जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। बिहार के मुजफ्फरपुर में सरैया के बहिलवारा जवाहर चौक स्थित एसबीआई एटीएम को काटकर अपराधियों ने 31.12 लाख रुपये पर हाथ साफ कर दिया।
शुरुआती जांच में यह बात सामने आई है कि गुरुवार देर रात 2:57 बजे एटीएम से पूरी राशि की चोरी से पहले दो बार कैसलेश ट्रांजैक्शन किए गए थे। इन दोनों ही ट्रांजैक्शन के समय का फुटेज एटीएम में लगे सीसीटीवी कैमरे में नहीं कैद हुए हैं।
रात 2:57 बजे एटीएम के सेफ डोर को खोले जाने का संदेश प्राप्त हुआ है। महज 59 सेकेंड में एटीएम का कैश ट्रे समेत 31.12 लाख रुपये बदमाश लेकर निकल गए।
हैरान करने वाली बात यह है कि बदमाशों के जाते समय का फुटेज सीसीटीवी कैमरे में कैद है। इससे और भी कई तरह के सवाल उठ रहे हैं।
15 दिनों से खराब है एटीएम का कैमरा और अलार्म
एटीएम चोरी की सूचना स्थानीय लोगों ने पुलिस को दी थी। एटीएम की सुरक्षा प्रणाली पूरी तरह काम नहीं कर रही थी।
एटीएम का कैमरा और अलार्म पिछले 15 दिनों से खराब था।
इस कारण बदमाशों के प्रवेश करने का फुटेज नहीं मिल सका।
इसके अलावा, सर्विलांस को भी इसकी पुख्ता जानकारी नहीं मिल सकी।
जांच कर रहे एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि 26 जून से एटीएम का कैमरा और अलार्म खराब था। इसे सही नहीं कराया गया।
पहले से थे 23 लाख रुपये, फिर क्यों डाले गए 23 लाख रुपये
दूसरी ओर ग्रामीण क्षेत्र के इस एटीएम में तीन जुलाई को एजेंसी ने 13 लाख रुपये डाल दिए, जबकि इसमें पहले से 23 लाख रुपये थे।
महज दो से ढाई लाख के औसत ट्रांजेक्शन वाले एटीएम में इतनी बड़ी राशि रहने के बाद भी 13 लाख रुपये रखने पर सवाल उठ रहे हैं। वह भी इसलिए जब एटीएम की सुरक्षा प्रणाली सही तरह से काम नहीं कर रही थी। यानी इसका सीसी कैमरा और अलार्म काम नहीं कर रहा था।
क्या कहते हैं सीएमएस एजेंसी के अधिकारी?
सीएमएस एजेंसी के ऑपरेशन हेड गोविंद कुमार ने कहा कि खराबी की जानकारी कैमरा सेल के इंचार्ज को दी गई थी। सेल के पदाधिकारियों को इसपर ध्यान देना चाहिए था।
एटीएम से छेड़छाड़ पर सर्विलांस टीम को मिल जाती है जानकारी
एसबीआइ के एक अधिकारी के अनुसार, किसी भी एटीएम के साथ अगर कोई छेड़छाड़ या पैसे चोरी करता है तो, उसकी तुरंत सूचना मुंबई और गुरुग्राम में एटीएम की ई-सर्विलांस टीम को जानकारी मिल जाती है।
कैमरे से वारदात की जानकारी मिलने पर पुलिस व नजदीक की बैंक शाखा को भी सूचना मिल जाती है। कार्रवाई में देरी होने के कारण बदमाश पैसे लेकर निकल भागते हैं।
एटीएम के पास 5 मिनट तक खड़े रहने के बाद बज उठता अलार्म
किसी भी एटीएम के पास अगर कोई पांच मिनट तक खड़ा हो जाए तो, उसका अलार्म ई-सर्विलांस सेल के पास चला जाता है।
उसके बाद सर्विलांस सेल संबंधित थाने को उसी वक्त मैसेज से तथा फोन से खबर कर देता है।
एटीएम में किसी तरह की वारदात होने पर कार्रवाई की सारी जिम्मेदारी पुलिस की होती है।
दो तरह से एटीएम की सुविधा
एसबीआई अधिकारी के अनुसार, दो तरह से एटीएम स्थापित की जाती हैं। एक बैंक के स्तर पर तो दूसरी आउटसोर्सिंग पर निजी कंपनी की ओर से।
बिजनेस के हिसाब से निजी कंपनी बैंक को पैसे देती है। एटीएम में पैसे रखने का लिमिट 40 लाख रुपये है। उससे अधिक का यहां एग्रीमेंट नहीं है।
एसबीआइ के जिले में अभी 174 एटीएम लगी हुई हैं। इसमें 63 एसबीआइ की और अन्य आउटसोर्स वालों की ओर लगाई गई है।
नई तकनीक वाली एटीएम की बॉडी को छूते ही बज उठता अलार्म
अभी नई तकनीक वाली जो एटीएम आई है, उसमें जमा-निकासी क्षेत्र के अलावा बाडी में नीचे या पीछे की तरफ टच करने के साथ ही अलार्म बजने लगेगा। इससे आसपास के लोगों को तो पता चल ही जाएगा, सर्विलांस सेल से पुलिस को भी तुरंत जानकारी जाएगी। ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में नई तकनीक वाली एसबीआइ की 10 एटीएम लगाई जा चुकी है।
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