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मुजफ्फरपुर के खुशी अपहरण कांड में पालीग्राफी टेस्ट कराने से कोर्ट में मुकरा पिता, आरोपित व गवाह ने दी सहमति

मुजफ्फरपुर के खुशी अपहरण कांड में पालीग्राफी टेस्ट कराने से कोर्ट में मुकरा पिता आरोपित व गवाह ने दी सहमति। खुशी अपहरण कांड में पालीग्राफी टेस्ट कराने से उसका पिता मुकर गया। हाईकोर्ट में इसी याचिका पर सुनवाई चल रही है।

By Arun Kumar JhaEdited By: Updated: Thu, 01 Sep 2022 06:24 AM (IST)
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खुशी के पिता राजन साह कोर्ट के समक्ष अपनी इस सहमति से मुकर गया। File photo
मुजफ्फरपुर। ब्रह्मपुरा की पांच वर्षीय खुशी अपहरण कांड की गुत्थी सुलझाने के लिए उसके पिता राजन साह, न्यायिक हिरासत में जेल में बंद अमन कुमार व गवाह राहुल कुमार की पालीग्राफी टेस्ट कराने की प्रभारी मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के कोर्ट में अर्जी दाखिल की गई। मामले के जांच अधिकारी व ब्रह्मपुरा थानाध्यक्ष अनिल कुमार गुप्ता ने अमन कुमार के लिए मंगलवार और राजन साह तथा राहुल कुमार के संबंध में बुधवार को कोर्ट में अर्जी दाखिल की। इन तीनों ने पालीग्राफी टेस्ट कराने के लिए पुलिस के समक्ष सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किया था, लेकिन खुशी के पिता राजन साह कोर्ट के समक्ष अपनी इस सहमति से मुकर गया।

  आरोपित अमन कुमार व गवाह राहुल कुमार ने पालीग्राफी टेस्ट के लिए कोर्ट के समक्ष अपनी सहमति दे दी। पुलिस एक अन्य गवाह आकाश कुमार का भी पालीग्राफी टेस्ट कराना चाह रही थी, लेकिन वह कोर्ट के समक्ष उपस्थित नहीं हुआ। नई दिल्ली के लोदी रोड स्थित केंद्रीय विधि विज्ञान प्रयोगशाला में अमन व राहुल की पालीग्राफी टेस्ट कराई जाएगी। 

जेल से अमन की कोर्ट में कराई गई थी पेशी

खुशी अपहरण मामले के आरोपित पूर्वी चंपारण जिला के चकिया वार्ड -नौ निवासी अमन कुमार न्यायिक हिरासत में जेल में बंद है। जांच के बाद पुलिस ने उसके विरुद्ध कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया। फिलहाल उसके विरुद्ध इस मामले में न्यायिक दंडाधिकारी के कोर्ट में विचारण चल रहा है। उसकी पालीग्राफी टेस्ट कराने के लिए ब्रह्मपुरा थानाध्यक्ष ने मंगलवार को अर्जी दाखिल की थी। इस अर्जी पर सुनवाई व उसकी सहमति जानने के लिए प्रभारी मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के कोर्ट ने प्रोडक्शन वारंट जारी किया था। उसे जेल से प्रभारी मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के कोर्ट में पेश किया गया, जहां उसने अपनी पालीग्राफी टेस्ट कराने की सहमति दी।

हाईकोर्ट ने दी थी दो सप्ताह की मोहलत

16 अगस्त को इस मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति राजीव रंजन प्रसाद की एकल पीठ ने वरीय पुलिस अधीक्षक जयंतकांत से पूछा था कि उनकी जांच एजेंसी बच्ची को बरामद करने में सक्षम है या नहीं। क्यों नहीं इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी जाए। इसके लिए उन्हें दो सप्ताह की मोहलत दी गई थी। गुरुवार को हाईकोर्ट में उपस्थित होकर उन्हें इसका उत्तर देना है। इससे पहले 14 जुलाई को एसएसपी जयंतकांत न्यायमूर्ति राजीव रंजन प्रसाद के एकल पीठ के समक्ष उपस्थित हुए थे। उन्होंने व्यक्तिगत शपथ पत्र देकर बताया था कि वे इस मामले को चैलेंज के रूप में ले रहे हैं। बताया था कि इस मामले के संदिग्धों की पालीग्राफी टेस्ट कराई जाएगी। पालीग्राफी टेस्ट कराने को लेकर पुलिस की नवीनतम कानूनी प्रक्रिया इसी का नतीजा माना जा रहा है।

पिछले साल 16 फरवरी को हुआ था अपहरण

पिछले साल 16 फरवरी को ब्रह्मपुरा में सरस्वती पूजा पंडाल से सब्जी विक्रेता राजन साह की पांच साल की पुत्री खुशी का अपहरण कर लिया गया। एक साल पांच महीना बाद जब खुशी का कोई सुराग नहीं मिला तो उसके पिता ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की। हाईकोर्ट में इसी याचिका पर सुनवाई चल रही है।

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