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Coronavirus : COVID-19 : वैशाली की सांसद वीणा देवी का चिकित्सकों ने किया परीक्षण, जानिए क्या रही उनकी रिपोर्ट

Coronavirus COVID-19 एसकेएमसीएच पहुंचीं। वहां स्क्रीनिंग की गई। कोई लक्षण नहीं मिला। चिकित्सकों ने होम क्वारंटाइन पर रहने की सलाह दी।

By Ajit KumarEdited By: Updated: Fri, 10 Apr 2020 08:46 AM (IST)
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Coronavirus : COVID-19 : वैशाली की सांसद वीणा देवी का चिकित्सकों ने किया परीक्षण, जानिए क्या रही उनकी रिपोर्ट

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। वैशाली सांसद वीणा देवी सदन खत्म होने के बाद सड़क मार्ग से वापस आई थीं। इस बीच लॉकडाउन के बाद वह यहां अपने आवास पर थीं। वैशाली सिविल सर्जन व जिलाधिकारी के सुझाव पर वह स्वेच्छा से एसकेएमसीएच पहुंचीं। वहां स्क्रीनिंग की गई। इस दौरान उनमें कोरोना का कोई लक्षण नही मिला। फिलहाल, चिकित्सकों ने उनको होम क्वारंटाइन पर रहने की सलाह दी है।

मोबाइल से समस्याओं का निदान

सांसद ने बताया कि जब से लॉकडाउन हुआ है वह इसका पालन कर रही हैं। पिछले 14 दिनों से घर पर ही हैं। मोबाइल से जनता की समस्याओं का निदान करा रही हैं। सांसद ने कहा कि देश कोरोना के संकट से गुजर रहा है। खुद प्रधानमंत्री व पूरा मंत्रिमंडल, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित सभी सांसद इस नियम का पालन कर रहे हैं। वह सरकार के हर कदम पर जनता के साथ हैं। आम लोगों को लॉकडाउन का पालन करने का सुझाव दिया।

शिक्षक और कर्मचारियों ने सीएम को भेजा त्राहिमाम संदेश

सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नाम  बिहार राज्य संबद्ध डिग्री महाविद्यालय शिक्षक-शिक्षकेतर कर्मचारी संघ ने त्राहिमाम संदेश भेजा है। इस संदेश में अनुदान की राशि में कटौती कर सरकार की नीति से विमुख होने का आरोप लगाया गया है। संघ ने कहा है कि राज्य में जहां एक ओर अंगीभूत कॉलेजों के शिक्षकों व कर्मचारियों को सातवां वेतनमान दिए जाने का निर्णय लिया है, वहीं अनुदानित कॉलेजों के शिक्षकों कर्मचारियों को 1.5 करोड़ रुपये से अधिक दिए जाने का निर्णय सही नहीं है।

 संघ ने आग्रह किया है कि अनुदानित कॉलेजों को घाटानुदान और सेवा के बाद पेंशन के लिए ईपीएस योजना के क्रियान्वयन का निर्णय जारी करें। संघ के अध्यक्ष पीके शाही ने कहा कि सात वर्षों से अनुदानित डिग्री कॉलेजों का अनुदान बकाया है। सरकार तरह-तरह की जांच कर टाल-मटोल की नीति अपना रही है। कभी संबंद्धन तो कभी नामांकन तो कभी पद सृजन से लेकर नियमितिकरण व नियुक्ति के नाम पर बेवजह मामले को उलझाया जा रहा है।  

 सीएम से आग्रह करने वालों में संचालन समिति के अध्यक्ष पीके शाही, डॉ. दिनेश मिश्रा, डॉ सुनील कुमार, डॉ इमाम मोहम्मद, प्रो. नवल किशोर ङ्क्षसह, डॉ वीणा कुमारी, प्रो. विभूति नारायण, प्रो. धीरेंद्र कुमार ङ्क्षसह, प्रो. विजय भूषण, प्रो. घनश्याम, प्रो. राकेश मिश्रा, डॉ. बबीता, डॉ रागिनी, डॉ. दिनेश मिश्रा, डॉ. संजय चौधरी, प्रो. भगत, प्रो. आजाद, डॉ.  सीमा कुमारी शामिल हैं। 

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