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वर्ष 2016 में पूर्वी चंपारण में भी रेलवे ट्रैक उड़ाने की हुई थी साजिश!

भागलपुर के नाथनगर रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म संख्या तीन की पटरी को बुधवार की रात बम से उड़ाने की साजिश के बाद हर ओर हड़कंप है। इस तरह की घटना पांच साल पहले पूर्वी चंपारण में भी हो चुकी है। जानिए पूरी घटना...

By Murari KumarEdited By: Updated: Thu, 18 Feb 2021 12:44 PM (IST)
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नाथनगर स्‍टेशन के पास बम मिलने की सूचना पर जांच करती पुलिस।
मुजफ्फरपुर, जागरण संवाददाता। भागलपुर के नाथनगर रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म संख्या तीन की पटरी को बुधवार की रात बम से उड़ाने की साजिश के बाद हर ओर हड़कंप है। इस तरह की घटना पांच साल पहले पूर्वी चंपारण में भी हो चुकी है। यहां भी रेल पटरी उड़ाने की साजिश की गई थी। इस मामले पकड़े गए मोतीलाल ने कानपुर में हुए रेल ट्रैक विस्फोट में भी अपनी संलिप्तता स्वीकारी थी।

 पूर्वी चंपारण के घोड़ासहन स्टेशन के आउटर सिग्‍नल के पास एक अक्टूबर 2016 को आइईडी लगाकर ट्रेन उड़ाने की साजिश की गई थी। स्थानीय युवकों ने बम देखने के बाद रेल पुलिस सहित बम निरोधक दस्‍ता पहुंचा था। ट्रेन को बम से थोड़ी दूर पहले ही रोक दिया गया था। बम को निष्‍क्रिय कर दिया गया था। इस तरह बड़ा हादसा टल गया था। जांच में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ साजिश सामने आई थी। 

  रेलवे ट्रैक को बम से उड़ाने का जिम्‍मा आदापुर थाने के लक्ष्मीपुर पोखरिया गांव निवासी अरुण राम व दीपक राम को दिया गया था। इनके असफल होने पर दोनों युवकों को नेपाल में बुलाकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में 14 जनवरी 2017 को चार लोगों पर हत्‍या की प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। इसमें पुलिस ने नामजद आदापुर निवासी मोतीलाल पासवान, झिटकहिया निवासी और रक्सौल के गम्हरिया निवासी उमाशंकर पटेल को गिरफ्तार किया था। पूछताछ में पुलिस को मोतीलाल ने बताया था कि आइएसआइ के इशारे पर घोड़ासहन में ट्रैक पर आइईडी लगाई गई थी। इसका रिमोट अरुण और दीपक को दबाना था। इस काम केे लिए दोनों को तीन लाख रुपये दिए गए थे। विस्फोट नहीं होेने पर अंडरवल्र्ड सरगना नेपाल के कलेया निवासी शमशुल होदा के इशारे पर दोनों की हत्या कर दी गई थी।

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