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तेजस्वी यादव के मिशन 60 से बदलने लगी मुजफ्फरपुर सदर अस्पताल की सूरत

Muzaffarpur News स्‍वास्‍थ्‍य विभाग के अफसरों का कहना है कि मिशन मोड में अस्पतालों की सुधरेगी व्यवस्था सदर अस्पताल की व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए टीम गठित। उपमुख्यमंत्री मंत्री तेजस्वी यादव के मिशन 60 को पूरा करने का लक्ष्य।

By Amrendra TiwariEdited By: Dharmendra Kumar SinghUpdated: Tue, 25 Oct 2022 09:01 AM (IST)
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उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के मिशन 60 पर मुजफ्फरपुर सदर अस्‍पताल में तेजी से चल रहा कार्य। फोटो-जागरण

मुजफ्फरपुर, जागरण संवाददाता। महागठबंधन की सरकार बनने के साथ उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने स्वास्थ्य सेवा में सुधार के लिए मिशन 60 डे का एलान किया है। इस मिशन के तहत सदर अस्पताल में सुधार के लिए जिलाधिकारी ने तीन सदस्यीय टीम का गठन किया है। अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डा.एसपी सिंह की अध्यक्षता में गठित टीम में वरीय चिकित्सक डा.सीके दास व सदर अस्पताल प्रबंधक प्रवीण कुमार को शामिल किया गया है। सिविल सर्जन ने बताया कि सदर अस्पताल में पिछले दिनों जिलाधिकारी प्रणव कुमार भी निरीक्षण करने आए थे। उन्होंने सुधार के लिए निबंधन काउंटर, पार्किंग स्थल, रोस्टर से लेकर उपस्कर तक को सुधार के लिए टास्क दिया है। अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी के नेतृत्व में टीम प्रतिदिन अस्पताल का निरीक्षण वहां पर चल रहे सुधार की समीक्षा कर रिपोर्ट देंगे। रिपोर्ट नियमित जिलाधिकारी को दी जाएगी। सीएस ने बताया कि जो राज्य मुख्यालय से निर्देश आया है उसका पालन होगा। विभाग से मिली जानकारी के अनुसार मिशन 60 डे सात सितम्बर से शुरू है और उनकी अंतिम तिथि छह नवंबर को रखा गया है।

स्वास्थ्य मंत्री के आदेश पर होने कुछ प्रमुख बदलाव

स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव ने सात सितंबर को अपने हेल्थ मिशन का आगाज किया। पीएमसीएच के निरीक्षण के बाद सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, जिला सदर अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में स्वास्थ्य सेवा में सुधार का 60 दिनों का लक्ष्य दिया है। जिला सदर एवं बड़े अस्पतालों में 24 घंटे उचित स्टाफ के साथ हेल्प डेस्क और शिकायत डेस्क स्थापित करना है। इसमें मरीज़ों के भर्ती होने से लेकर, एंबुलेंस, शव वाहन, रेफ़रल की सहज व सरल सुविधा प्रदान करने साथ-साथ मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रिया को भी सुगम बनाने का टास्क दिया गया है। जिला अस्पतालों को रेफ़रल पॉलिसी का मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) का पालन करने एवं सभी आवश्यक दवाओं की उपलब्धता व मेडिकल उपकरणों को चालू अवस्था में रखने के लिए कहा गया है। जहां मानव संसाधन की कमी और रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया में तेज़ी लाया जाए। जिला से लेकर राज्य स्वास्थ्य समिति मानव बल की बाहली को लेकर त्वरित काम करे।

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