यहां 320 में 73 वार्डों में ही पानी सप्लाई का काम हुआ, वह भी आधा-अधूरा
मुजफ्फरपुर जिले के गायघाट प्रखंड क्षेत्र में राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी सात निश्चय योजना का हाल बुरा है। हर घर नल का जल का लाभ लोगों को नहीं मिल रहा।
मुजफ्फरपुर, [संतोष मिश्रा]। सरकार योजनाएं तो चलाती है, लेकिन प्रशासनिक शिथिलता, अधिकारियों की मनमानी और बिचौलियों की दखलअंदाजी उन योजनाओं का लाभ आम जनता तक पहुंचने नहीं देता। मुजफ्फरपुर जिले के गायघाट प्रखंड क्षेत्र में राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी सात निश्चय योजना का भी यही हाल है।
पानी आया नहीं, हो गया उद्घाटन
गायघाट प्रखंड के 320 वार्डो में हर घर नल का जल व गली-नाली योजना किसी तरह आरोप-प्रत्यारोप से जूझते हुए शुरू तो हुई, लेकिन मात्र 73 वार्डो में ही आधे-अधूरे हाल में इसका क्रियान्वयन देखने को मिल रहा है। हाल तो यह है कि नल से बिना एक बूंद पानी टपके उद्घाटन भी हो गया।
जलमीनार, पाइप सब दिखावे भर के लिए
कई वार्डों में लोगों के घरों में नल तो लगा परंतु जल नहीं निकल सका, तो कहीं जलमीनार केवल दिखावे को खड़ी है। कई जगह पानी सप्लाई के लिए बिछाई गई पाइप धरती से निकल कर पैदल चलने वाले राहगीरों के पैरों में उलझती रहती है।
उद्घाटन के दिन ही पानी दे सकी टंकी
गायघाट प्रखंड के बरूआरी में बनी जलमीनार बंद पड़ी है। यहां प्रखंड मुख्यालय पर बनी पानी टंकी सिर्फ उद्घाटन के दिन ही पानी दे सकी। इसी तरह बखरी बहादुरपुर की पानी टंकी नियमित जलापूर्ति नहीं देने के कारण बेकार साबित हो रही है। इससे सुबह-शाम एक घंटे भी जलापूर्ति नहीं होती है। पंचायत में वार्ड विकास समिति द्वारा बनाई गई पानी टंकी का हाल यह है कि कहीं उद्घाटन के साथ ही उनसे पानी सप्लाई बंद हो गई, तो कहीं घटिया सामग्री इस्तेमाल की शिकायत करते लोग थक गए परन्तु कोई कार्रवाई नही हुई।
जांच की मांग अनसुनी
कई गांवों में नल-जल के काम में मात्र खानापूरी की गई, जिसकी जांच कराने के लिए ग्रामीण प्रखंड से लेकर जिला मुख्यालय तक दौड़ते-दौड़ते थक गए, मगर कोई कार्रवाई नहींं की जा सकी। निराश होकर अब ग्रामीणों ने आवाज उठाना भी बंद कर दिया हैं। उधर, बीडीओ विमल कुमार के मुताबिक सात निश्चय योजना के अंतर्गत 73 वार्डों में हर घर नल का जल का कार्य पूरा हो चुक है। हालांकि उन्हें यह स्पष्ट जानकारी नहीं है कि कितने वार्ड मे कार्य अधूरा पड़ा है।