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Toll Tax: टोल टैक्स को लेकर बदल गया नियम! अब किलोमीटर के हिसाब से कटेगा पैसा; गाड़ी कंपनियों को भी मिला नया निर्देश

टोल टैक्स को लेकर अब नियम बदल गया है। अब एनएच पर टोल प्लाजा नहीं दिखेंगे। इसके बजाय वाहनों में जीपीएस मशीन लगाई जाएगी और जितने किलोमीटर गाड़ी चलेगी उतना ही टोल देना होगा। यह व्यवस्था 2025 से पूरे देश में लागू हो जाएगी। इससे टोल पर लगने वाले जाम से मुक्ति मिलेगी और टोल वसूली में भी पारदर्शिता आएगी।

By babul deep Edited By: Mukul Kumar Updated: Mon, 16 Sep 2024 01:47 PM (IST)
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प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर
बाबुल दीप, मुजफ्फरपुर। एनएचएआई (नेशनल हाईवे आथिरिटी आफ इंडिया) की ओर से सभी एनएच से अब टोल प्लाजा को हटाने की दिशा में काम शुरू कर दिया गया है। ऐसा नहीं है कि इसके हटाए जाने के बाद टोल की वसूली बंद हो जाएगी। बल्कि टोल पर रुकने के झंझट से वाहनों को मुक्ति मिलेगी।

दरअसल एनएचएआइ की ओर से अगले वर्ष अप्रैल-मई से सभी वाहनों में से फास्ट टैग हटाकर जीपीएस मशीन लगाना अनिवार्य कर दिया जाएगा। इसके बाद एनएच पर जितने किलोमीटर वाहन चलेगा, उतने का टोल देना होगा।

एनएचएआइ के परियोजना निदेशक ललित कुमार ने बताया कि सरकार की ओर से इसकी मंजूरी मिल गई है। जिस तरह से टोल के लिए वाहनों में फास्ट टैग लगाया गया था, अब उसी प्रकार जीपीएस लगाए जाएंगे।

अक्सर लोगों से शिकायत मिलती थी कि वे टोल प्लाजा से चार किलोमीटर पहले एनएच पर चले और टोल पार कर पांच किलोमीटर या इससे कम चले। यानी महज नौ किलोमीटर चलने के लिए उनसे पूरे टोल की वसूली की गई। इसे देखते हुए एनएचएआइ ने वाहनों में मशीन लगाने की तकनीकी विकसित की है।

अगर आप पांच किलोमीटर ही टोल रोड में चलेंगे तो उतना ही टोल कटेगा। उन्होंने कहा कि अभी किलोमीटर के हिसाब से दर निर्धारण नहीं किया गया है, लेकिन इस दिशा में तेजी से काम चल रहा है। वर्ष 2025 के अप्रैल-मई से यह व्यवस्था पूरे देशभर में लागू होने की संभावना है।

हादसे रोकने को लगेंगे स्पीडो मीटर

परियोजना निदेशक ने बताया कि वर्तमान में टोल पर हाई रिजोल्यूशन वाले कैमरे लगाए गए हैं। इसके माध्यम से ई-डिटेक्शन कर चालान काटे जाते हैं। ऐसे वाहनों का चालान कट रहा है, जिसका प्रदूषण या इंश्योरेंस फेल हो चुका है। उनके वाहन के नंबर को कैमरा कैद करता है और पूरा ब्योरा खंगालता है।

अगर प्रदूषण या इंश्योरेंस फेल होता है तो वाहन मालिक के मोबाइल पर चालान कटने और जुर्माना राशि का मैसेज भेजा जाता है। जब टोल प्लाजा हटेगा तो सभी एनएच पर कुछ किलोमीटर निर्धारित कर इसके बीच-बीच में स्पीड कंट्रोल के लिए स्पीडो मीटर और कैमरा भी लगाए जाएंगे। जिससे उक्त प्रक्रिया निरंतर जारी रहेगी।

अगर तय गति से अधिक वाहन चलाएंगे तो स्वत: चालान कट जाएगा। अभी मुजफ्फरपुर-मोतिहारी एनएच पर स्पीडो मीटर लगा हुआ है। अलग-अलग एनएच के लिए अलग-अलग स्पीड निर्धारित की जाएगी। यानी उस एनएच पर हादसों का आकलन और आवागमन की स्थिति को देखते हुए वाहनों की गति का निर्धारण होगा।

शोरूम से लगकर आएगी मशीन

बताया गया कि जब यह तकनीक लागू कर दी जाएगी तो शोरूम से निकलने वाली गाड़ियों में वहीं से लगाकर जीपीएस मशीन दी जाएगी। जबकि पुरानी गाड़ियों में एनएचएआइ की ओर से हाइवे पर इसे लगाने की व्यवस्था की जाएगी। शुरुआती दिनों में करीब दो हजार किलोमीटर के राष्ट्रीय राजमार्ग पर इसे लागू किया जाएगा।

फिर नौ महीने में 10 हजार, 15 महीने में 25 हजार और दो वर्षों में 50 हजार किलोमीटर तक इसे बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने बताया कि देश में राष्ट्रीय राजमार्ग की कुल लंबाई करीब 1.4 लाख किलोमीटर है, इसमें से 45 हजार किलोमीटर पर टोल की वसूली होती है।

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