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नरकटियागंज-भिखनाठोरी रूट पर छह साल में महज सात किमी बिछ सकी रेललाइन

लगभग 35.7 किलोमीटर लंबी रेललाइन में वन विभाग ने भी आपत्ति कर दी। इसके बाद यह रूट नरकटियागंज से गौनाहा तक (22 किलोमीटर) तक सिमट गया है। इसमें नरकटियागंज से अमोलवा तक सात किमी तक काम हुआ है। इसके बाद फंड के अभाव में बंद है।

By Ajit KumarEdited By: Published: Sat, 09 Oct 2021 09:24 AM (IST)Updated: Sat, 09 Oct 2021 09:24 AM (IST)
वन विभाग की आपत्ति के बाद गौनाहा से भिखनाठोरी तक ट्रेन की योजना ठप।

भितिहरवा (पश्चिम चंपारण), जासं। रेललाइन बिछाने की गति का हाल यह है कि छह साल में महज सात किलोमीटर ही काम हो सका है। इसके चलते नरकटियागंज जंक्शन से गौनाहा तक ट्रेन से यात्रा क्षेत्र के लोगों के लिए सपना है। नरकटियागंज से भिखनाठोरी (35.7 किलोमीटर) 24 अप्रैल, 2015 तक छोटी लाइन से ट्रेनों का परिचालन होता था। बड़ी लाइन की ट्रेनों के परिचालन के लिए छोटी लाइन वाली ट्रेनों का परिचालन रोक दिया गया। विभाग व सरकार ने कहा था कि चंपारण सत्याग्रह के शताब्दी वर्ष 2017 तक आमान परिवर्तन पूरा कर लिया जाएगा, लेकिन आज तक इस रूट पर ट्रेनों का परिचालन शुरू नहीं किया जा सका। इधर, लगभग 35.7 किलोमीटर लंबी रेललाइन में वन विभाग ने भी आपत्ति कर दी। इसके बाद यह रूट नरकटियागंज से गौनाहा तक (22 किलोमीटर) तक सिमट गया है। इसमें नरकटियागंज से अमोलवा तक सात किमी तक काम हुआ है। इसके बाद फंड के अभाव में बंद है।

खत्म हो जाएगा गौनाहा-भिखनाठोरी रेलखंड का इतिहास

वन विभाग ने वर्ष 2018 में गौनाहा से भिखनाठोरी रेलखंड में लगभग 194. 314 एकड़ भूमि को वन विस्तार करने के लिए हस्तांतरण की मांग रेलवे से की। वन प्रमंडल पदाधिकारी सह उपनिदेशक अंबरीश कुमार मल्ल ने नरकटियागंज उपनिबंधक को पत्र लिखा। कहा कि नरकटियागंज-भिखनाठोरी रेललाइन में गौनाहा-भिखनाठोरी खंड को बंद कर दिया जाए। साथ ही 194.314 एकड़ भूमि वन विभाग को लौटा दी जाए। उसी साल जमीन वन विभाग को हस्तांतरित कर दी गई। समस्तीपुर मंडल रेल प्रबंधक आलोक अग्रवाल ने बताया कि जयनगर-नरकटियागंज-गौनाहा रेलखंड (252 किलोमीटर) में निर्माण होना है। इसके लिए कुल 975 करोड़ की राशि रखी गई है। प्रथम चरण में 25 करोड़ की राशि ही मिली। इस कारण कार्य में देरी हो रही है। 

आधे घंटे की बारिश से शहर फिर पानी-पानी

मुजफ्फरपुर : शुक्रवार को दोपहर में हुई आधे घंटे की बारिश से शहर फिर पानी-पानी हो गया। देवी मंदिर रोड, मोतीझील, कल्याणी चौक, आम गोला रोड, कालीबाड़ी रोड, चैपमैन स्कूल रोड, केदारनाथ रोड, रज्जू साह लेने बारिश के पानी में डूब गया। दुर्गापूजा को देखते हुए नगर निगम ने दो दिन पूर्व अभियान चलाकर पूजा स्थलों एवं उसके आसपास जमा पानी का निकाला था। शुक्रवार को हुई बारिश ने निगम की मेहनत पर पानी फेर दिया। देवी मंदिर परिसर एवं सड़क पर फिर पानी लग गया है। इससे पूजा करने वालों को गंदे पानी से होकर मंदिर जाना पड़ रहा है। वहीं बंगलामुखी मंदिर, धर्मशाला चौक पर भी पानी जमा हो गया, जिससे पूजा की तैयारी प्रभावित हुई है। जिन इलाकों से जमा पानी नहीं निकल पाया था वहां बारिश होने से स्थिति फिर से खराब हो गई है। स्टेशन रोड में पानी जमा होने से रेल यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। नगर निगम एक बार फिर जमा पानी निकालने में युद्ध स्तर पर लग गया है।


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