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बिहार की राजनीति में गृह मंत्री अमित शाह की एंट्री, मुकेश सहनी से उनकी क्या थी डीलिंग? वरीय भाजपा नेता ने राज से हटाया पर्दा

Bihar Assembly By-election 2022 यूपी विधानसभा चुनाव 2022 संपन्न होने तथा बिहार विधानसभा उपचुनाव 2022 की घोषणा के साथ ही बिहार एनडीए के दो प्रमुख दल भाजपा व वीआइपी के बीच जारी विवाद अब सतह पर आ गया है।

By Ajit KumarEdited By: Updated: Mon, 14 Mar 2022 07:09 AM (IST)
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भाजपा नेता मुकेश सहनी को एनडीए से बाहर का रास्ता दिखाने की बात कह रहे हैं। फाइल फोटो

मुजफ्फरपुर, [अमरेंद्र तिवारी]। उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2022 की सरगर्मी अभी कम भी नहीं हुई थी कि चुनाव आयोग ने बिहार में विधानसभा उपचुनाव की घोषणा कर दी। कहने के लिए तो यह एक सीट के लिए उपचुनाव है, लेकिन इसकी वजह से जो तूफान उठ खड़ा हुआ है उसने पूरे राज्य की राजनीति को हिला कर रख दिया है। विशेषकर सत्ताधारी एनडीए की राजनीति को। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के दो दल भाजपा व वीआइपी के बीच यूपी विधानसभा चुनाव के समय जो कड़वाहट पैदा हुआ, वह बोचहां विधानसभा उपचुनाव की घोषणा के बाद और बढ़ ही गया है। वहीं अब तक चुप्पी साध रखे भाजपा नेताओं ने वीआइपी सुप्रीमो मुकेश सहनी पर लगातार हमले शुरू कर दिए हैं। उन्हें एनडीए से बाहर किए जाने और मंत्री पद से हटाने की सार्वजनिक रूप से मांग की जा रही है। इस विवाद के बीच बिहार की राजनीति में गृह मंत्री अमित शाह की एंट्री हो गई है। एक वरीय भाजपा नेता ने बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के समय मुकेश सहनी और अमित शाह के बीच हुए गुप्त समझौत को सार्वजनिक किया है। 

मुकेश सहनी ने अपना वादा नहीं निभाया

हाल में संपन्न पांच राज्यों के चुनाव में भाजपा ने चार में शानदार प्रदर्शन किया। इससे उत्साहित भाजपा सांसद व बिहार भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष अजय निषाद ने एक संवाददाता सम्मेलन का आयोजन किया था। इस दौरान मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने एक बड़े राज से पर्दा हटा दिया। उन्होंने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान जब तेजस्वी यादव की प्रेस वार्ता के बीच से मुकेश सहनी उठकर चले गए थे तो बाद में उनकी गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात हुई थी। उस दौरान यह तय किया गया था कि फिलहाल भाजपा अपने कोटे से वीआइपी को 11 सीट देगी और चुनाव के बाद वीआइपी का भाजपा में विलय हो जाएगा। इन्हीं शर्तों पर दोनों दलों के बीच समझौता हुआ था। चुनाव के बाद सरकार भी बन गई। मुकेश सहनी को भाजपा ने मंत्री और एमएलसी भी बना दिया, लेकिन उन्होंने गृहमंत्री से किया हुआ अपना वादा नहीं निभाया। उल्टे यूपी में योगी आदित्यनाथ का रास्ता रोकेने चले गए।

24 मार्च के बाद मुकेश सहनी की विदाई तय

अजय निषाद ने दावा किया कि मुकेश सहनी को एनडीए से निकालने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। बोचहां विधानसभा उपचुनाव के लिए 24 मार्च को नामांकन करने का आखिरी दिन है। यदि उस दिन तक वीआइपी अपना उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतारती है तो उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा। वैसे भी उनका कोई भी विधायक उनके साथ नहीं है। एनडीए के सहयेाग से जीत कर आए वीआइपी के तीनाें विधायक एनडीए के हैं और वे भाजपा में शामिल हो जाएंगे। मुजफ्फरपुर सांसद के इस रहस्योद्घाटन के बाद ही लोगों को इस बात की जानकारी हो सकी है कि बिहार विधानसभा चुनाव के समय मुकेश सहनी और अमित शाह के बीच क्या समझौता हुआ था? यदि उन्होंने इस राज से पर्दा न हटाया होता तो यह राज राज ही बनकर रह जाता। 

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