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कुछ तो गड़बड़ है... BRA बिहार विवि के कुलपति-कुलसचिव समेत 4 के खिलाफ FIR दर्ज, KK Pathak का विभाग फिर सख्त

BRA Bihar University शिक्षा विभाग ने बीआरए बिहार विश्वविद्यालय पर सख्ती दिखाई है। विश्वविद्यालय के कुलपति कुलसचिव वित्तीय सलाहकार और वित्त पदाधिकारी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। विभाग ने वित्तीय अनियमितता का आरोप लगाया है। विश्वविद्यालय थानाध्यक्ष ने बताया कि मामला दर्ज कर लिया गया है। शीघ्र जांच कर मामले की कार्रवाई शुरू की जाएगी।

By Ankit KumarEdited By: Aysha SheikhUpdated: Fri, 06 Oct 2023 01:11 PM (IST)
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बीआरए बिहार विवि के कुलपति-कुलसचिव समेत 4 के खिलाफ FIR दर्ज, KK Pathak का विभाग फिर सख्त
जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के कुलपति, कुलसचिव, वित्तीय सलाहकार और वित्त पदाधिकारी के खिलाफ वित्तीय अनियमितता के मामले में विश्वविद्यालय थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।

क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक डॉ. देवेंद्र कुमार की ओर से दिए गए आवेदन पर प्राथमिकी दर्ज हुई है। आरडीडीई ने कहा है कि उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. रेखा कुमारी के आदेश पर उन्होंने प्राथमिकी कराई है।

आवेदन में कहा गया है कि दैनिक वेतनभोगी कर्मियों के भुगतान, स्टेशनरी की खरीदारी, गोपनीय प्रिंटिंग प्रेस से बिना निविदा व एकरारनामा के प्रश्नपत्रों की छपाई और क्रय समिति का अनुमोदन प्राप्त नहीं होने समेत अन्य मामलों में बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितता की गई है।

कुलसचिव ने प्राथमिकी दर्ज कराने में की आनाकानी

इस मामले को लेकर जब शिक्षा विभाग ने 27 सितंबर को पत्र जारी कर कुलसचिव को इसमें संलिप्त पदाधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने को कहा तो उनकी ओर से आनाकानी की गई।

इसके बाद आरडीडीई ने कुलपति प्रो. शैलेंद कुमार चतुर्वेदी, कुलसचिव प्रो. संजय कुमार, वित्तीय सलाहकार जयप्रकाश शर्मा, वित्त पदाधिकारी विनोद कुमार को नामजद कर प्राथमिकी कराई।

विश्वविद्यालय थानाध्यक्ष अरशद नोमान ने बताया कि आरडीडीई की ओर से दिए गए आवेदन के आधार पर मामला दर्ज कर लिया गया है। शीघ्र मामले की जांच कर कार्रवाई शुरू की जाएगी। बता दें कि उच्च शिक्षा निदेशक ने बुधवार को आरडीडीई तिरहुत को पत्र भेजकर 24 घंटे के भीतर प्राथमिकी दर्ज कराने को कहा था।

शिक्षा विभाग ने इन बिंदुओं पर दिया कार्रवाई का निर्देश

शिक्षा विभाग ने पिछले महीने कराए गए अंकेक्षण की रिपोर्ट में बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितता की बात कही। इसमें कहा गया है कि मेसर्स दिशा इंटरप्राइजेज से 38 लाख रुपये के स्टेशनरी के सामान की खरीदी बिना निविदा प्रक्रिया के कर ली गई।

यह बिहार वित्तीय नियमावली 2003 के नियम 131-ज का उल्लंघन है। गोपनीय प्रिंटिंग प्रेस से निविदा एवं बिना एकरारनामा के प्रश्न पत्रों की छपाई के बदले 2017 से 2018 तक लगभग 58.62 लाख का भुगतान किया गया। इसपर क्रय समिति का अनुमोदन नहीं है।

2017 से 2020 तक किए गए व्यय के लिए एकरारनामा लगभग तीन वर्ष बाद 2021 में किया गया। यह नियम विरुद्ध है। एमएस समानता सिक्योरिटी एंड इंटेलीजेंस सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड से 2021-22 व 2022-23 में सुरक्षा संबंधी सेवा के लिए 19 लाख का भुगतान किया गया, सेवा लेने से संबंधित संचिका उपलब्ध नहीं कराई गई।

बिना निबंधित फर्म से खरीदारी, कार्यरत दैनिक वेतनभोगी कर्मी का ब्योरा नहीं देने समेत अन्य मामलों को भी इसमें शामिल किया गया है।

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