिला विधायक, नारी शक्ति का बढ़ा मान
दरभंगा जिले की गौड़ाबौराम सीट से स्वर्णा सिंह को मतदाताओंं ने इसबार विधानसभा भेजा है। स्वर्णा सिंह एमएलसी रहे सुनील कुमार सिंह की बहू हैं। ससुर की मौत के बाद से वह इलाके की सेवा में लगी थीं।
दरभंगा, जेएनएन। मिथिला देवी सीता की जन्मस्थली के तौर पर विख्यात है। इस बार के विधान सभा चुनाव में दरभंगा जिले की गौड़ाबौराम विधानसभा की जनता ने एक महिला विधायक को पहली बार सदन में भेजकर देवी सीता की जन्म स्थली पर अपनी ताकत का एहसास कराया है। जिले की गौड़ाबौराम सीट से चुनावी मैदान में उतरीं यहां की बहू स्वर्णा सिंह को लोगों ने पहले ही चुनाव में विधानसभा भेजा है।
राजनीति के जानकार बताते हैं कि प्रदेश और देश की राजनीति में यहां की महिलाओं की भागेदारी काफी कम रही है। विधानसभा में भी इलाके से महिला विधायक नहीं बनीं। हालांकि, करीब-करीब सभी दलों की महिला इकाई कार्यरत है। महिला नेत्री खूब मेहनत भी करती हैं लेकिन उन्हेंं विधानसभा का टिकट ही नहीं मिलता। इन सबके बीच इस बार के विधान सभा चुनाव में एनडीए के घटक दल वीआइपी ने स्वर्णा सिंह को गौड़ाबौराम से टिकट देकर नारी सम्मान के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। सो लोगों ने भी इस सम्मान का मान रखा और स्वर्णा सिंह को विधानसभा भेज दिया।
वीआइपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुकेश सहनी की गृह विधानसभा है गौड़ाबौराम
यहां याद दिला दें कि गौड़ाबौराम विधानसभा इस कारण से भी खास है क्योंकि यह विधानसभा विकासशील इंसान पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुकेश सहनी की गृह विधानसभा है। इस बार यहां से चुनाव लडऩे को लेकर कई लोगों के नाम सामने आए। लेकिन, मुकेश ने तमाम संभावनाओं को खारिज कर दिया। टिकट महिला उम्मीदवार को दिया और स्वर्णा जीत गईं।
पूरे चुनाव गांव की गलियों में रहीं स्वर्णा
गांव के लोग बताते हैं कि पूरे चुनाव स्वर्णा गांव की गलियों में रहीं। लोगों से सीधा संवाद किया। खास तौर पर महिलाओं के दिलों में अपनी जगह बनाई। बिरौल की सुलेखा देवी कहती हैं- वो तो बहुत ही सुलझी महिला हैं। विकास के लिए उनका चुनाव किया है। इस तरह पान दुकान चला रहे शिवेंद्र कहते हैं आजादी के बाद पहली बार महिला को मौका मिला है। इस परंपरा को आगे बढ़ाना है।
पूर्व एमएलसी सुनील सिंह की बहू हैं स्वर्णा
स्वर्णा निकाय कोटे से एमएलसी रहे सुनील कुमार सिंह की बहू हैं। ससुर की मौत के बाद से वह इलाके की सेवा में लगी थीं। विधानसभा चुनाव में आने की वजह भी स्वर्णा ने इलाके के विकास और ससुर के अधूरे कार्यों को बताया। कहती हैं समाज सेवा और इलाके की समृद्धि ही लक्ष्य है।