खान-पान की इस लापरवाही के हो सकते गंभीर परिणाम, सचेत नहीं हुए तो लगाने पड़ सकते हैं अस्पतालों के चक्कर
Health News मौसम तेजी से बदल रहा है। इसका प्रभाव हमारे स्वास्थ्य पर देखने काे मिल रहा है। इस स्थिति में यदि हमलोग अपने खानपान को लेकर सचेत नहीं हुए तो इसके गंभीर दुष्परिणाम देखने को मिल सकते हैं। व्यवहार में बदलाव जरूरी है।
By Ajit KumarEdited By: Updated: Wed, 09 Mar 2022 12:54 PM (IST)
मुजफ्फरपुर, जागरण संवाददाता। यह समय मौसम में बदलाव का है। तापमान में बढ़ोतरी के साथ ही लाेगों के रहन-सहन और खान-पान में बदलाव आने लगे हैं। यह स्वाभाविक भी है, लेकिन कुछ बदलाव अभी स्वास्थ्य को नुकसान भी पहुंचेा रहे हैं। यदि उस ओर ध्यान नहीं दिया गया तो यह हमलोगों को बहुत ही बुरी तरह से बीमार कर सकता है। इसके गंभीर परिणाम सामने आ सकते हैं। यदि रहन-सहन को थोड़ा व्यवस्थित नहीं किया गया तो आपको भी अस्पताल के चक्कर काटने पड़ सकते हैं। मुजफ्फरपुर सदर अस्पताल के मेडिसीन विशेषज्ञ डा. सीके दास ने इस बारे में कुछ जरूरी सलाह दिए हैं। यदि इसका अनुपालन किया जाए तो हमलोग बीमार होने से बच सकते हैं।
- - दैनिक जागरण प्रश्न पहर में मेडिसीन विशेषज्ञ डा. सीके दास ने दिए स्वास्थ्य संबंधी सुझाव
- - अभी पंखा का स्विच आन करना बना देगा आपको बीमार
- - कहा, बदलते मौसम में रखें अपने स्वास्थ्य का खास ख्याल
पहनावे के चुनाव में भी सावधानी जरूरी उन्होंने कहा, अभी ठंडी से गर्मी की ओर बढ़ रहे हैं, इसलिए अपने खान-पान व पहनावे पर विशेष ध्यान दें। शाम में जब भी निकलें तो शरीर पर पर्याप्त कपड़ा रहना चाहिए। दैनिक जागरण प्रश्न पहर में मेडिसीन विशेषज्ञ डा. सीके दास ने परामर्श दिया कि अभी के समय में पंखा चलाना स्वास्थ्य संबंधी परेशानी खड़ी कर सकता है। इसलिए कोल्डड्रिंक, ठंडा पानी, फ्रीज में रखे खाद्य पदार्थ के सेवन से बचना जरूरी है। अगर सात दिन तक लगातार खांसी हो तो स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर बलगम की जांच कराएं। टीबी का इलाज हमेशा विशेषज्ञ चिकित्सक से ही कराना चाहिए। ऐसा नहीं करने पर जानलेवा साबित हो सकता है।
ये हैं उनके खास सुझाव -वरीय नागरिक व बच्चों के शरीर पर सुबह-शाम पर्याप्त कपड़ा रहना चाहिए, हल्का कपड़ा पहनने से बचें।
- किसी भी तरह की दवा अपने मन या दवा दुकानदार की सलाह पर न लें। चिकित्सक की सलाह से ही दवा का सेवन करें।- अपनी दिनचर्या में नाश्ता व भोजन की तरह व्यायाम को शामिल करें। नियमित टहलें।- अगर आप बीपी व मधुमेह के मरीज हैं तो नियमित दवा का सेवन व अपनी जांच कराते रहें।
- टीबी मरीज के इलाज, जांच व दवा की सुविधा सरकारी अस्पताल में बेहतर है।- खान-पान में दूध, हरी साग-सब्जी का भरपूर उपयोग करें।----------------कुछ खास सवाल प्रश्न : हर मौसम में सांस फूलने की समस्या है। ठंडा खाएं या नहीं, क्या करना चाहिए?उतर : यह एलर्जी के लक्षण हैं। ठंड से बचें। किसी विशेषज्ञ चिकित्सक से मिलें।प्रश्न : भोजन करने के तुरंत बाद टायलेट जाना पड़ रहा है। भूख भी नहीं लगती है।
उतर : किसी विशेषज्ञ चिकित्सक से संपर्क करें। अपने शरीर की पूरी जांच करा लें। पूर्व में अगर नशा का सेवन करते थे तो उसे बंद कर दें।प्रश्न : पांच साल से बीपी की दवा खा रहे हैं। अभी सुबह व शाम सुस्ती लगती है। दवा छोड़ दें।उतर : दवा नहीं छोडें। अपने चिकित्सक से संपर्क करें। कभी भी अपनी मर्जी से दवा बंद नहीं करना चाहिए।प्रश्न : 15 दिन से लगातार खांसी हो रही है। क्या करें।
उतर : अपने निकटतम पीएचसी में जाकर बलगम की जांच करा लें। उसके बाद ही पता चलेगा कि टीबी है या नहीं।प्रश्न : सर्दी, खांसी व बुखार है तो क्या करें।उतर : ठंडा सामान खाने से परहेज करें। गुनगुने पानी का सेवन करते रहें। रात में पंखा चलाकर नहीं सोना चाहिए।इन लोगों ने किया सवाल दीपू तिवारी, विशुनपुर जीवनारायण पारू, पप्पू कुमार सहिला बोचहां, कासीम खान बडेदा बोचहां, पार्थ सारथी, तारा विशुनपुर, सिद्धेश्वर प्रसाद, धर्मशाला चौक, उदय कुमार छपरा, विनोद कुमार जसौली, अलीराज अंसारी, विमल कुमार झा, सवास गायघाट, राजीव रंजन जीरोमाइल, मो. कासीम चंदवारा, सरोज कुमारी मालीघाट, संगत महतो जवाहर लाल रोड, मनमोहन कुमार बैरिया, लक्ष्मण सहनी मिठनसराय।
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