Bihar Politics: 'आपातकाल के विरोध में जन्मे और...' विजय सिन्हा ने Lalu Yadav पर कसा तीखा तंज, कांग्रेस पर भी बरसे
Bihar Politics बिहार के उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा आपातकाल को लेकर लालू यादव पर तंज कसा है। विजय सिन्हा ने कहा कि आपातकाल के अंधेरे से इस देश को बिहार के लाल जय प्रकाश ने निकाला था। आपातकाल के विरोध में कई नेता निकले लेकिन आज कुछ लोग इसे लागू करने वालों की ही गोद में बैठ गए हैं।
जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। बिहार के उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने बुधवार को मुजफ्फरपुर में आपातकाल के 49 साल पूरा होने पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधत किया। इस मौके पर उन्होंने कांग्रेस और लालू यादव पर जमकर हमला बोला।
विजय सिन्हा ने कहा कि आज से 49 साल पहले अपने ही देश की जनता पर आपातकाल लगाकर अत्याचार किया गया। यह अत्याचार गुलामी के दिनों से भी अधिक था। इंदिरा गांधी की तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने 1975 में आपातकाल लगाकर संविधान को तहस-नहस कर दिया। लोगों के मौलिक अधिकार छीन लिए गए।
बिहार के लाल ने देश को आपातकाल के अंधेरे से बाहर निकाला
विजय सिन्हा ने कहा कि देश को इस अंधेरे से बिहार के लाल जय प्रकाश ने बाहर निकाला। उनके नेतृत्व में आपातकाल के खिलाफ आंदोलन हुआ और देश की जनता ने इंदिरा को सत्ता से बाहर कर दिया।उन्होंने कहा कि आपातकाल के विरोध ने कई नेताओं को जन्म दिया। दुख की बात यह है कि इनमें से कुछ नेता आज आपातकाल लागू करने वालों की गोद में बैठ गए।
लालू परिवार पर साधा निशाना
लालू परिवार पर निशाना साधते हुए विजय सिन्हा ने कहा कि देश में कांग्रेस ने आपातकाल लगाकर अपनी ही जनता पर अत्याचार किया। बिहार के लाल जेपी के नेतृत्व में इसका विरोध हुआ। देश ने जेपी का साथ दिया। आपातकाल के विरोध में जिन नेताओं का जन्म हुआ वह सत्ता सुख के लिए इमरजेंसी लगाने वालों की गोद में बैठ गए। बिहार को बदनाम कर दिया।परिवार को बचाने के लिए लगाई गई थी इमरजेंसी
उन्होंने आगे कहा कि देश नहीं परिवार को बचाने के लिए इमरजेंसी लगाई गई थी। यह बात नई पीढ़ी को जानने की जरूरत है। इसलिए आपातकाल में कांग्रेस सरकार द्वारा किए गए अत्याचार की जानकारी घर-घर पहुंचाएं।
उन्होंने कहा, आज संविधान को लेकर जो लोग शोर मचा रहे हैं वे कौन लोग हैं?
उन्होंने कहा कि जो बार-बार शोर मचाए, समाज उसे ही चोर कहता है। देश में 75 बार राष्ट्रपति शासन लगाकर निर्वाचित सरकार को ध्वस्त करने वाले संविधान की दुहाई देते हैं। आधी रात में बिहार में 2005 में तत्कालीन राष्ट्रपति अब्दुल कलाम आजाद साहब से विदेश में हस्ताक्षर कराकर राष्ट्रपति शासन लगाने वाले संविधान की दुहाई देते हैं।
उन्होंने कहा, जिस संविधान की मूल आत्माओं में हिंदुस्तान बसता है उसे धूमिल करने का खेल खेला गया। संविधान के 22 भाग में प्रथम वैदिक काल से शुरू होता है। हड़प्पा संस्कृति से लेकर तीसरा भाग पर भगवान राम और मौलिक अधिकार की भी बात होती है। इसमें श्रीराम, मां जानकी और लक्ष्मण का चित्र लगा है। बाजार में जो संविधान मिलता है उसमें यह चित्र दिखाई नहीं पड़ता है।
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