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Bihar News: एक अनूठा गांव जहां के 95 फीसद बच्चे एक ही दिन मनाते 'बर्थडे', जानकर आप भी चौंक जाएंगे

बिहार के मुजफ्फरपुर स्थित प्राथमिक विद्यालय बालक मनियारी में नामांकन के लिए आवेदन करने वाले 95 फीसद बच्चों का जन्मदिन एक ही है। सभी प्रमाण पत्र कंप्यूटर से तैयार किए गए हैं। इसकी जानकारी सामने आने के बाद सभी चौंक गए।

By Ajit KumarEdited By: Updated: Thu, 05 May 2022 08:32 AM (IST)
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मनियारी के एक स्कूल का मामला, सदर अस्पताल के नाम पर बने हैं जन्म प्रमाणपत्र। प्रतीकात्मक फोटो

मुजफ्फरपुर, [अमरेंद्र तिवारी]। बिहार के मुजफ्फरपुर में एक ऐसा गांव है जहां के 95 फीसद बच्चों का बर्थडे एक ही है। यानी एक जनवरी। कल्पना करें उस गांव में एक जनवरी के दिन कैसा माहौल होता होगा? हर घर से हैप्पी बर्थडे टू यू की आवाज आती होगी। बच्चे नए कपड़ों में सजे धजे होते होंगे। गिफ्ट के लिए मचलते होंगे। इससे पहले कि आप कल्पना के घोड़ों को और दौड़ाएं, परेशान हों, मैं आपकाे स्पष्ट कर दूं कि यह कोई ईश्वरीय चमत्कार नहीं वरन सरकारी योजनाओं का गलत ढंग से लाभ लेने के लिए सक्रिय गिरोह की करतूत है। पोशाक राशि, मध्याह्न भोजन राशि का लाभ लेने के लिए फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनवा दिया गया। इसमें सभी बच्चों का जन्मदिन एक जनवरी डाल दिया गया, जबकि जन्म का वर्ष अलग-अलग दिखाया गया है। 

  • -एक स्कूल में 95 प्रतिशत बच्चों की जन्मतिथि एक जनवरी, जांच में प्रमाणपत्र निकला फर्जी
  • -सदर अस्पताल उपाधीक्षक ने कराई जांच तो फर्जी होने का पता चला, अन्य स्कूलों में हो सकती गड़बड़ी

जन्म के वर्ष अलग-अलग

विद्यालयों में बच्चों के नामांकन के लिए सदर अस्पताल के नाम पर बने फर्जी कंप्यूटराइज्ड जन्म प्रमाणपत्रों का सहारा लिया जा रहा है। जिले के कुढऩी प्रखंड के प्राथमिक विद्यालय बालक, मनियारी में बड़ी संख्या में ऐसे प्रमाणपत्र मिले हैं। इस स्कूल में नामांकन के लिए आए आवेदनों में 95 प्रतिशत बच्चों की जन्मतिथि एक जनवरी पाई गई है। इनमें जन्म के वर्ष अलग-अलग जरूर हैं। सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डा. एनके चौधरी ने प्रमाणपत्र के फर्जी होने की पुष्टि की है। उपाधीक्षक ने बताया कि सदर अस्पताल के नाम पर बने हुए जन्म प्रमाणपत्र उनके सामने आए हैं। जांच कराई तो पता चला कि यहां से इसे जारी नहीं किया गया है। उस पर जो हस्ताक्षर है, वह उनका नहीं है। उन्होंने कहा कि जिस स्कूल में नामांकन के लिए प्रमाणपत्र जमा किया गया था, वहां के स्कूल प्रशासन ने अभी तक संपर्क नहीं किया है।

इस तरह से आया मामला

प्राथमिक विद्यालय बालक, मनियारी में नामांकन के लिए प्रधान शिक्षक उमेश दिवाकर के पास आए जन्म प्रमाणपत्र में अधिकतर में जन्मतिथि एक जनवरी ही लिखी हुई थी। नामांकन से पहले विद्यालय के प्रधानाध्यापक को शक हुआ। उन्होंने अपने स्तर से छानबीन की। उसके बाद इसकी जानकारी उपाधीक्षक सदर अस्पताल को दी गई। उन्होंने जब छानबीन की तो पता चला कि यह सही नहीं है। प्रधानाध्यापक ने कहा कि वह इस संबंध में सदर अस्पताल से पत्राचार करेंगे। शिक्षा विभाग के वरीय अधिकारी को इसकी जानकारी देंगे।

फर्जी प्रमाणपत्र से योजनाओं का उठाते लाभ

फर्जी जन्म प्रमाणपत्र के आधार पर एक छात्र का नामांकन एक से अधिक विद्यालयों में कराया जाता है। इस आधार पर पोशाक राशि, मध्याह्न भोजन राशि फर्जी तरीके से एक से अधिक जगहों से उठाया जा सकता है। कंप्यूटर से निकाले गए इन फर्जी प्रमाणपत्रों को बनाने का जिले में बड़ा रैकेट चल रहा है। इसमें विभिन्न तरह के आनलाइन प्रमाणपत्र बनाने वाले शामिल हैं। विभागीय मिलीभगत से इन्कार नहीं किया जा सकता। वरीय अधिकारी जांच करेंगे तो बहुत बड़ा मामला सामने आ सकता है।